AajTak Hindi Debate Competition: लगभग 2 साल के लंबे इंतजार के बाद दिल्ली के वसंत वैली स्कूल में 'आज तक हिंदी वाद-विवाद प्रतियोगिता' का आयोजन किया गया. इसमे दिल्ली ही नहीं, बल्कि अलग-अलग राज्यों से आये लगभग 28 स्कूलों के 84 बच्चों ने हिस्सा लिया. इस प्रतियोगिता में हाई स्कूल से 3 बच्चे शामिल हुए. वाद-विवाद प्रतियोगिता में 'फ्री-बी' मुद्दे पर बच्चों ने अपने स्पष्ट तर्क रखे जो काफी सराहनीय थे और जिन्हें सरकारों को समझना चाहिए. इस प्रतियोगिता में वसंत वैली स्कूल ने बाजी मारी. उन्होंने देहरादून के 'द दून स्कूल' को इस मुद्दे पर जमकर घेरा.
हर साल होती है प्रतियोगिता
हर साल दिल्ली के वंसत वैली स्कूल में इस प्रतियोगिता का आयोजन किया जाता है जिसमे कई स्कूली बच्चे हिस्सा लेते है. कोरोना महामारी के चलते ये प्रतियोगिता 2 साल से ऑनलाइन ही हो रही थी.
तीन दिन से चल रही है प्रतियोगिता
16 अगस्त से शुरू हुई इस प्रतियोगिता में कई अलग-अलग मुद्दों पर वाद-विवाद देखने को मिला. बच्चों ने इस बार विवाद प्रतियोगिता की खूब सराहना की और बताया कि पिछले 2 साल यह प्रतियोगिता ऑनलाइन चल रही थी जिसमें उतना मजा नहीं था, लेकिन ऑफलाइन होने से उनको काफी कुछ सीखने को मिलता है.
क्या था वाद-विवाद प्रतियोगिता का मुद्दा
सरकारों की 'मुफ्त ' सार्वजनिक सुविधाओं की नीति के मुद्दे पर 'द दून स्कूल' के बच्चों ने अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मुफ्त सुविधा देना समाज के लिए कितना बुरा है. सरकार की जो योजना है, उनकी निंदा करना आज जरूरी है क्योंकि निंदा से ही उन नीतियों में बदलाव किए जा सकते हैं. जो सुविधा सरकार की तरफ से प्रदान की जा रही है, उससे समाज में द्वेष पैदा हो रहा है. ऐसी नीतियां लंबे समय में सरकार को हानि पहुंचाती हैं. इसीलिए इन नीतियों की निंदा होनी चाहिए.
उन्होंने हाल ही में पंजाब में 300 यूनिट बिजली मुफ्त देकर सरकार के घाटे में आ जाने का दावा किया. बच्चों ने तर्क दिया, 'आज ये हालात है कि सरकार को केंद्र से पैसा मंगाना पड़ रहा है. सरकार कर्ज में डूब रही है. इस तरह की नीतियां से भ्रष्टाचार को बढ़ावा मिलता है.
वसंत वैली स्कूल के छात्रो ने मुफ्त सुविधाओं पर अपना पक्ष रखते हुए कहा कि मुफ्त सुविधा मिलना हर किसी का हक है. समाज में समानता की जरूरत है. जब तक निचले तबके को बुनियादी सुविधाएं नहीं मिलेंगी तब तक समाज में समानता नहीं आ सकती. अगर यह सुविधाएं मिलेंगी तो समाज का विकास हो सकता है. निचले तबके के लोगों के पास बुनियादी सुविधाएं हासिल करने के लिए भी सुविधाएं नहीं होती है. ऐसे में सरकार उनको यह मूलभूत सुविधाएं देती है जो उनके विकास के लिए बहुत मदद करती है.
शिक्षा और स्वास्थ्य सेवाएं बुनियादी सुविधा हैं जो की पूरी होनी चाहिए और सरकार यही कर रही है. दुनिया मे कई देश है जहां सरकार अपने नागरिकों को सुविधाएं देती हैं. मुफ्त शिक्षा, मुफ्त बिजली की सुविधा देना समाज का हक है, ताकि समाज आगे बढ़ सके. नीतियो में सुधार होना चाहिए.
अतिथियों ने की सराहना
कार्यक्रम में अतिथि रेखा पुरी ने वाद विवाद प्रतियोगिता की सराहना की और कहा कि बच्चों ने बहुत ही बेहतर तरीके से मुद्दों पर अपना तर्क रखा जिसको देखकर काफी अच्छा लगा. बच्चों ने जिस तरीके से अपने तर्क रखे उस पर देश की जानी-मानी पत्रकार और एंकर अंजना ओम कश्यप ने भी बच्चों की खूब सराहना की. उन्होंने कहा कि बच्चों ने जो मुद्दा उठाया वह वाकई काबिले तारीफ था और सरकारों को भी बच्चों द्वारा उठाए गए इन मुद्दों पर विचार करना चाहिए. इस तरह की चर्चाओं से बच्चों की सोच और काबिलियत का भी पता चलता है.
सुशांत मेहरा