राजस्थान में 19 हजार स्कूलों को थी मरम्मत की जरूरत, हादसों के बाद सरकार ने जारी किए 169 करोड़

पिछले कुछ दिनों में स्कूलों में हुए हादसों के बाद राजस्थान सरकार ने 1936 स्कूलों की मरम्मत के लिए 169 करोड़ रुपये जारी किए हैं.

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राजस्थान में स्कूलों की मरम्मत के लिए सरकार की ओर से 169 करोड़ जारी किए हैं. (Photo: PTI) राजस्थान में स्कूलों की मरम्मत के लिए सरकार की ओर से 169 करोड़ जारी किए हैं. (Photo: PTI)

शरत कुमार

  • जयपुर,
  • 29 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 4:55 PM IST

राजस्थान में झालावाड़ में जर्रर स्कूल के ढहने से हुई सात बच्चों की मौत के बाद से राजस्थान में आए दिन स्कूलों की छत और दीवार गिर रहे हैं. जैसलमेर में भी स्कूल का गेट गिरने से एक बच्चे की मौत के बाद राजस्थान सरकार ने आदिवासी और बॉर्डर इलाके समेत आधा दर्जन जिलों में बारिश के मौसम में स्कूल ही बंद करने का फैसला किया है.

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राजस्थान में करीब आठ हजार स्कूल ऐसे हैं, जिनमें मरम्मत की जरूरत है. लगातार हो रहे हादसों के बाद 1936 स्कूलों की मरम्मत के लिए 16952.95 लाख रूपए का बजट स्वीकृत किया गया है. हालांकि, अभी तक 194 करोड़ जारी हुए हैं.

बांसवाड़ा और डूंगरपुर जैसे आदिवासी इलाकों में जब जिला प्रशासन ने स्कूलों की स्थिति के बारे में पता किया तो पता चला कि इस इलाके में आधे स्कूल जर्जर हैं इसके बाद तय किया गया कि आधे बारिश के मौसम में दोनों जिलों के स्कूल बंद रहेंगे. इसी तरह झालावाड़ की घटना के बाद कोटा संभाग के कोटा, बारां और झालावाड़ में भी आगामी आदेश तक स्कूल को बंद कर दिया गया है.

19 हजार स्कूलों को मरम्मत की जरुरत

राजस्थान विधानसभा में पिछले साल सरकार ने आंकड़ा रखा था कि 19706 स्कूलों के 47933 कमरों के मरम्मत की जरूरत है. हैरानी कि बात ये है कि पिछले 25 सालों में 10 साल के वसुंधरा सरकार के शासन और 15 साल के अशोक गहलोत सरकार के शासन में इन स्कूलों की मरम्मत के लिए कुछ भी नहीं किया गया.

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वहीं, स्कूलों की मरम्मत होने तक जर्जर स्कूलों की छुट्टियां कर दी गई है. कहीं पूरे जिले में तो कहीं स्कूलों में छुट्टी रहेगी. जिला प्रशासन और शिक्षा अधिकारियों को निर्देश दिए गए हैं कि मरम्मत होने तक कंटेनर की व्यवस्था कराई जाए. कंटेनर में ही क्लास लगाई जाएंगी.

शिक्षा मंत्री ने दी ये जानकारी

राजस्थान के शिक्षा मंत्री मदन दिलावर ने कहा कि अब जिन स्कूलों की मरम्मत होगी, उनकी ऑडिट के बाद स्कूलों पर लिखा जाएगा कि बिल्डिंग की अवधि कब तक के लिए है. इसके साथ ही केंद्रीय मानव संसाधन मंत्री ने झालावाड़ की घटना के बाद फोन करके दिल्ली बुलाया है. ऐसे में राजस्थान के जर्जर स्कूलों के लिए केंद्र भी सहायता देने को राजी हो गया है.

साथ ही मदन दिलावर ने अपने बयानों को लेकर हो रही राजनीतिक पर कहा है, 'मेरी बातों को तोड़ मरोड़कर पेश किया गया है. मैंने ये नहीं कहा था कि मैं अपने पैसे से स्कूल की मरम्मत नहीं करा सकता हूं. पत्रकारों ने पूछा कि जर्जर स्कूलों की मरम्मत कब तक हो जाएगी तो हमने जल्द ऐसा किया जाने की बात कही थी. फिर पत्रकारों ने पूछा कि मरम्मत कब तक हो जाएगी तो हमने कहा कि सरकारी बजट से लेकर टेंडर और शुरुआत में कुछ वक्त लगता है, लेकिन फिर भी हमने कहा के मिनिमम टाइम में काम करना है. ऐसे हम किसी को सरकारी पैसे 10 लाख रुपये निकालकर स्कूल बनाने के लिए देंगे तो हम पर भ्रष्टाचार के आरोप लग जाएंगे.

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एक के बाद हो रहे हादसे

पहले झालावाड़ में पंचायत के स्कूल की दीवार गिरी, जिसमें सात बच्चों की मौत हो गई और दो गंभीर रूप से घायल है. झालावाड़ की घटना के चार दिन बाद जैसलमेर के बीजेपी विधायक छोटू सिंह के गांव पूनमनगर में स्कूल के गेट के पत्थर के नीचे दबकर पहली कक्षा के छात्र अरबाज़ की मौत हो गई. इसके बाद आगामी आदेश तक जैसलमेर में सभी स्कूल बंद कर दिए गए हैं जिसमें बारिश की वजह से सुरक्षा जांच के बाद ही इसे खोला जाएगा.

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