जादवपुर विश्वविद्यालय ने रैगिंग पर अपनाई सख्त नीति, अब दोषी छात्रों को नहीं दी जाएगी मार्कशीट

कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय ने करीब डेढ़ साल पहले हुई रैगिंग की घटना को रोकने के लिए सख्त नीति अपनाई है. हाल ही में हुई एक बैठक में जादवपुर एंटी-रैगिंग कमेटी ने रैगिंग में शामिल बच्चों की मार्कशीट रोकने का फैसला किया है.

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BIG  ACTION OF JADAVPUR UNIVERSITY BIG ACTION OF JADAVPUR UNIVERSITY

aajtak.in

  • कोलकाता,
  • 13 जनवरी 2025,
  • अपडेटेड 2:57 PM IST

कोलकाता के जादवपुर विश्वविद्यालय ने करीब डेढ़ साल पहले हुई रैगिंग की घटना को रोकने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया है. मुख्य छात्रावास की तीसरी मंजिल से गिरकर फर्स्ट ईयर के छात्र की मौत के बाद पुलिस द्वारा आरोपी को गिरफ्तार करने के बावजूद, कई सरगना अभी भी परिसर में खुलेआम घूम रहे हैं. विश्वविद्यालय के अधिकारी इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई करने में असमर्थ रहे हैं और यह भी आरोप लगाया गया है कि रैगिंग में शामिल कुछ लोगों ने कैंपस इंटरव्यू के माध्यम से अपनी मनचाही नौकरी हासिल कर ली है.

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मामले में 14 छात्र जेल में काट रहे सजा
हाल ही में हुई एक बैठक में जादवपुर एंटी-रैगिंग कमेटी ने रैगिंग में शामिल लोगों की मार्कशीट रोकने का फैसला किया, भले ही वे विश्वविद्यालय में अपनी पढ़ाई जारी रखें. इस कदम का उद्देश्य जादवपुर छोड़ने के बाद इन छात्रों के लिए नौकरी पाना मुश्किल बनाना है. यह घटना 10 अगस्त, 2023 को हुई थी, जब विश्वविद्यालय के अधिकारियों ने रैगिंग में शामिल 32 छात्रों को कारण बताओ पत्र भेजे थे. इनमें से 14 छात्रों के खिलाफ POCSO अधिनियम के तहत पुलिस मामला चल रहा है और वे फिलहाल जेल में हैं. हालांकि, उच्च न्यायालय ने 15 अन्य छात्रों के खिलाफ की गई दंडात्मक कार्रवाई पर अस्थायी रूप से रोक लगा दी है, जिससे उन्हें कक्षाओं में भाग लेने और परीक्षा देने की अनुमति मिल गई है.

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छात्र समुदाय को मिलेगा कड़ा संदेश
जादवपुर एंटी-रैगिंग कमेटी द्वारा मार्कशीट रोकने के फैसले को कैंपस में रैगिंग की समस्या से निपटने की दिशा में एक सकारात्मक कदम माना जा रहा है. विश्वविद्यालय के शिक्षकों को उम्मीद है कि इस कदम से छात्र समुदाय को एक कड़ा संदेश जाएगा और रैगिंग जैसी घटना को लगाम लगाने में मदद मिलेगी. इस पर जादवपुर विश्वविद्यालय के अंतरिम कुलपति भास्कर गुप्ता ने इंडिया टुडे से कहा, "जादवपुर विश्वविद्यालय की एंटी-रैगिंग कमेटी ने इस पर यह स्टैंड लिया है कि रैगिंग में शामिल और दोषी पाए गए छात्रों की रिपोर्ट कार्ड रोक दी जाएगी. कोर्ट ने उन्हें क्लास अटेंड करने की अनुमति का आदेश दिया है. लेकिन यह स्पष्ट है कि जब तक कोर्ट अंतिम आदेश नहीं दे देता, तब तक विश्वविद्यालय मार्कशीट नहीं देगा."

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