अब पश्चिम बंगाल में SSC परीक्षा को लेकर विवाद, इन मांगों के लिए प्रदर्शन कर रहे छात्र

पश्चिम बंगाल में स्कूलों में निष्पक्ष भर्ती को लेकर अभ्यर्थियों का विरोध तेज हो गया है. सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में नौकरी की तैयारी कर रहे उम्मीदवारों ने स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) से ग्रेस मार्क्स का प्रावधान खत्म करने और रिक्तियों का पूरा विवरण जारी करने की मांग करते हुए कोलकाता में प्रदर्शन किया.

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कैंडिडेट्स की मांग है कि WBSSC निष्पक्ष तरीके से परीक्षा करवाए. (Photo: AI Generated) कैंडिडेट्स की मांग है कि WBSSC निष्पक्ष तरीके से परीक्षा करवाए. (Photo: AI Generated)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 26 सितंबर 2025,
  • अपडेटेड 7:53 AM IST

West Bengal SSC: पश्चिम बंगाल में सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में निष्पक्ष भर्ती के लिए अभ्यर्थी प्रदर्शन कर रहे हैं. उनकी मांग है कि पश्चिम बंगाल स्कूल सर्विस कमीशन (WBSSC) नई भर्ती में ग्रेस मार्क्स देने का प्रावधान खत्म करे साथ ही जितने पद भरे जाने हैं उनकी डिटेल्स शेयर करें. छात्रों का कहना है कि परीक्षा ट्रांसपेरेंसी और निष्पक्ष तरीके से होनी चाहिए. 

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डब्ल्यूबीएसएससी द्वारा हाल ही में आयोजित परीक्षा में शामिल हुए स्कूल नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों के एक वर्ग ने गुरुवार को कोलकाता के पूर्वी छोर पर साल्ट लेक में प्रदर्शन किया और सरकारी सहायता प्राप्त स्कूलों में निष्पक्ष भर्ती की मांग की. वे करुणामयी मेट्रो स्टेशन पर एकत्रित हुए और राज्य शिक्षा विभाग मुख्यालय विकास भवन तक एक किलोमीटर लंबा मार्च निकाला.

नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने कहा कि वे भर्ती अधिसूचना पर अपनी आपत्तियों को उजागर करने के लिए राज्य के शिक्षा मंत्री से मिलना चाहते हैं.पश्चिम बंगाल विद्यालय सेवा आयोग द्वारा 7 और 14 सितंबर को आयोजित राज्य स्तरीय चयन परीक्षा (SLST) में शामिल हुए आंदोलनकारी, उन बेदाग शिक्षकों को 10 अतिरिक्त अंक देने के प्रावधान को समाप्त करने की मांग कर रहे थे, जिन्होंने सर्वोच्च न्यायालय के आदेश के बाद अपनी नौकरी खो दी थी और नई परीक्षा में भाग लिया है.

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सर्वोच्च न्यायालय ने 2016 की भर्ती प्रक्रिया को "दूषित और दागी" बताते हुए राज्य-सहायता प्राप्त स्कूलों के 25,753 शिक्षण और गैर-शिक्षण कर्मचारियों को बर्खास्त करने का आदेश दिया था. प्रदर्शनकारियों ने दावा किया कि 10-ग्रेस-मार्क्स का प्रावधान नए उम्मीदवारों को वंचित करेगा और उन मानदंडों का उल्लंघन करेगा जो सभी उम्मीदवारों के लिए समान अवसर सुनिश्चित करते हैं. उन्होंने स्कूलों में रिक्तियों को तुरंत जारी करने की भी मांग की.

इस बीच, भर्ती विवाद में अपनी नौकरी गंवाने वाले गैर-शिक्षण कर्मचारियों ने कहा कि पिछले छह महीनों से उन्हें वेतन नहीं मिलने से परेशानी हो रही है. नौकरी के इच्छुक उम्मीदवारों ने कहा कि वे भर्ती अधिसूचना पर अपनी आपत्तियों को लेकर राज्य के शिक्षा मंत्री से मिलना चाहते हैं.

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