National Science Day 2023: हर साल 28 फरवरी को देश के विकास में वैज्ञानिकों के योगदान को चिह्नित करने और इसे याद करने के लिए राष्ट्रीय विज्ञान दिवस या नेशनल साइंस डे मनाया जाता है. इस दिन, 1928 में, भारतीय भौतिक विज्ञानी चंद्रशेखर वेंकट रमन ने स्पेक्ट्रोस्कोपी के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण खोज की थी, जिसे बाद में उनके नाम पर रमन प्रभाव कहा गया. अपनी इस खोज के लिए सीवी रमन को 1930 में भौतिकी में प्रतिष्ठित नोबेल पुरस्कार से सम्मानित किया गया था.
सर सी वी रमन का विज्ञान के क्षेत्र में योगदान
Raman Effect: क्या है प्रकाश का प्रकीर्णन?
रमन प्रभाव, जिसे रमन स्कैटरिंग के रूप में भी जाना जाता है, प्रकाश की तरंग दैर्ध्य में परिवर्तन है. जब कोई प्रकाश की किरण किसी रासायनिक यौगिक के एक पारदर्शी नमूने से गुजरती है तो प्रकाश की किरण में एक डिफ्लेक्शन देखने को मिलता है. प्रकाश के एक छोटे से हिस्से की तरंग दैर्ध्य, मूल प्रकाश किरण की तरंग दैर्ध्य से अलग होती है. प्रकाश के इसी गुण को रमन प्रभाव कहा जाता है.
कौन करता है इस दिन आयोजन?
राष्ट्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी संचार परिषद (NCSTC), विज्ञान और प्रौद्योगिकी विभाग (DST), राष्ट्रीय विज्ञान दिवस के उत्सव का समर्थन और समन्वय करने के लिए एक नोडल एजेंसी के रूप में कार्य करता है. विज्ञान के क्षेत्र में उत्कृष्ट प्रयासों को पहचानने देने के लिए डीएसटी ने फरवरी 1987 में राष्ट्रीय विज्ञान पुरस्कार भी शुरू किए. यह पुरस्कार राष्ट्रीय विज्ञान दिवस पर दिए जाते हैं.
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