प्लेन में फ्लाइट मोड में क्यों रखा जाता है मोबाइल फोन? पायलट ने बताई असली वजह

हवाई जहाज में बैठते ही मोबाइल फोन को फ्लाइट मोड में रखने की सलाह दी जाती है. इसके पीछे एक जो असली वजह है, उस बारे में काफी कम लोग जानते होंगे. एक पायलट ने सोशल मीडिया पर इसकी असली वजह बताई है.

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हवाई जहाज में फ्लाइट मोड में क्यों रखना पड़ता है फोन (फोटो - AI जेनरेटेड) हवाई जहाज में फ्लाइट मोड में क्यों रखना पड़ता है फोन (फोटो - AI जेनरेटेड)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 11 दिसंबर 2024,
  • अपडेटेड 5:08 PM IST

क्या आपने कभी सोचा है कि विमान में बैठते समय आपका फोन एयरप्लेन मोड पर रखने की सलाह क्यों दी जाती है? एक पायलट ने इस सवाल का जवाब देते हुए बताया कि यह कदम क्यों जरूरी है. उनकी यह जानकारी साझा करने वाला वीडियो अब सोशल मीडिया पर वायरल हो गया है.

एक पायलट जो सोशल मीडिया पर @perchpoint के नाम से जाने जाते हैं, ने अपने वीडियो में बताया कि आपके फोन का एयरप्लेन मोड बटन किसी साजिश का हिस्सा नहीं है. उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि अगर आप इस प्रोटोकॉल का पालन करना भूल जाते हैं तो इससे विमान आसमान से गिर नहीं जाएगा या ऑनबोर्ड सिस्टम में कोई बड़ी गड़बड़ी नहीं होगी.

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क्या होती है समस्या
हालांकि, उन्होंने यह भी बताया कि यदि बहुत से यात्री अपने फोन को एयरप्लेन मोड पर नहीं रखते हैं, तो इससे पायलट और एयर ट्रैफिक कंट्रोल टॉवर के बीच रेडियो संचार में बाधा आ सकती है. पायलट ने कहा कि यदि विमान में 70, 80 या 150 लोग सवार हैं और उनमें से 3-4 लोगों के फोन रेडियो टॉवर से कनेक्ट करने की कोशिश करते हैं, तो यह रेडियो तरंगें भेजता है. ये तरंगें पायलट के हेडसेट की रेडियो तरंगों में हस्तक्षेप कर सकती हैं.

रेडियो संचार में कैसे आती है बाधा
पायलट ने अपने अनुभव साझा करते हुए कहा कि हाल ही में एक उड़ान के दौरान, जब वह अपने हेडसेट का उपयोग करके निर्देश ले रहे थे, तो उन्हें रेडियो इंटरफेरेंस महसूस हुआ. यह उन्हें ऐसा प्रतीत हुआ जैसे उनके कान के पास कोई मच्छर भिनभिना रहा हो. उन्होंने कहा कि यह दुनिया का अंत नहीं है, लेकिन यह तब काफी परेशान करने वाला हो सकता है जब आप उड़ान के निर्देशों को कॉपी करने की कोशिश कर रहे होते हैं और आपके कानों में कोई ततैया भिनभिना आती रहती हो.

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क्या है कानूनी प्रावधान
दरअसल, अमेरिकी कानून यह अनिवार्य करता है कि उड़ान के दौरान यात्रियों को अपने फोन एयरप्लेन मोड पर स्विच करने चाहिए. विमान में लगे या ले जाए गए सभी सेलुलर फोन को तब तक चालू नहीं किया जाना चाहिए जब विमान हवा में हो (जब तक विमान जमीन को न छू रहा हो), संघीय नियमों में यह स्पष्ट रूप से लिखा गया है.

यात्रियों के लिए संदेश
पायलट का अनुभव उन यात्रियों को जागरूक करने के लिए है जो सोचते हैं कि यह नियम कोई साजिश है. यह केवल पायलटों और एयर ट्रैफिक कंट्रोल के बीच सुरक्षित और स्पष्ट संचार सुनिश्चित करने के लिए है. अब जब आपको इसकी असली वजह पता चल गई है, तो अगली बार जब आप विमान में बैठें, अपने फोन को एयरप्लेन मोड पर स्विच करना न भूलें.

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