दिल्ली विश्वविद्यालय ने 13-14 जुलाई की रात को दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ कार्यालय में हुई तोड़फोड़ की घटना के बाद एक समिति का गठन किया है. समिति के सदस्यों में अध्यक्ष के रूप में प्रो. रजनी अब्बी, प्रो. रंजन कुमार त्रिपाठी, प्रो. सुरेन्द्र कुमार और प्रो. गीता सहारे शामिल हैं. इस कमेटी को सात दिन के अंदर अपनी रिपोर्ट सब्मिट करनी होगी. इसके अलावा कमेटी के पास अतिरिक्त सदस्य को सहयोजित करने का अधिकार है.
ऑफिस में बैठकर पी गई शराब!
दरअसल, दिल्ली विश्वविद्यालय छात्र संघ (DUSU) के अध्यक्ष और अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (ABVP) के सदस्य तुषार डेढ़ा ने NSUI पर गंभीर आरोप लगाए हैं. उन्होंने कांग्रेस युवा छात्र संघ यानी भारतीय राष्ट्रीय छात्र संघ (NSUI) के उपाध्यक्ष पर आरोप लगाया है कि बीती रात उन्होंने अपने ऑफिस में बैठकर शराब पी और उसके बाद डूसू अध्यक्ष तुषार डेढ़ा के ऑफिस में तोड़फोड़ की है.
ऑफिस में रखा मंदिर तोड़ने का आरोप
डूसू अध्यक्ष तुषार डेढ़ा ने न्यूज एजेंसी को दिए इंटरव्यू में आरोप लगाया कि एनएसयूआई से चुने गए वाइस प्रेसिडेंट ने कल रात अपने ऑफिस में बैठकर शराब पी. उसके बाद 30-40 लोगों ने पहले डूसू के संयुक्त सचिव के कमरे का शीशा तोड़ा, फिर डूसू के सचिव के कमरे का शीशा तोड़ा और उसके बाद वे मेरे ऑफिस में घुसे और मेरे ऑफिस में रखा मंदिर भी तोड़ दिया.
तुषार ने कहा कि डूसू पर यह हमला सिर्फ डूसू पर हमला नहीं है, यह दिल्ली विश्वविद्यालय के हर छात्र पर हमला है. एनएसयूआई के गुंडे रात में ऑफिस में शराब पीते हैं, उसके बाद वे कैंपस के अंदर लड़कियों से छेड़छाड़ करते हैं और गुंडागर्दी करते हैं. मैं दिल्ली विश्वविद्यालय के कुलपति से मांग करता हूं कि आरोपी उपाध्यक्ष अभी दहिया को जल्द से जल्द निष्कासित किया जाए. हम अपनी शिकायत दिल्ली पुलिस से भी करेंगे और उनके खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई करवाएंगे.'
डूसू अध्यक्ष ने कहा कि दिल्ली विश्वविद्यालय संघ का ऑफिस आम छात्रों के लिए घर है. यहां छात्र अपनी समस्याओं को लेकर आता है कि हमारे भाई-हमारी बहन छात्र संघ में है वे हमारी बात सुनेंगे. यहां से हम उन सभी की समस्याओं का समाधान करते हैं, उन्होंने यहां तोड़फोड़ की है. इस घटना ने ABVP और NSUI के बीच तनाव को बढ़ा दिया है, दोनों पक्षों ने गंभीर आरोप लगाते हुए विश्वविद्यालय प्रशासन और कानून प्रवर्तन से कड़ी कार्रवाई की मांग की है. इस मामले की जांच के लिए दिल्ली यूनिवर्सिटी ने कमेटी का गठन किया है.
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