कौन चेक करता है CBSE एग्जाम की कॉपियां? एक कॉपी के मिलते हैं इतने पैसे

CBSE बोर्ड की परीक्षाएं शुरू होने वाली हैं और स्टूडेंट्स ने इसके लिए तैयारी शुरू कर दी है. ऐसे में जानते हैं कि परीक्षा के बाद बोर्ड कॉपियों को चेक कौन करता है?

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सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा का आयोजन साल में दो बार करेगा. (Photo: PTI) सीबीएसई 10वीं बोर्ड की परीक्षा का आयोजन साल में दो बार करेगा. (Photo: PTI)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 20 नवंबर 2025,
  • अपडेटेड 1:05 PM IST

CBSE बोर्ड की परीक्षाएं जल्द ही शुरू होने वाली हैं. स्टूडेंट्स ने भी अपनी तैयारी शुरू कर दी है. परीक्षा देने के बाद स्टूडेंट्स के मन में सवाल होते हैं कि आखिर कौन हमारी कॉपियां चेक करता है? उन्हें सेलेक्ट कौन करता है और एक कॉपी चेक करने के उन्हें कितने पैसे मिलते हैं? तो जानते हैं कि उन टीचर्स के बारे में जो बोर्ड एग्जाम की कॉपियां चेक करते हैं...

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कौन होते हैं यह शिक्षक?

सीबीएसई के आधिकारिक नियमो के अनुसार, बोर्ड की कॉपियां CBSE की ओर से नियुक्त शिक्षकों द्वारा चेक किए जाते हैं. इनके नाम स्कूलों की ओर से CBSE को भेजा जाता है. बता दें कि CBSE गोपनीय कार्य उपनियमों के अनुसार, बोर्ड कई तरह के टीचर्स नियुक्त करता है, जिनके अलग अलग काम होते हैं, जैसे- 

परीक्षक - ये वह होते हैं जो उत्तर पुस्तिकाओं की जांच करते हैं.
मुख्य परीक्षक - इनका काम हौता है परीक्षक द्वारा किए गए काम की दोबारा जांच करना.
मुख्य / उप मुख्य परीक्षक - वे पूरे मूल्यांकन का पर्यवेक्षण करते हैं.
Scrutinizers (संवीक्षक) - ये छूटे हुए उत्तरों और गलतियों को दोबारा से जांच करने का काम करते हैं.

कैसे होता है इन टीचर्स का सेलेक्शन?

बता दें कि सबसे पहले स्कूल अपने योग्य शिक्षकों के नाम सीबीएसई को भेजता है. ये शिक्षक कई तरह के काम करते हैं, जिनमें मूल्यांकन का काम भी शामिल है. इसके बाद CBSE इन्हीं नामों में से टीचर्स का चयन करता है और उन्हें काम का अलॉटमेंट करता है. 

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कैसे होती हैं कॉपियों की जांच?

CBSE की ओर से कॉपियों की जांच बेहद पारदर्शिता के साथ की जाती है. इनमें कई चरण शामिल होते हैं. 

पहले चरण में परीक्षक आपके पेपर को चिह्नित किया जाता है, जिसके बाद उन्हें सबसे पहले मार्किंग योजना को समझना होता है. इसके बाद से सैंपल उत्तर को ध्यान से पढ़ना होता. इसके बाद से दिए गए निर्देश अनुसार वह आपको अंक देंगे. कोई भी शिक्षक अपने मूड या अपने नियमों के अनुसार अंक नहीं दे सकता है. 

इसके बाद से दूसरे चरण में मुख्य परीक्षक कॉपियों की जांच करता है. इस दौरान वह इस बात को सुनिश्चित करते हैं कि कोई अनुचित सख्ती ना की गई हो. इसके साथ ही वह इस बात पर भी खास ध्यान देते हैं कि मार्किंग सिस्टम का सही तरीके से यूज किया गया हो. 

वहीं, तीसरे चरण में जांचकर्ताओं की ओर से एक बाक फिर से जांच की जाती है, जो इस बात का ध्यान रखते हैं कि कॉपियों में सभी प्रश्नों का सही तरीके मूल्यांकन किया गया हो. दिए गए कुल नंबर सही हों. 

शिक्षकों को कॉपी चेक करने के कितने पैसे मिलते हैं?

रिपोर्ट्स के अनुसार, सीबीएसई कक्षा 10वीं के कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 25 रुपये और 12वीं की कॉपियों के मूल्यांकन के लिए 30 रुपये देता है. इसके साथ ही परिवहन किराया के रूप में 250 रुपये और भोजन के लिए केवल 75 रुपये दिए जाते हैं. लंबे वक्त से टीचर्स इसे बढ़ाने की मांग भी कर रहे हैं. 
 

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