बैंकिंग और फाइनेंस की दुनिया में करियर बनाना पहले से ज्यादा चुनौतीपूर्ण हो गया है. एक समय था जब इस सेक्टर को लंबे करियर की वजह से जाना जाता था. लेकिन, अब करियर की दिशा इस बात से तय होती है कि कोई पेशेवर बदलती जरूरतों के साथ कितनी तेजी से खुद को अपडेट कर पाता है. जो योग्यताएं कल तक मजबूत मानी जाती थीं, वे आज नौकरी की गारंटी नहीं देतीं. ऐसे में जानते हैं कि बदलते वक्त में इस सेक्टर में कैसे करियर बनाया जा सकता है? साथ ही जानते हैं कि कैसे बैंकिंग और फाइनेंस में करियर बनाना चुनौतीपूर्ण है?
सर्टिफिकेशन कोर्स हैं बेस्ट ऑप्शन
इस बार में अड्डा247 में स्किलिंग एंड हायर एजुकेशन बिजनेस के सीईओ बिमलजीत सिंह भासिन ने बताया कि BFSI सेक्टर में पारंपरिक शिक्षा प्रणाली काफी बदल चुकी है. डिजिटल टेक्नोलॉजी का बढ़ता इस्तेमाल, सख्त होते रेगुलेशन, एम्बेडेड फाइनेंस और AI आधारित क्रेडिट, रिस्क व कंप्लायंस मॉडल्स ने ऐसे प्रोफेशनल्स की मांग बढ़ा दी है, जो बदलाव के साथ चल सकें. ऐसे में डिग्री के साथ सर्टिफिकेशन कोर्स आपको खास तरीके से ट्रेंड करते हैं.
बता दें कि इस सेक्टर में अब कई सर्टिफिकेशन कोर्स भी करवाए जा रहे हैं, जिनके जरिए आपको करियर बनाने में मदद मिल सकती है. इनके छोटे, मॉड्यूलर और लगातार अपडेट होते सेलेबस सीधे इंडस्ट्री की उभरती जरूरतों से जुड़े होते हैं. ऐसे में फ्रॉड एनालिटिक्स, सस्टेनेबल फाइनेंस, डिजिटल लेंडिंग और एल्गोरिदमिक रिस्क मॉडलिंग जैसे क्षेत्रों में ये कोर्स पेशेवरों को खास और काम की स्किल्स देते हैं, जिससे वे हायरिंग की दौड़ में आगे बने रहते हैं.
ये छोटे शहरों के उम्मीदवारों को भी वही नॉलेज और स्किल पहचान दिलाते हैं, जो बड़े शहरों के प्रोफेशनल्स के पास होती है. वेल्थ मैनेजमेंट, रिस्क, कंप्लायंस और फिनटेक प्रोडक्ट मैनेजमेंट जैसे क्षेत्रों में मान्यता प्राप्त सर्टिफिकेशन अब टैलेंट के लिए बराबरी का मैदान तैयार कर रहे हैं. उन्हें उन अवसरों तक पहुंच दिला रहे हैं जो पहले सिर्फ महानगरों तक सीमित थे.
क्यों ज्यादा काम के हैं सर्टिफिकेशन कोर्स?
अब नौकरी की भूमिका केवल तय जिम्मेदारियों तक सीमित नहीं रही, बल्कि यह क्षमताओं के एक गतिशील सेट पर आधारित हो गई है. कंपनियां ऐसे कर्मचारियों को प्राथमिकता दे रही हैं, जो बिज़नेस के साथ खुद को भी विकसित कर सकें. सर्टिफिकेशन कोर्स नियोक्ताओं को यह भरोसा देते हैं कि उम्मीदवार के पास साइबर सिक्योरिटी, क्रेडिट एनालिटिक्स, ट्रेज़री टेक्नोलॉजी या क्लाउड बैंकिंग जैसे क्षेत्रों में वास्तविक दक्षता है. कई बैंक अब इन्हें अपने ट्रेनिंग प्रोग्राम, परफॉर्मेंस रिव्यू और प्रमोशन मानदंडों का हिस्सा बना रहे हैं.
प्रोफेशनल्स पेमेंट्स, लेंडिंग, वेल्थ, इंश्योरेंस, कंप्लायंस और एनालिटिक्स जैसी भूमिकाओं के बीच लगातार मूव कर रहे हैं. सर्टिफिकेशन कोर्स इस बदलाव को आसान बनाते हैं. ये टार्गेटेड नॉलेज देकर करियर पिवट को सपोर्ट करते हैं और प्रोफेशनल्स को भविष्य के लिए तैयार करते हैं.
किन लोगों को बढ़ रही है डिमांड?
दुनिया के तीसरे सबसे बड़े फिनटेक इकोसिस्टम के रूप में भारत की पहचान ने बैंकिंग करियर की तस्वीर ही बदल दी है. DPIIT द्वारा मान्यता प्राप्त दो हजार से अधिक फिनटेक कंपनियां और हर साल जुड़ते नए स्टार्टअप्स ऐसे प्रोफेशनल्स की मांग कर रहे हैं जो फाइनेंस और टेक्नोलॉजी दोनों को समझते हों. ब्लॉकचेन, डिजिटल पेमेंट्स, रेगटेक, क्लाउड आधारित फाइनेंशियल सिस्टम और डेटा प्राइवेसी जैसे क्षेत्रों में सर्टिफिकेशन कोर्स इस दुनिया में प्रवेश का एक मजबूत ज़रिया बनते जा रहे हैं.
फिनटेक कंपनियां अक्सर सामान्य डिग्रियों से ज़्यादा वास्तविक स्किल्स और तकनीकी समझ को महत्व देती हैं, और सर्टिफिकेशन इसका ठोस प्रमाण देते हैं. जैसे-जैसे पारंपरिक बैंक भी फिनटेक मॉडल्स को अपना रहे हैं, इन सर्टिफिकेशन्स का महत्व पूरे BFSI सेक्टर में बढ़ता जा रहा है.
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