कौन हैं प्रो विनय पाठक, जिन्हें मिली मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विवि के कुलपति पद की जिम्मेदारी

अब एकेटीयू के साथ ही ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के कुलपति का कार्यभार भी वीके पाठक ही संभालेंगे जिसका आदेश कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने जारी किया है. यहां इससे पहले कुलपति रहे मसूद आलम को हटा दिया गया है.

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Prof Vinay Pathak became Vice Chancellor Moinuddin Chishti Language University Prof Vinay Pathak became Vice Chancellor Moinuddin Chishti Language University

आशीष श्रीवास्तव

  • लखनऊ,
  • 22 दिसंबर 2020,
  • अपडेटेड 3:27 PM IST

लखनऊ की ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्विद्यालय के नए कुलपति का चार्ज प्रोफेसर विनय कुमार पाठक को दिया गया है. विनय पाठक अभी एकेटीयू के कुलपति भी है. अब एकेटीयू के साथ ही ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती के कुलपति का कार्यभार भी वीके पाठक ही संभालेंगे जिसका आदेश कुलाधिपति आनंदीबेन पटेल ने जारी किया है. यहां इससे पहले कुलपति रहे मसूद आलम को हटा दिया गया है. 

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बता दें कि अरबी भाषा विभाग के प्रोफेसर मसूद आलम को इसी साल अक्टूबर में कुलपति प्रोफेसर माहरुख मिर्जा का कार्यकाल समाप्त होने के बाद प्रभारी कुलपति का चार्ज दिया गया था. प्रोफेसर विनय कुमार पाठक कंप्यूटर साइंस के विद्यार्थी हैं. प्रो पाठक को 26 वर्षों का अध्यापन का अनुभव है. साथ ही वह अब तक 5 विश्वविद्यालयों के कुलपति का कार्यभार संभाल चुके हैं. कुलपति के तौर पर यह उनका छठा विश्वविद्यालय होगा. 

प्रो पाठक ने अपनी नेतृत्व क्षमता से कुलपति रहते हुए पांचो विश्वविद्यालयों में शोध, नवाचार और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास से गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा को सुनिश्चित करने के सफल प्रयास किए हैं. प्रो विनय पाठक मंगलवार को ख्वाजा मुइनुद्दीन चिश्ती भाषा विश्वविद्यालय के कुलपति का कार्यभार ग्रहण करेंगे. 

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मूल रूप से उत्तर प्रदेश के प्रो विनय कुमार पाठक ने 25 नवंबर 2009 को ओपन यूनिवर्सिटी उत्तराखंड के कुलपति का कार्यभार संभालने से पहले HBTI कानपुर में सहायक प्रोफेसर, IIT कानपुर में परियोजना वैज्ञानिक और फिर HBTI कानपुर में प्रोफेसर और डीन के रूप में कार्य किया था. 

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पाठक ने अपनी बी.टेक डिग्री 1991 में हरकोर्ट बटलर टेक्नोलॉजिकल इंस्टीट्यूट, कानपुर से कंप्यूटर साइंस में पूरी की. इके बाद एम टेक डिग्री 1998 में IIT खड़गपुर से और Ph.D. कंप्यूटर विज्ञान में यू.पी. आईआईटी कानपुर, नवंबर 2004 के संयुक्त मार्गदर्शन में तकनीकी विश्वविद्यालय, लखनऊ से हासिल की. पाठक के अनुसंधान हितों में कम्प्यूटेशनल जियोलॉजी और इमेज प्रोसेसिंग शामिल हैं. पाठक वर्ष 1992 में वैदिक गणित के कार्यान्वयन में सहायक रहे हैं. 

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