जानिए क्या काम करता है वर्ल्ड बैंक, जिसके चीफ बने हैं भारतीय अजयपाल सिंह बंगा

वर्ल्‍ड बैंक की स्‍थापना 1944 के ब्रेटन वुड्स सम्‍मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ की गई थी. यह यूनाइटेड नेशंस (UN) का एक महत्‍वपूर्ण अंग है. आइये जानते हैं इसके क्‍या उद्देश्‍य हैं, और यह कैसे काम करता है.

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aajtak.in

  • नई दिल्‍ली,
  • 23 मार्च 2023,
  • अपडेटेड 11:22 AM IST

भारतीय मूल के अमेरिकी अजय सिंह बंगा वर्ल्‍ड बैंक के नए चीफ बने हैं. विश्व बैंक या वर्ल्‍ड बैंक ग्रुप एक अंतर्राष्ट्रीय फाइनेंशियल इंस्‍टीट्यूशन है जो ग्‍लोबल लेवल पर बैंकिंग का काम करता है. इसे सदस्य राज्यों के आर्थिक विकास को बढ़ाने वाली परियोजनाओं को फंड करने के लिए डिजाइन किया गया है. इसका हेड ऑफिस वाशिंगटन, डीसी में है. वर्ल्‍ड बैंक अविकसित और विकासशील देशों को फंड्स के साथ-साथ यह तकनीकी सहायता और नीति सलाह भी देता है. 

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वर्ल्‍ड बैंक की स्‍थापना 1944 के ब्रेटन वुड्स सम्‍मेलन में अंतर्राष्ट्रीय मुद्रा कोष (IMF) के साथ की गई थी. यह यूनाइटेड नेशंस (UN) का एक महत्‍वपूर्ण अंग है. यह IMF और विश्व व्यापार संगठन के साथ मिलकर काम करता है. आइये जानते हैं इसके क्‍या उद्देश्‍य हैं, और यह कैसे काम करता है.

क्‍या हैं वर्ल्‍ड बैंक के काम
वर्ल्‍ड बैंक विकास और आर्थिक पुर्ननिर्माण के लिए सदस्‍य देशों को लॉन्‍ग टर्म फंड्स प्रदान करता है.
यह इंटरनेशल ट्रेड को प्रोत्‍साहन देने के लिए भी लॉन्‍ग टर्म पूंजी निवेश को प्रेरित करता है.
यह सदस्‍य देशों में कैपिटल इंवेस्‍टमेंट को बढ़ावा देने के लिए प्राइवेट लोन या कैपिटल इंवेस्‍टमेंट पर गारंटी प्रदान करता है.
गारंटी के बाद भी कैपिटल उपलब्‍ध न हो तो सशर्त लोन प्रदान करता है.
यह विकास परियोजनाओं के कार्यान्‍वयन पर भी नज़र रखता है. 

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वर्ल्‍ड बैंक की 5 सहकारी संस्‍थाएं भी हैं जो अलग-अलग जरूरतों पर लोन देने का काम करती हैं- 
इंटरनेशनल बैंक फॉर रीकंस्‍ट्रक्‍शन एंड डेवलेपमेंट (IBRD)
इंटरनेशनल डेवलेपमेंट एसोसिएशन (IDA)
इंटरनेशनल फाइनेंस कॉरपोरेशन (IFC)
मल्‍टीलेटरल इंवेस्‍टमेंट गारंटी एजेंसी (MIGA)
इंटरनेशनल सेंटर फॉर सेटलमेंट ऑफ इंवेस्‍टमेंट डिस्‍प्‍यूट (ICSID)

आधिकारिक तौर पर विश्‍व बैंक जून 1946 से शुरू हुआ था. इसका पहला लोन युद्ध प्रभावित पश्चिमी यूरोप के पुनर्निर्माण के लिए दिया गया था. 1950 के दशक के मध्य में, इसने विकासशील देशों में सड़क, पनबिजली बांध, पानी और सीवेज सुविधा, समुद्री बंदरगाह और हवाई अड्डों सहित बुनियादी परियोजनाओं में निवेश में प्रमुख भूमिका निभाई है.

 

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