ये है दुनिया का सबसे बड़ा 'घर', बकिंघम पैलेस से 4 गुना बड़ा! जहां आज जाएंगे PM मोदी

Lakshmi Vilas Palace: प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के पीएम Pedro Sanchez वडोदरा में लक्ष्मी विलास पैलेसे में विजिट करेंगे. ऐसे में जानते हैं इस खास और ऐतिहासिक इमारत के बारे में...

Advertisement
लक्ष्मी विलास पैलेस (फोटो- Film Facilitation Cell) लक्ष्मी विलास पैलेस (फोटो- Film Facilitation Cell)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 28 अक्टूबर 2024,
  • अपडेटेड 12:06 PM IST

प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी और स्पेन के प्रधानमंत्री पेड्रो सांचेज वडोदरा में हैं. सोमवार को दोनों देशों के प्रधानमंत्री की मुलाकात दुनियाभर में मशहूर लक्ष्मी विलास पैलेस के भव्य दरबार हॉल में होगी. यहां ही पीएम मोदी और स्पेनिश प्रधानमंत्री लंच भी करेंगे. आपको बता दें कि यह मुलाकात ऐतिहासिक मानी जा रही है, क्योंकि आजादी के बाद पहली बार दरबार हॉल में ऐसा होने जा रहा है.

Advertisement

साल 1947 के बाद पहली बार ऐसा हो रहा है कि जब दो देश के राष्ट्राध्यक्ष इस दरबार हॉल में मीटिंग कर रहे हैं. दुनियाभर में आज वडोदरा के इस पैलेस की चर्चा हो रही है, ऐसे में जानते हैं कि आखिर इस पैलेस में क्या खास है... 

1890 में बना ये पैलेस दुनिया का सबसे बड़ा निजी निवास माना जाता है. ये लंदन के बकिंघम पैलेस से भी चार गुना बड़ा है. महल का निर्माण 1890 में महाराजा सयाजीराव गायकवाड़ तृतीय ने करवाया था, जो बड़ौदा राज्य के शासक थे. माना जाता है कि इस पैलेस को बनाने में उस वक्त 6 मिलियन रुपये खर्च हुए थे. इसमें एक विशाल मैदान है, जिसमें एक गोल्फ कोर्स भी बना हुआ है. यहां मोती बाग क्रिकेट मैदान, बड़ौदा क्रिकेट एसोसिएशन का ऑफिस और खास फर्श वाला टेनिस कोर्ट और बैडमिंटन कोर्ट भी है.

Advertisement

आज से कई साल पहले बने इस महल में लिफ्ट, टेलीफोन एक्सचेंज, बिजली जैसी कई सुविधाएं थीं. महल में सोनगढ़ की खदानों से लाए गए सुनहरे पत्थर लगे हैं, जो हल्की रोशनी में चमकते हैं. महल में 170 बड़े और छोटे कमरे हैं, जिसमें कुछ सिल्वर रूम या गुलाबी कमरे की थीम पर बने हैं. 

कितना भव्य है दरबार हॉल?

इस महल का खास आकर्षण है ये दरबार हॉल. लक्ष्मी विलास पैलेस का ये दरबार हॉल काफी भव्य है और 5000 वर्ग फीट में बना है. खास बात ये है कि इतने बड़े इस दरबार हॉल में एक भी खंभा नहीं है. इस हॉल के हर कोने में की गई कारीगरी आंखों को सुकून देती है और हर एक एसेसरीज की अपनी कहानी है. इस हॉल में की गई कारीगरी में सोने, हाथी दांत और लाख का इस्तेमाल किया गया है.

इस हॉल में चार रंगीन ग्लास पैनल लगे हैं, जो 14 फीट के हैं. इन ग्लास में अलग-अलग राम-कृष्ण, भगवान विष्णु और राम-सीता के फोटो हैं. इन ग्लास में भारतीय पौराणिक कथाओं को दर्शाया गया है. वहीं, हॉल में मुरानो फ्लोरिंग भी है, जिसे मुरानो (इटली) के 12 कारीगरों ने छह महीने की अवधि में पूरा किया था. इसी में 5 खास झूमर भी लगे हैं, जिसमें कुछ छत को रोशनी देने के लिए थे और कुछ जमीन पर रोशनी करने के लिए हुआ करते थे. साथ ही हॉल में चंदन की लकड़ी की मेहराब हैं और हॉल में बैठने की व्यवस्था भी खास तरह की है.  
 
इंडियन एक्सप्रेस की रिपोर्ट के अनुसार, दरबार हॉल में पश्चिमी और भारतीय कल्चर का मिक्स है, जिसे वास्तुकार मेजर चार्ल्स मंट ने डिजाइन किया था, लेकिन इसे रॉबर्ट चिशोल्म ने पूरा किया क्योंकि मंट ने इस डर से आत्महत्या कर ली थी कि उनके डिजाइन गलत हो गए थे. हॉल में इतिहास के महान कलाकारों ने परफॉर्म किया है. इस हॉल का देश-विदेश की कई महान हस्तियों ने दौरा किया है.
 

---- समाप्त ----

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement