जस्टिस धनंजय यशवंत चंद्रचूड़ आज भारत के 50वें चीफ जस्टिस पद की शपथ लेंगे. सुप्रीम कोर्ट के मौजूदा सिटिंग जज जस्टिस चंद्रचूड़ अपने कई फैसलों के लिए जाने जाते हैं, यहां तक कि एक मामले में तो उन्होंने अपने पिता और पूर्व चीफ जस्टिस वी वाई चंद्रचूड़ का ही फैसला बदल दिया था. पूर्व सीजेआई यूयू ललित ने भी आठ नवंबर को अपने विदाई समारोह पर जस्टिस चंद्रचूड़ के कई मुकदमों का जिक्र किया था. यहां हम उनके बारे में कई जानकारियां दे रहे हैं.
डीवाई चंद्रचूड़ का जन्म 11 नवंबर 1959 को हुआ था. उनका पूरा नाम 'धनंजय यशवंत चंद्रचूड़' हैं. न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ ने दिल्ली यूनिवर्सिटी से LLB की पढ़ाई की है. इसके बाद उन्होंने प्रतिष्ठित InLaks स्कॉलरशिप की मदद से हार्वर्ड यूनिवर्सिटी में पढ़ाई की. हार्वर्ड में, उन्होंने लॉ में मास्टर्स (LLM) और न्यायिक विज्ञान में डॉक्टरेट (SJD) पूरी की. उन्होंने ऑस्ट्रेलियन नेशनल यूनिवर्सिटी, हार्वर्ड लॉ स्कूल, Yale लॉ स्कूल और University of Witwatersrand, दक्षिण अफ्रीका में लेक्चर्स भी दिए हैं.
50वें चीफ जस्टिस के तौर पर लेंगे शपथ
29 मार्च 2000 को, उन्हें बॉम्बे हाईकोर्ट के अतिरिक्त न्यायाधीश के रूप में नियुक्त किया गया. उन्होंने 31 अक्टूबर 2013 को इलाहाबाद उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली. चीफ जस्टिस यूयू ललित के रिटायरमेंट के बाद, जस्टिस चंद्रचूड़ नवंबर 2022 से भारत के 50वें मुख्य न्यायाधीश के रूप में काम करेंगे. वह भारत के 16वें और सबसे लंबे समय तक सेवा करने वाले मुख्य न्यायाधीश, न्यायमूर्ति वाई वी चंद्रचूड़ के पुत्र हैं.
CJI वी वाई चंद्रचूड़ के फैसले को बदला
जस्टिस डी वाई चंद्रचूड़ ने 1976 के ADM जबलपुर केस में पूर्व चीफ जस्टिस और अपने पिता वी वाई चंद्रचूड़ का फैसला पलट दिया था. उन्होंने सुप्रीम कोर्ट के अपने फैसले में कहा कि निजता का अधिकार संविधान का अभिन्न हिस्सा है. उन्होंने पूर्व सीऐआई के फैसले को 'गंभीर रूप से गलत' बताया जिसे तत्कालीन चीफ जस्टिस जे एस खेलकर, जस्टिस आर के अग्रवाल और जस्टिस एस ए नज़ीर का समर्थन भी मिला.
यहां दे चुके हैं सेवाएं
बॉम्बे हाईकोर्ट के जज बनने से पहले उन्होंने सुप्रीम कोर्ट और गुजरात, कलकत्ता, इलाहाबाद, मध्य प्रदेश और दिल्ली के उच्च न्यायालयों में एक वकील के तौर पर प्रैक्टिस की है. उन्हें 1998 में बॉम्बे हाईकोर्ट द्वारा सीनियर एडवोकेट के रूप में नामित किया गया था. वर्ष 1998 से 2000 तक उन्होंने भारत के एडिशनल सॉलिसिटर जनरल के रूप में कार्य किया. एक वकील के रूप में, न्यायमूर्ति चंद्रचूड़ के सबसे महत्वपूर्ण केसेज़ में संवैधानिक और प्रशासनिक कानून, HIV+ मरीजों के अधिकार, धार्मिक और भाषाई अल्पसंख्यक अधिकार और श्रम और औद्योगिक कानून शामिल हैं.
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