फर्जी डिग्री से नौकरी पाने वाले 134 सरकारी शिक्षक बर्खास्त, वापस करना होगा अब तक मिला वेतन

शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शामिल ओम प्रकाश को भी शिक्षा विभाग ने बर्ख़ास्त कर दिया है और ऐसे 30 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, जो इस घोटाले में शामिल पाए गए हैं.

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Rajasthan Teachers Dismissed Rajasthan Teachers Dismissed

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 31 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 9:31 AM IST

राजस्थान सरकार ने फ़र्ज़ी डिग्री से नौकरी पाने वाले 134 शारीरिक शिक्षकों और अन्य 30 कर्मचारियों को सेवा से बर्खास्त कर दिया है. शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने PTI को बर्खास्तगी का ऐलान करते हुए कहा, "जो भी वेतन या सरकारी खर्च इन्होंने अब तक उठाया है, उसकी वसूली की जाएगी. इन सभी 134 शारीरिक शिक्षकों के खिलाफ एसओजी ने फ़र्ज़ी दस्तावेज़ और फ़र्ज़ी डिग्री के आधार पर नौकरी पाने का मुक़दमा दर्ज किया है".

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शिक्षा मंत्री ने बताया कि एसओजी ने 244 शारीरिक शिक्षकों के खिलाफ शिक्षा विभाग को रिपोर्ट भेजी है, जिसमें कहा गया है कि कांग्रेस सरकार के गहलोत कार्यकाल के दौरान 2022 में PTI भर्ती में बड़े स्तर पर घोटाला हुआ था. इन शिक्षकों ने बिना पढ़ाई किए डिग्रियां खरीदीं या फ़र्ज़ी डिग्रियां बनवाकर नौकरी प्राप्त की थी.

134 शिक्षक हुआ बर्खास्त

एसओजी के निर्देश पर जब राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड ने इन शिक्षकों की जांच शुरू की, तो यह सामने आया कि कुल 312 शारीरिक शिक्षक अपात्र थे और फ़र्ज़ी तरीक़े से भर्ती हुए थे. इनमें से 244 शारीरिक शिक्षकों की नियुक्ति हो चुकी थी और वे स्कूलों में अपनी सेवाएं दे रहे थे. इस बीच एसओजी ने सरकार को 134 शिक्षकों के खिलाफ कार्रवाई करने के लिए लिखा था, जिस पर 18 जनवरी को सरकार ने क़ानूनी राय ली. इसके बाद सरकार ने इन शिक्षकों को नौकरी से बर्खास्त करने का ऐलान किया है. एसओजी अब इन शिक्षकों को गिरफ्तार भी कर सकती है.

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घोटाले में शामिल 30 कर्मचारी भी निलंबित

शिक्षा मंत्री ने यह भी बताया कि शारीरिक शिक्षक भर्ती परीक्षा में पेपर लीक मामले में शामिल ओम प्रकाश को भी शिक्षा विभाग ने बर्ख़ास्त कर दिया है और ऐसे 30 कर्मचारियों को निलंबित किया गया है, जो इस घोटाले में शामिल पाए गए हैं.

लम्बे समय से चल रहा था फर्जी नौकरी के खिलाफ आंदोलन

असल में, इन शिक्षकों की भर्ती के बाद से ही राजस्थान में इस मामले को लेकर आंदोलन चल रहा था. बेरोज़गारों ने सरकार से मांग की थी कि इनकी डिग्रियों की जांच की जाए, क्योंकि उनका आरोप था कि ये सभी फ़र्ज़ी हैं. हालांकि, कांग्रेस सरकार के दौरान इस पर कोई कार्रवाई नहीं हुई. आंदोलन करने वाले बेरोज़गारों ने राजस्थान कर्मचारी चयन बोर्ड और एसओजी को कई सरकारी कर्मचारियों के फ़र्ज़ी दस्तावेज़ सौंपे थे, जिसके बाद एसओजी ने जांच शुरू की थी. एसओजी ने उन यूनिवर्सिटीज़ और कॉलेजों की एक सूची भी सरकार को दी है, जहां से ये फ़र्ज़ी डिग्रियां तैयार की गई थीं.

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