Longest Day of the Year 2023: आज साल का बेहद खास दिन है, क्योंकि आज 12 घंटे के मुकाबले 15 घंटे दिन रहेगा और 9 घंटे की रात होगी. 21 जून को साल का सबसे बड़ा दिन (Longest Day of the Year 2023) होता है, जिसे 'सोल्स्टिस' कहा जाता है. इसे ग्रीष्मकालीन सोल्स्टिस (Summer Solstice) भी कहा जाता है.
आज क्यों होता है सबसे बड़ा दिन?
दरअसल, 21 जून को सूर्य पृथ्वी के उत्तरी गोलार्ध पर मौजूद होता है, जिससे सूर्य की रोशनी कर्क रेखा पर सीधी पड़ती है. इसकी वजह से यह दिन उत्तरी गोलार्ध में सबसे अधिक दिन के उजाले वाला दिन है. यह तब होता है जब पृथ्वी की धुरी अपने अधिकतम कोण पर सूर्य की ओर झुकी होती है. इसका अर्थ है कि सूर्य की किरणें पृथ्वी की सतह पर अधिक सीधे कोण पर पड़ती हैं, जिसके परिणामस्वरूप दिन बड़े और रातें छोटी होती हैं. इस दिन सूर्य की किरणें आम दिनों के मुकाबले ज्यादा देर तक पृथ्वी पर रहती है. वैज्ञानिकों की माने तो इस दिन सूर्य की किरणें 15 घंटे तक पृथ्वी पर रहती है जबकि रात 9 घंटे की होती है.
इस दिन को ग्रीष्म संक्रांति या जून संक्रांति भी कहा जाता है क्योंकि यह आमतौर पर जून में होती है. ग्रीष्म संक्रांति के मौके पर कई संस्कृतियों में उत्सव भी बनाया जाता है. इसे अक्सर नवीनीकरण और पुनर्जन्म के समय के रूप में देखा जाता है. कुछ संस्कृतियों में, ग्रीष्म संक्रांति बहुतायत से भी जुड़ी हुई है. शब्द "संक्रांति" लैटिन शब्द "सोल" (सूर्य) और "स्टिटियम" (अभी भी या बंद) से आता है. ऐसा इसलिए है क्योंकि आकाश में सूर्य का मार्ग संक्रांति के समय के आसपास थोड़े समय के लिए रुकता हुआ प्रतीत होता है.
परछाई भी छोड़ देती है साथ
हर साल 21 जून को कुछ देर के लिए ऐसा होता है, जब हर वक़्त साथ रहने वाली परछाई भी साथ छोड़ देती है. आपको बता दें कि उज्जैन में हर साल 21 जून को ऐसा इसलिए होता है क्योंकि उज्जैन कर्क रेखा के नजदीक स्थित है, इसी वजह से 21 जून को जब सूर्य सिर के ठीक ऊपर होता है तो परछाई गायब हो जाती है.
साल का सबसे छोटा दिन कब है?
साल का सबसे छोटा दिन 22 दिसंबर होता है, जब उत्तरी गोलार्ध (उत्तरी हेमिस्फियर) में सबसे लंबी रात होती है और यह समय है जब सूर्य उत्तरी वायुमंडल के प्रति सबसे दूर होता है. दक्षिणी गोलार्ध में ग्रीष्म ऋतु होती है व उत्तरी गोलार्ध में शीत ऋतु होती है. इस दौरान उत्तरी ध्रुव पर रात हो जाती है, जबकि दक्षिणी ध्रुव पर 24 घंटे सूर्य चमकता है.
दिन-रात बराबर
सूर्य 21 मार्च को भूमध्य रेखा पर सीधा चमता है, इसलिए दोनों गोलार्ध में दिन-रात बराबर होते हैं.
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