दिल्ली यूनिवर्सिटी नॉर्थ और साउथ कैंपस के बाद ईस्ट कैंपस की तैयारी कर रही है. आगामी कुछ महीनों में दिल्ली यूनिवर्सिटी पूर्वी परिसर (Delhi University East Campus) का काम शुरू होने जा रहा है. विश्वविद्यालय ने पहले विस्तार योजनाओं की घोषणा की थी और कैंपस की फंडिंग के लिए केंद्र सरकार को एक प्रस्ताव भेजा था. डीयू ईस्ट और वेस्ट कैंपस के अलावा कुछ नए कोर्स लॉन्च करने और लॉ सेंटर खोलने पर भी विचार कर रहा है.
डीयू ईस्ट कैंपस कहां होगा?
विश्वविद्यालय के एक अधिकारी के मुताबिक, ईस्ट दिल्ली के सूरजमल विहार में एक एकेडमिक बिल्डिंग बनाई जाएगी, जिसका इस्तेमाल यूनिवर्सिटी (DU) के ईस्ट कैंपस के रूप में किया जाएगा. मीडिया रिपोर्ट्स की माने तो डीयू के पूर्वी दिल्ली कैंपस का निर्माण कार्य शुरू होने पर दो साल के अंदर पूरा होने की संभावना है. निर्माण अगले तीन से छह महीने के अंदर शुरू हो सकता है.
120 करोड़ रुपये की लागत
पूर्वी दिल्ली परिसर सहित विभिन्न विकास परियोजनाओं के लिए 930 करोड़ रुपये के हायर एजुकेशन फाइनेंस एजेंसी (HEFA) लोन के अनुरोध को मंजूरी दे दी गई है. एक रिपोर्ट के अनुसार, डीयू ईस्ट कैंपस का निर्माण 120 करोड़ रुपये की लागत से किया जाएगा. बता दें कि HEFA, केनरा बैंक और शिक्षा मंत्रालय के बीच एक सहयोग है, जो भारत के प्रमुख शैक्षणिक संस्थानों में शैक्षिक बुनियादी ढांचे और अनुसंधान सुविधाओं के लिए वित्तीय सहायता प्रदान करता है.
वहीं विश्वविद्यालय के अधिकारियों के अनुसार, उधार ली गई राशि में से लगभग 195.62 करोड़ रुपये टेक्नोलॉजी फैक्लटी बिल्डिंग के निर्माण के लिए अलॉट किए जाएंगे, जो पहले से ही चल रहा है और अक्टूबर 2024 तक पूरा होने की संभावना है. दिल्ली विश्वविद्यालय नजफगढ़ और द्वारका में एकेडमिक बिल्डिंग के लिए क्रमशः 100 करोड़ रुपये और 95 रुपये करोड़ के बजट के साथ निर्माण परियोजनाएं शुरू करने के लिए तैयार है. इसके अलावा 201 करोड़ रुपये के बजट के साथ दिल्ली स्कूल ऑफ इकोनॉमिक्स में कई शैक्षणिक ब्लॉक बनाने की भी योजना है. इसके अलावा, उत्तर पश्चिमी दिल्ली में स्थित ढाका में छात्रों के लिए 161 करोड़ रुपये की लागत से स्टूडियो अपार्टमेंट बनाने की योजना है.
डीयू फाइनेंस ऑफिस की ओर मिली जानकारी के अनुसार, नए कैंपस में निर्माण शुरू करने के लिए एक विस्तृत परियोजना रिपोर्ट (डीपीआर) इसी महीने तक प्रस्तुत की जाएगी. फंडिंग जारी करने के लिए, एचईएफए और विश्वविद्यालय डीपीआर की मंजूरी के बाद एक समझौता ज्ञापन (एमओयू) पर हस्ताक्षर करेंगे.
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