पटना डेंटल कॉलेज में दाख‍िले पर रोक लगाने की सिफारिश, कहां जाएंगे BDS छात्र, जानिए- पूरा मामला

डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की तीन सदस्यों की टीम 2021 के अगस्त से सितंबर 2022 के बीच तीन बार कॉलेज का निरीक्षण करने गई. हर बार टीम के सदस्यों ने कई कमियों को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई और जल्दी कमियों को दूर करने का निर्देश भी दिया था लेकिन कमियों को दूर नहीं किया गया.

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प्रतीकात्मक फोटो (getty) प्रतीकात्मक फोटो (getty)

aajtak.in

  • पटना ,
  • 07 दिसंबर 2022,
  • अपडेटेड 11:12 AM IST

पटना डेंटल कॉलेज में नए सत्र के नामांकन पर रोक लगाने के लिए डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने केंद्र सरकार से सिफारिश की है. सिफारिश में कहा है कि साल 2022-23 में नामांकन की मान्यता रद्द की जाए. अगर मान्यता रद्द होती है तो बीडीएस छात्रों के लिए एक परेशानी का सबब बनेगा.

बता दें कि मामले में स्वास्थ्य मंत्रालय ने डीसीआई की सिफारिश के बाद पटना डेंटल कॉलेज से पक्ष रखने को कहा था. दो दिसंबर को पक्ष रखने गए कॉलेज प्राचार्य को राज्य सरकार के स्वास्थ्य विभाग से कमियों को दूर करने के संबंधित समिति पत्र नहीं मिला जिसकी वजह से प्राचार्य ने खुद कमियों को दूर करने संबंधित सहमति पत्र पेश किया.

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दरअसल मामला यह है कि डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया की 3 सदस्यों की टीम 2021 के अगस्त से सितंबर 2022 के बीच तीन बार कॉलेज का निरीक्षण करने गई. हर बार टीम के सदस्यों ने कई कमियों को लेकर अपनी आपत्ति दर्ज कराई और जल्दी कमियों को दूर करने का निर्देश भी दिया था. लेकिन कमियों को दूर नहीं किया गया. इसी पर डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया ने कॉलेज की मान्यता रद्द करने की सिफारिश केंद्र सरकार से कर दी. 

कॉलेज के प्राचार्य तनोज कुमार की मानें तो कॉलेज में नए सत्र में नामांकन होगा या नहीं, अब इसका निर्णय केंद्र सरकार को लेना है. लेकिन जिन कमियों को लेकर सरकार से सहमति की मांग की गई थी, वो उन्हें अभी तक नहीं मिली. अपना पक्ष रखने के दौरान केंद्रीय टीम ने उन सुविधाओं के उपलब्ध होने की जानकारी नहीं दी जो सरकार द्वारा हाल ही में कॉलेज में उपलब्ध कराई  गई हैं. प्राचार्य ने बताया कि एक ओपीजी मशीन, एक कंप्यूटर प्रिंटर समेत कुल 15 प्रकार के उपकरण कॉलेज में उपलब्ध कराए गए हैं जिसकी जानकारी टीम ने नही दी है.

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बताई थीं ये कमियां 
डेंटल काउंसिल ऑफ इंडिया में कॉलेज में मोबाइल डेंटल वैन की सुविधा न होने से लेकर कई कमियां बताई थीं. इसमें छात्रावास का नहीं होना, ओपीजी एक्स रे मशीन की कमी, डिजिटल एक्सरे न होना, इंट्रा ओरल डेंटल यूनिट न होना, खून जांच के लिए ऑटो एनालाइजर की कमी और बीडीएस कोर्स में छात्र-छात्राओं के लिए बॉण्ड का प्रावधान नहीं होना आदि शामिल है. 

(रिपोर्ट: सुजीत गुप्ता)

 

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