आपने कई बार दुकान से खरीदकर चिप्स जरूर खाए होंगे. कई बार इस चीज की शिकायत भी की होगी कि पैकेट में चिप्स से ज्यादा तो हवा भरी हुई है. लेकिन क्या आपने कभी सोचा है कि चिप्स के पैकेट में हवा क्यों भरी जाती है? आइए जानते हैं इसका कारण.
वैसे तो आपने अक्सर देखा होगा कि चिप्स के पैकेट को हवा में खुला रखने से वो सील जाते हैं. लेकिन क्या आपने सोचा है कि पैकेट में हवा भरे होने के बाद भी चिप्स क्यों खराब नहीं होते? दरअसल, इसके पीछे वजह है उसके अंदर भरी जाने वाली हवा. चिप्स के पैकेट के अंदर नाइट्रोजन गैस भरी जाती है जो चिप्स को सीलने से बचाती है. जब आप चिप्स के पैकेट को खुला रखते हैं तो चिप्स ऑक्सीजन के कॉन्टैक्ट में आते हैं. इसलिए वो सील जाते हैं.
रीडर्स डाइजेस्ट में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक, चिप्स बनाने वाली कंपनियां चिप्स को लंबे समय तक ताजा रखने और उन्हें सीलन से बचाने के लिए पैकेट में नाइट्रोजन गैस भरती है. रीडर्स डाइजेस्ट के मुताबिक, 1994 में वैज्ञानिकों ने ये पाया कि चिप्स के पैकेट में नाइट्रोजन गैस भरने से न केवल वो लंबे वक्त तक फ्रेश रहते हैं, बल्कि, उनका टेस्ट भी बेहतर हो जाता है. बता दें, नाइट्रोजन गैस हमारे शरीर को कोई नुकसान नहीं पहुंचाती है.
आधे ही क्यों भरे होते हैं चिप्स के पैकेट?
चिप्स निर्माता जानबूझ कर चिप्स के पैकेट को पूरी तरह नहीं भरते. इसके पीछे कारण है कि चिप्स बनने से लेकर मार्केट में आने तक बहुत तरह से उठाए और रखे जाते हैं. अगर चिप्स के पैकेट में जगह नहीं छोड़ी जाएगी तो उनके टूटने का डर रहेगा. आपके हाथों में आते-आते चिप्स चूरा हो जाएंगे. चिप्स के पैकेट में खाली जगह की वजह से ही वो बचे रहते हैं.
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