प्रो. अर्चना चुग के नेतृत्व में IIT दिल्ली के शोधकर्ताओं की एक (ऑल-वुमन) महिला टीम ने फंगल आई इंफेक्शन के लिए एक नोवेल एंटीफंगल स्ट्रैटजी विकसित की है. टीम में PHd छात्रा आस्था जैन, हर्षा रोहिरा, सुजीत शंकर और नेत्र रोग विशेषज्ञ डॉ सुष्मिता जी शाह शामिल हैं. टीम की सभी सदस्य महिलाएं ही हैं.
टीम ने एक नोवेल पेप्टाइड-आधारित एंटिफंगल स्ट्रैटजी विकसित की है. प्रोफेसर चुग ने कहा, "इन पेप्टाइड्स में कोशिकाओं में अणुओं को अपने साथ ले जाने की क्षमता होती है. इसलिए, जब खराब पारगम्य नैटामाइसिन को पेप्टाइड से जोड़ा गया था, तो बनने वाला कॉम्पलैक्स एक बेहतर एंटिफंगल प्रभाव दिखाता है."
भारत में कृषि करने वालों की एक बड़ी आबादी है, जो खेती करते समय वेजिटेटिव ट्रॉमा से ग्रस्त हो जाते है. आंखों में वेजिटेटिव ट्रॉमा आमतौर पर संक्रमित वनस्पति पदार्थ जैसे पौधे की पत्तियों के कारण होता है और अक्सर आंखों में कॉर्निया के फंगल संक्रमण या फंगल केराटाइटिस की ओर जाता है.
WHO के अनुसार, विकासशील देशों में फंगल केराटाइटिस एककोशिकीय अंधापन यानी एक आंख में अंधापन का एक प्रमुख कारण है. भारत में कुल माइक्रोबियल केराटाइटिस मामलों में से 50% से अधिक फंगल केराटाइटिस के मामले हैं. IIT दिल्ली की टीम ने कहा कि विकसित एंटीफंगल स्ट्रैटली इस प्रकार के संक्रमण के बचने में सहायता करेगा.
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