IIT खड़गपुर में रोका गया MBBS का कोर्स, लेकिन जल्द शुरू होंगी एमडी की क्लासेस

आईआईटी खड़गपुर में जल्द ही पहला मेडिकल पोस्ट-ग्रेजुएट एमडी कोर्स शुरू होने वाला है. योजना की तैयारियां हो चुकी हैं. एनएमसी से मंजूरी मिलने के बाद एडमिशन की प्रक्रिया शुरू हो जाएगी.

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IIT खड़गपुर में MD कोर्स शुरू किया गया है. (Photo: IIT Kharagpur) IIT खड़गपुर में MD कोर्स शुरू किया गया है. (Photo: IIT Kharagpur)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 2:13 PM IST

आईआईटी खड़गपुर में अब छात्रों को मेडिकल भी पढ़ाया जाएगा. जल्द ही संस्थान पोस्ट-ग्रेजुएट एमडी (डॉक्टर ऑफ मेडिसिन) प्रोग्राम लॉन्च करने जा रहा है. नेशनल मेडिकल काउंसिल (एनएमसी) से प्रस्ताव को मंज़ूरी मिलने के बाद पहली बार मेडिकल कोर्स को भी सिलेबस में शामिल किया जाएगा.

क्या है योजना?
आईआईटी खड़गपुर में एमडी प्रोग्राम के लिए 20 सीटें निर्धारित की गई हैं. छात्रों को पढ़ाने के लिए हाल ही में वहाँ क्वालिफाइड डॉक्टरों की एक टीम नियुक्त हुई है. यह पढ़ाई डॉ. बी. सी. रॉय मेडिकल कॉलेज में होगी (कॉलेज का नाम पश्चिम बंगाल के पहले मुख्यमंत्री के नाम पर है, जिन्होंने देश के पहले आईआईटी की स्थापना के लिए ज़मीन दान की थी).

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कहां होगी ट्रेनिंग?
एमडी छात्रों की प्रैक्टिकल ट्रेनिंग हाल ही में तैयार किए गए श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ एंड रिसर्च की बिल्डिंग में होगी. 18 एकड़ ज़मीन पर बना यह सुपरस्पेशलिटी अस्पताल आईआईटी खड़गपुर के कैंपस के बाहर बलरामपुर में स्थित है. इसे ख़ास तौर पर कैंपस फैकल्टी, छात्रों और आस-पास के लोगों के लिए बनाया गया है.

2021 में अलग हुई थीं बिल्डिंग्स
साल 2007 में तत्कालीन राष्ट्रपति डॉक्टर ए. पी. जे. अब्दुल कलाम ने एक संयुक्त मेडिकल कॉलेज और सुपरस्पेशलिटी अस्पताल के रूप में बी. सी. रॉय मल्टी स्पेशलिटी मेडिकल रिसर्च सेंटर की नींव रखी थी. साल 2021 में इस सेंटर को दो अलग-अलग संस्थानों- डॉ. बी. सी. रॉय मेडिकल कॉलेज और श्यामा प्रसाद मुखर्जी इंस्टीट्यूट ऑफ मेडिकल साइंसेज़ एंड रिसर्च में बाँटा गया.

क्यों रुका एमबीबीएस प्रोग्राम?
इससे पहले आईआईटी खड़गपुर की 100 सीटों के साथ एमबीबीएस प्रोग्राम लॉन्च करने की योजना थी. लेकिन एक सीनियर अधिकारी के मुताबिक़ अंडर-ग्रेजुएट मेडिकल कोर्स के लिए इंफ्रास्ट्रक्चर की कमी के कारण फ़िलहाल उसे रोक दिया गया है. इस समय संस्थान में 16 हज़ार से ज़्यादा छात्र अलग-अलग क्षेत्रों में इंजीनियरिंग और रिसर्च की पढ़ाई कर रहे हैं. अधिकारियों का लक्ष्य श्यामा प्रसाद मुखर्जी सुपरस्पेशलिटी अस्पताल का 220 बेड की सुविधा के साथ विस्तार करना है.

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एनएमसी से मंज़ूरी मिलना बाक़ी
संस्थान को प्रोग्राम शुरू करने के लिए एनएमसी की मंज़ूरी की आवश्यकता है. एनएमसी का एप्लीकेशन पोर्टल खुलने के बाद ही वे इसकी औपचारिक रिक्वेस्ट सबमिट कर पाएँगे.

इस साल हुई हैं 6 मौतें
इस साल आईआईटी खड़गपुर के कुल 6 छात्रों की मौत हुई है, जिनमें से 5 ने आत्महत्या की और एक की मौत दम घुटने से हुई. जुलाई में बी. टेक सेकंड ईयर के छात्र चंद्रदीप पवार का गले में दवा अटकने से दम घुट गया था. इसके अलावा जनवरी में इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग थर्ड ईयर के छात्र शॉन मलिक, अप्रैल में ओशन इंजीनियरिंग फ़ाइनल ईयर के छात्र अनिकेत वॉकर, मई में बी. टेक थर्ड ईयर के छात्र मोहम्मद आसिफ़ और सितंबर में पीएचडी छात्र हर्ष कुमार पांडे समेत पांच छात्रों ने हॉस्टल में फांसी लगाकर आत्महत्या कर ली.

छात्रों की मौत के बढ़ते मामलों को लेकर सितंबर 2025 में हुई एक प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान आईआईटी खड़गपुर के डायरेक्टर डॉ. वी. के. तिवारी ने इसे कुछ लोगों द्वारा मार्केटिंग टूल की तरह इस्तेमाल करने और एक ग्लैमरस स्टोरी के रूप में पेश करने का आरोप लगाया था.

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