केंद्रीय विद्यालयों में बाल वाटिका से होंगे दाख‍िले, इस साल 450 KV से होगी शुरुआत, पढ़ें- पूरा प्रोसेस

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी का असर अब प्राथमिक श‍िक्षा में साफ दिखाई पड़ने लगा है. इसी क्रम में केंद्रीय विद्यालय संगठन ने अब सत्र 2023-24 से ही 450 केवी में बाल वाट‍िका से दाख‍िले लेने की तैयारियां कर ली हैं. यहां हम आपको इससे जुड़ी पूरी डिटेल दे रहे हैं.

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प्रतीकात्मक फोटो प्रतीकात्मक फोटो

aajtak.in

  • नई दिल्ली ,
  • 03 अगस्त 2023,
  • अपडेटेड 7:36 PM IST

नेशनल एजुकेशन पॉलिसी 2020 सिर्फ हायर एजुकेशन ही नहीं बल्क‍ि प्राइमरी और मिड‍िल एजुकेशन में भी अगले सत्र से लागू हो रही है. इसका असर अब आने वाले सत्रों से केंद्रीय विद्यालयों की दाख‍िला प्रक्र‍िया पर भी साफ नजर आएगा.  इसके तहब अब केंद्रीय विद्यालय (केवी) में बाल वाटिका में बच्चों का दाख‍िला लिया जाएगा. 

इससे पहले केवी में कक्षा एक से दाख‍िला लिया जाता था. यहां एकेडमिक कैलेंडर से लेकर श‍िक्षक, क्लासेज और पूरा सिस्टम क्लास वन के अनुरूप था. वहीं अब एनईपी के प्रावधान के मुताबिक बच्चों की बेसिक शिक्षा में और भी मजबूती और गुणवत्ता लाने के लिए उन्हें 5 प्लस साल की एज से ही दाख‍िला लिया जाएगा. फिलहाल लखनऊ संभाग के 17 केवी विद्यालयों में इसका शुभारंभ 2023-24 सत्र से कर दिया गया है. इसे इस साल कुल 450 केंद्रीय विद्यालय संगठनों में लागू किया गया है. 

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किस आयुवर्ग का होगा दाख‍िला 
बाल वाटिका प्रथम में 3 वर्ष से 4 वर्ष आयु के बच्चे प्रवेश ले सकेंगे. वहीं बाल वाटिका द्वितीय में 4 वर्ष से 5 वर्ष आयु के बच्चे प्रवेश ले सकेंगे. साथ ही बाल वाटिका तृतीय में 5 वर्ष से 6 वर्ष आयु के बीच के बच्चे प्रवेश ले सकेंगे. इसके लिए विद्यालय संगठन की ओर से गाइडलाइन भी जारी कर दी गई हैं. 

इस लिंक से देखें पूरी गाइडलाइन 

बाल वाटिका का प्रोसेस कैसे होगा
बाल वाटिका में बच्चों को प्ले ग्रुप लेवल पर दाख‍िल किया जाएगा. इसके बाद LKG और UKG की पढ़ाई होगी. इसके बाद ही बच्चे की छह साल की उम्र होने के बाद कक्षा 1 में प्रवेश होगा. बता दें कि राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत केंद्रीय विद्यालय संगठन मुख्यालय नई दिल्ली द्वारा केंद्रीय विद्यालय में बाल वाटिका शुरू करने का उद्देश्य 4 से 6 वर्ष की आयु के बीच के बच्चे को प्रारंभिक स्तर के ज्ञान के साथ ही सामाजिक ज्ञान का बोध कराना है. जिससे वह आगे चलकर शिक्षा के साथ ही सामाजिक बातों को भी सीख सकें.

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