एक दशक के बाद बदलेगा IIT दिल्ली का पाठ्यक्रम, पढ़ाई का बोझ कम करने पर फोकस

आईआईटी दिल्ली डायरेक्टर रंगन बनर्जी ने एजेंसी से कहा कि इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूशंस को पूरी तरह से विश्वविद्यालय बनने तक, IIT के विकास में सालों लगे हैं. उन्होंने कहा, 'करिकुलम को रिलेवेंट बनाने के लिए लगातार अपडेट करना होगा और हमारे स्कूल टीचिंग और प्रैक्टिकल मॉड्यूल पर काम करना होगा.

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IIT Delhi: पाठ्यक्रम बदलने को तैयार आईआईटी दिल्ली IIT Delhi: पाठ्यक्रम बदलने को तैयार आईआईटी दिल्ली

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 06 अक्टूबर 2022,
  • अपडेटेड 10:46 AM IST

इंडियन इंस्टीट्यूट ऑफ टेक्नोलॉजी (IIT) दिल्ली एक दशक बाद पाठ्यक्रम बदलने के लिए तैयार है. आईआईटी के नए निदेशक रंगन बनर्जी के अनुसार, सभी पाठ्यक्रमों में सुधार किया जाएगा. बनर्जी ने पीटीआई को बताया कि नॉलेज और टेक्नोलॉजी का परिदृश्य तेजी से बदल रहा है, जिससे करिकुलम का मेल खाना बेहद जरूरी है, इसलिए आईआईटी-दिल्ली ने सभी कोर्सेज के करिकुलम को अपडेट करने के लिए रिव्यू पैनल का गठन किया है.

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IIT-बॉम्बे के पूर्व प्रोफेसर और IIT दिल्ली के डायरेक्टर रंगन बनर्जी ने एजेंसी से कहा कि इंजीनियरिंग इंस्टीट्यूशंस को पूरी तरह से विश्वविद्यालय बनने तक, IIT के विकास में सालों लगे हैं. इसकी स्थापना के बाद से, लगभग 54,000 छात्रों ने इंजीनियरिंग, फिजिकल साइंसेज, मैनेजमेंट, ह्यूमैनिटीज और सोशल साइंस समेत कई विषयों में IIT-दिल्ली से बैचलर डिग्री प्राप्त की है. 

उन्होंने कहा, 'हम अपने करिकुलम की पूरी समीक्षा कर रहे हैं ताकि हम छात्र अनुभव को बढ़ा सकें. जिसे एक दशक से अधिक समय के बाद किया जा रहा है. पिछले कई सालों में, आईआईटी मुख्य रूप से स्नातक और इंजीनियरिंग संस्थानों से पूरी तरह विकसित हो रहे हैं. पिछले कई वर्षों में, पाठ्यक्रमों की एक विस्तृत श्रृंखला के साथ आईआईटी मुख्य रूप से स्नातक और इंजीनियरिंग संस्थानों से पूर्ण विश्वविद्यालयों में तब्दील होकर आगे बढ़ रहे हैं.'

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बनर्जी का कहना है, 'हम छात्रों को असली दुनिया से जुड़ने के लिए अपने करिकुलम, चुनौतियों और अवसर देने की कोशिश कर रहे हैं और इसलिए एक कंप्लीट बदलाव की जरूरत है. उम्मीद है कि अगले साल हमें कई बदलाव देखने को मिलेंगे. अभी हम संकाय, छात्रों और पूर्व छात्रों के साथ व्यापक विचार-विमर्श कर रहे हैं.' उन्होंने कहा, 'करिकुलम को रिलेवेंट बनाने के लिए लगातार अपडेट करना होगा और हमारे स्कूल टीचिंग और प्रैक्टिकल मॉड्यूल पर काम करना होगा.' बनर्जी ने कहा कि संस्थान अपने शोध के प्रभाव को बढ़ाने के तरीकों पर ध्यान केंद्रित कर रहा है.

उन्‍होंने आगे कहा, 'हमने आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस, डेटा साइंस, साइबर सुरक्षा और इलेक्ट्रिक मोबिलिटी जैसे नए क्षेत्रों सहित कई नए अकादमिक कार्यक्रम शुरू किए हैं. हम उम्मीद कर रहे हैं कि पाठ्यक्रम की समीक्षा के बाद हमारे पाठ्यक्रम में और अधिक लचीलापन होगा.'

बता दें कि इससे पहले इंजीनियरिंग छात्रों की आत्महत्या की घटनाओं को देखते हुए, IIT-दिल्ली ने 2017 में अपने करिकुलम में कुछ बदलाव करने का फैसला किया था, जिससे उन्हें पढ़ाई के दबाव से निपटने और आत्महत्या की प्रवृत्ति को दूर रखने में मदद मिलेगी, लेकिन कई सालों से पाठ्यक्रम में कोई बदलाव नहीं किया गया है.

 

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