खाने की बर्बादी में दूसरे नंबर पर भारत, फिर भी 19 करोड़ लोग रोजाना सोते हैं भूखे, हैरान कर देंगे ये आंकड़े!

International Day of Awareness of Food Loss and Waste 2022: यूएनईपी की रिपोर्ट के मुताबिक, खाने की बर्बादी के मामले में पहला स्थान चीन का है, जहां हर साल 9.6 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है. वहीं, भारत में सालाना 6.87 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है. इसके बाद अमेरिका में 1.93 करोड़ टन खाना एक साल में बर्बाद होता है.

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International Day of Awareness of Food Loss and Waste 2022 International Day of Awareness of Food Loss and Waste 2022

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 29 सितंबर 2022,
  • अपडेटेड 7:09 AM IST

International Day of Awareness of Food Loss and Waste 2022: भारत समेत कई विकसित और विकासशील देशों में खाने की बर्बादी बड़ी समस्या है. इस मामले में चीन के बाद भारत दूसरा ऐसा देश है, जहां खाने की सबसे ज्यादा बर्बादी होती है. यह उस सदी में हो रहा है जहां दुनिया में लगभग 83 करोड़ लोग रोज भूखे सोते हैं. खाने की कमी और बर्बादी के में बारे में जागरूक करने के लिए 29 सितंबर को हर साल अंतरराष्ट्रीय दिवस 2022 (International Day of Awareness of Food Loss and Waste 2022) मनाया जाता है. इस दिन लोगों को खाने-पीने की चीजों की बर्बादी रोकने के लिए जागरूक किया जाता है. 

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भोजन के नुकसान और बर्बादी को रोकने में मदद करने के लिए, हमें इसके प्रभाव के बारे में अधिक जागरूक और जरूरी कदम उठाने की जरूरत है.

खाने की बर्बादी को लेकर चौकाने वाले कुछ आंकड़े इस प्रकार हैं-

  • दुनिया के 10 प्रतिशत लोग यानी करीब 83 करोड़ लोग भूखे सोते हैं, जिन्हें खाना नसीब नहीं होता.
  • दुनिया भर में हर साल लगभग 250 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है.
  • नेशनल हेल्थ सर्वे के मुताबिक, भारत में हर रोज 19 करोड़ लोग भूखा सोते हैं.
  • भारत में खाद्य उत्पाद का 40 फीसदी हिस्सा बर्बाद होता है.
  • भारत में सालाना 92000 करोड़ रुपये का खाना बर्बाद होता है.
  • 116 देशों में हंगर इंडेक्स सर्वे 2021 में भारत का स्थान 101वां हैं.
  • UNEP की रिपोर्ट के मुताबिक, कोरोना काल से पहले 93 करोड़ टन से ज्यादा खाना यानी 17 प्रतिशत खाना खराब हो गया था. इनमें 63 प्रतिशत खाना आम घरों से, 23 प्रतिशत खाना रेस्टोरेंट में और 13 प्रतिशत खाना रिटेल चेन में खराब हो गया था.

खाना बर्बाद होने की लिस्ट में दूसरे नंबर पर भारत
यूएनईपी की रिपोर्ट के मुताबिक, इस लिस्ट में पहला स्थान चीन का है, जहां हर साल 9.6 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है. वहीं, भारत में एक साल में 6.87 करोड़ टन खाना बर्बाद होता है. इसके बाद अमेरिका में 1.93 करोड़ टन खाना एक साल में बर्बाद होता है. अगर प्रतिव्यक्ति खाना बर्बादी की बात की जाए तो इस मामले में ऑस्ट्रेलिया पहले नंबर है, यहां एक व्यक्ति साल में 102 किलोग्राम खाना बर्बाद करता है. इसी तरह ह फ्रांस में 85 किलोग्राम, स्पेन में 77 किलोग्राम और यूके में 77 किलोग्राम खाना बर्बाद करता है.

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खाने की बर्बादी के मुख्य कारण क्या हैं?
आमतौर पर बड़े देशों में ज्यादातर खाना खेत और बाजार के बीच होता है. जिसके कई कारण हैं, उनमें कुछ इस प्रकार हैं- भोजन का खराब भंडारण और संचालन, खराब पोषण, अपर्याप्त आधारभूत संरचना, गलत लेबलिंग और अस्थिर कृषि पद्धतियां. वहीं, घरों में खाने की बर्बादी एक साथ ज्यादा खरीदारी और उसके रखरखाव में लापरवाही के कारण होती है. जिससे वह खराब होता है और सीधा कूड़ेदान में चला जाता है.

खाने की बर्बादी रोकने के उपाय

  • हमें संसाधनों के संरक्षण, हमारे कार्बन पदचिह्न को कम करने और हमारे सार्वजनिक स्वास्थ्य में सुधार करने में मदद मिल सकती है.
  • पैकेजिंग पर ज्यादा देना होगा.
  • जरूरत के हिसाब से थोक में किराने की खरीदारी करनी चाहिए.
  • रीसाइक्लिंग और री-यूज का सही तरीका अपनाएं.
  • वेस्ट फूड का इस्तेमाल खाद बनाने के लिए किया जा सकता है.
  • खाने को अच्छे से स्टोर करके रखना.
  • फेंके जाने वाले खाने की मात्रा को कम करके भोजन की बर्बादी को कम कर सकते हैं.
  • प्लेट में जूठा खाना न छोड़ें.
  • दूसरों को भी खाने की बर्बादी से रोकें.

 

 

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