NEET UG 2024: नीट परीक्षा परिणाम 2024 का रिजल्ट सामने आने के बाद नेशनल टेस्टिंंग एजेंसी की शुचिता पर कई सवाल उठ रहे हैं. दरअसल, इस साल के परिणामों में 67 ऐसे स्टूडेंट्स हैं, जिनके 720 में से 720 अंक आए हैं. रिजल्ट देखने के बाद से यह सवाल खड़े हो गए कि आखिर इतने सारे बच्चों के फुल मार्क्स कैसे आ गए? वो भी नेगेटिव मार्किंग होने के बावदूज? इन सभी सवालों के बीच अब एनटीए की सफाई सामने आई है, जिसमें एनटीए ने बताया है कि फुल मार्क्स देने के पीछे का कारण क्या था. इसके अलावा बोनस मार्क्स और गलत जवाब पर नंबर देने के सवाल पर भी पक्ष रखा है.
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गलत जवाब पर दिए गए नंबर!
बता दें कि इस साल नीट के पेपर में एक सवाल पूछा गया था, दिसके चार ऑप्शन थे. जब आंसर-की सामने आई तो कैंडिडेट्स ने पुरानी किताब में सही उत्तर लिखे होने का हवाला देते हुए आपत्ति जताई, जिसके बाद एनटीए ने नई और पुरानी किताबों की जांच की और यह सामने आया कि छात्रों के दोनों ऑप्शन सही हैं. ऐसे में जिन्होंने पहले पर टिक किया था उसको भी पूरे नंबर मिले और जिसने दूसरे पर टिक किया था बाद में उसको भी पूरे नंबर दिए गए.
अधिकारी ने कही ये बात
aajtak के सहयोगी लल्लनटॉप ने एनटीए के अधिकारी से बातचीत की है. अधिकारी ने गलत जवाब वाली बात पर कहा कि हम सभी उम्मीदवारों को नीट की तैयारी के लिए केवल NCERT किताबों से तैयारी करने की सलाह देते हैं. इसलिए हमने उन सभी उम्मीदवारों को क्रेडिट देने का फैसला किया है जिन्होंने तीसरा ऑप्शन चुना.भारत में सदियों से बड़े भाई-बहन अपनी किताबें अपने छोटे भाई-बहनों को देते रहे हैं और इसमें कोई बुराई नहीं है. हम सबने ये किया है. NTA छात्रों को नई किताबें खरीदने के लिए भी नहीं कह सकता क्योंकि ये हर किसी के लिए आसान नहीं हो सकता. अब हम एक बैठक करेंगे और ऐसी स्थिति के लिए उचित प्रोटोकॉल बनाएंगे. उन्होंने बताया कि NTA ने उन सभी स्टूडेंट्स को 5 मार्क्स दिए जिन्होंने तीसरे ऑप्शन को चुना. इस वजह से कुल 44 छात्रों के अंक 715 से बढ़कर 720 हो गए जिससे टॉपर्स की संख्या बढ़ गई.
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सिर्फ 7 छात्रों को ही मिली है पहली रैंक
उन्होंने आगे कहा कि 67 छात्रों को पहली रैंक दी गई है लेकिन इसका मतलब ये नहीं है कि सभी 67 को एम्स में प्रवेश मिलेगा. हमारी टाई-ब्रेकर नीति है. उसके हिसाब से AIR 1 हासिल करने वाले हर छात्र को गणना की गई मेरिट सूची में उनकी वास्तविक स्थिति दिखाई देगी. छात्र के स्कोर कार्ड में उस विवरण का उल्लेख होता है.बता दें कि नीट यूजी परीक्षा के इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है जब एक साथ 67 छात्र टॉपर बने हैं. इसके अलावा रिजल्ट आने के बाद से छात्र और भी कई विसंगतियों को लेकर सवाल उठा रहे हैं.
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