मोबाइल के एडिक्शन से कैसे बचें... एग्जाम की तैयारी में जुटे स्टूडेंट्स को सद्गुरु ने बताया तरीका

'परीक्षा पे चर्चा 2025' का पांचवां एपिसोड आज सुबह 10:00 बजे लाइव स्ट्रीम किया गया. इस एपिसोड में छात्रों को 'माइंड का चमत्कार' विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं. प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने सीखने को रोचक बनाने और संतुलित, ऊर्जावान मस्तिष्क विकसित करने पर अपने विचार साझा किए.

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परीक्षा के दबाव से कैसे निपटें? सद्गुरु की सीख परीक्षा के दबाव से कैसे निपटें? सद्गुरु की सीख

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 15 फरवरी 2025,
  • अपडेटेड 11:14 AM IST

'परीक्षा पे चर्चा 2025' का पांचवां एपिसोड आज सुबह 10:00 बजे लाइव स्ट्रीम किया गया. इस एपिसोड में छात्रों को 'माइंड का चमत्कार' विषय पर महत्वपूर्ण जानकारियां दी गईं. प्रसिद्ध आध्यात्मिक गुरु सद्गुरु ने सीखने को रोचक बनाने और संतुलित, ऊर्जावान मस्तिष्क विकसित करने पर अपने विचार साझा किए.

इसके अलावा, सद्गुरु ने छात्रों को परीक्षा के दौरान मानसिक शांति बनाए रखने और आत्मविश्वास बढ़ाने के सुझाव दिए. इस एपिसोड में माइंडफुलनेस और आंतरिक संतुलन पर विशेष जोर दिया गया, ताकि छात्र तनाव को नियंत्रित कर सकें और परीक्षा का सामना पूरी आत्मनिर्भरता के साथ कर सकें.

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स्टूडेंट्स से बातचीत के दौरान सद्गुरु ने विचार साझा किया. उन्होंने बताया कि परीक्षा के दौरान डायरिया की दवाइयों की बिक्री बढ़ जाती है. कई छात्र अत्यधिक तनाव में आ जाते हैं, जिससे उनकी सेहत पर नकारात्मक प्रभाव पड़ता है.पहले वे सोचते थे कि ऐसा क्यों होता है, लेकिन बाद में समझ आया कि इसका कारण डर और मानसिक दबाव है.

शिक्षा का असली मकसद क्या है?

सद्गुरु ने कहा कि शिक्षा सिर्फ परीक्षा पास करने तक सीमित नहीं होनी चाहिए, बल्कि यह जीवन को सही दिशा में आगे बढ़ाने और उसे गहराई से समझने का जरिया है.उन्होंने छात्रों को प्रकृति से सीखने की सलाह दी. अगर आप घास और नारियल के पेड़ को ध्यान से देखेंगे, तो पाएंगे कि वे कैसे बढ़ते हैं.

मोबाइल के एडिक्शन से कैसे बचें

मोबाइल फोन से होने वाले डिस्ट्रैक्शन पर चर्चा करते हुए सद्गुरु ने छात्रों को समझाया कि सोशल मीडिया और मोबाइल फोन का इस्तेमाल कैसे करना है, यह आपको तय करना चाहिए, न कि यह प्लेटफॉर्म्स आपका इस्तेमाल करने लगे. जिस दिन ये तकनीक आपको नियंत्रित करने लगे, समझ लीजिए कि आपका डाउनफॉल शुरू हो गया.

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सद्गुरु ने यह भी कहा कि 'ओवरथिंकिंग' जैसी कोई चीज नहीं होती, बल्कि हमारा दिमाग सिर्फ भटक जाता है.उन्होंने इसे एक मशीन के उदाहरण से समझाया. जिस तरह किसी मशीन को बिना सही लुब्रिकेशन के चलाने से वह जल्दी खराब हो जाती है, उसी तरह यदि हमारा दिमाग सही दिशा में नहीं चलता, तो वह  परेशानियां पैदा करता है.

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