कोटा: कोचिंग नगरी से आई बुरी खबर, परिजनों को जंगल में मिला 8 दिन से लापता छात्र रचित का शव

छात्र रचित 16 साल का था और कोटा में हॉस्टल में रहकर निजी कोचिंग से जईई की तैयारी कर रहा था. टेस्ट के नाम पर रविवार 11 फरवरी को दोपहर 12:30 बजे हॉस्टल से निकला था. उसके बाद से लापता था पुलिस और परिजनों को रचित की आखिरी लोकेशन गरडिया महादेव मंदिर के जंगल की मिली थी.

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चेतन गुर्जर

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  • 19 फरवरी 2024,
  • अपडेटेड 8:35 PM IST

बीते आठ दिनों से लापता छात्र रचित सोंधिया का शव गडरिया महादेव के जंगल में परिजनों को मिला है. परिवार शव को लेकर अस्पताल पहुंच रहा है. बता दें कि इस मामले में पुलिस प्रशासन नाकाम रहा. आख‍िर में परिजनों को छात्र रचित का शव मिला. परिवार का कहना है कि पुलिस प्रशासन ने नीचे उतरकर ढूंढने से मना कर दिया था, हम लोग नीचे की तरफ उतरे तो हमें रचित का शव पड़ा मिला. 

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छात्र रचित 16 साल का था और कोटा में हॉस्टल में रहकर निजी कोचिंग से जईई की तैयारी कर रहा था. टेस्ट के नाम पर रविवार 11 फरवरी को दोपहर 12:30 बजे हॉस्टल से निकला था. उसके बाद से लापता था पुलिस और परिजनों को रचित की आखिरी लोकेशन गरडिया महादेव मंदिर के जंगल की मिली थी. बता दें कि दो दिन पहले पुलिस को रचित के कमरे से कुछ नोट्स मिले थे, उसमें भी रचित ने लिख रखा था कि वह गडरिया महादेव मंदिर जा रहा है. 

बीते आठ दिनों से पुलिस, परिजन, दोस्त सभी उसे हर जगह तलाश रहे थे. परिजनों ने उसके नाम के पोस्टर भी शहर भर में लगाए थे. वहीं दो दिन पहले उसके कमरे से पुलिस को कुछ ऐसे नोट्स बरामद हुए थे जो स्टूडेंट की खराब मेंटल हालत और सुसाइड की ओर इशारा कर रहे थे. 

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क्यों लिखा- I really want to die...?

रचित के कमरे से मिले कुछ कॉपियों के पन्नों पर ऐसी लाइनें लिखी थीं. जिससे साफ पता चल रहा था कि छात्र मानसिक परेशानी का सामना कर रहा था. उसकी मेंटल हेल्थ शायद अच्छी नहीं थी और वो ये बात किसी से साझा नहीं कर पा रहा था. एक पन्ने पर तो उसने ये भी लिखा था कि  (I really want to die why I am fine) मैं वाकई मरना चाहता हूं, क्यों? मैं ठीक हूं. इस वाक्य को अगर मनोवैज्ञानिक नजरिये से समझें तो ऐसा प्रतीत होता है कि वो किशोर डिप्रेशन में था. मनोचिकित्सक मानते हैं कि जिन लोगों में सुसाइडल थॉट यानी आत्मघाती विचार आते हैं, वो लोग इसी ढर्रे से सोचते हैं. उन्हें एक तरफ महसूस होता है कि वो ठीक हैं, तो दूसरे ही पल मरने का विचार आता है. 

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