DU Admission: दिल्ली विश्वविद्यालय ने शैक्षणिक वर्ष 2023-24 के लिए अपनी एडमिशन पॉलिसी लॉन्च कर दी है. बुधवार, 14 जून को विश्वविद्यालय के कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा एडमिशन पोर्टल की लॉन्चिंग के साथ ही विश्वविद्यालय में स्नातक, स्नातकोत्तर और पीएचडी (यूजी,पीजी, पीएचडी) दाखिले का बिगुल बज गया. इस अवसर पर कुलपति प्रो. योगेश सिंह ने लैपटॉप पर बटन दबाकर पोर्टल की लॉन्चिंग की. इसके साथ ही उन्होंने स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) के स्नातक के दाखिलों, एनसीडबल्यूईबी और कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) 2023 का पोर्टल भी लॉन्च किया. कुलपति ने पत्रकारों से बातचीत करते हुए बताया कि इस वर्ष से डीयू में बी.टेक. के तीन नए प्रोग्राम शुरू किए जा रहे हैं जिनमें दाखिला लेने वाले 360 विद्यार्थियों से प्रत्येक को लैपटॉप की खरीद पर विश्वविद्यालय की ओर से 50 हजार रुपये तक की प्रतिपूर्ति की जाएगी.
अनाथ छात्रों के लिए भी एक सुपरन्यूमरेरी कोटा
कुलपति ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बताया कि बी.टेक प्रोग्रामों में प्रवेश पाने वाले आर्थिक रूप से कमजोर विद्यार्थियों के लिए इक्विटी और गुणवत्तापूर्ण शिक्षा तक पहुंच के लाभों का विस्तार करने हेतु विश्वविद्यालय वित्तीय सहायता योजना (एफएसएस) भी पेश करेगा. जिन उम्मीदवारों के माता-पिता की आय चार लाख रुपये या उससे कम है, उन्हें प्रवेश के समय फीस की 90 प्रतिशत छूट दी जाएगी. जिन उम्मीदवारों के माता-पिता की आय चार लाख रुपये से अधिक और आठ लाख रुपये से कम है, उन्हें प्रवेश के समय फीस में 50 प्रतिशत छूट प्राप्त होगी. प्रत्येक बी.टेक प्रोग्राम में एक-एक सीट सिंगल गर्ल चाइल्ड को सुपरन्यूमरेरी सीट के रूप में पेश की जाएगी. उन्होंने बताया कि विश्वविद्यालय ने इस वर्ष अनाथ विद्यार्थियों के लिए भी एक सुपरन्यूमरेरी कोटा शामिल किया है. दिल्ली विश्वविद्यालय और संबंधित कॉलेज स्नातक और स्नातकोत्तर दोनों स्तरों पर अध्ययन के प्रत्येक प्रोग्राम में दो उम्मीदवारों (एक पुरुष और एक महिला) को इस कोटे के तहत प्रवेश देंगे. एक प्रश्न के उत्तर में कुलपति ने बताया कि डीयू का नया शैक्षणिक सत्र 16 अगस्त से शुरू हो जाएगा. उन्होंने बताया कि इस शैक्षणिक सत्र से पांच वर्षीय एलएलबी व आईटीईपी नामक नए प्रोग्राम भी शुरू किए जा रहे हैं. पत्रकारों द्वारा पूछे गए एक प्रश्न के उत्तर में कुलपति ने बताया कि डीयू के वल्लभ भाई पटेल चेस्ट इंस्टीट्यूट को सम्पूर्ण मेडिकल कॉलेज बनाने के लिए भारत सरकार को प्रपोजल भेजा जा रहा है. इस अवसर पर प्रेस कॉन्फ्रेंस में कुलपति प्रो. योगेश सिंह के साथ रजिस्ट्रार डॉ. विकास गुप्ता, डीन एडमिशन प्रो. हनीत गांधी, एसओएल की निदेशक प्रो. पायल मागो और पीआरओ अनूप लाठर आदि उपस्थित रहे.
कुछ इस तरह होगा स्नातक (यूजी) प्रोग्रामों में एडमिशन
कुलपति ने बताया कि दिल्ली विश्वविद्यालय अपने 68 कॉलेजों के माध्यम से 78 स्नातक और 198 बी.ए. प्रोग्रामों का संयोजन पेश करता है. इनके लिए विश्वविद्यालय के कॉलेजों में करीब 71,000 सीटों की पेशकश की गई है. दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा लगभग 1550 अनूठे प्रोग्राम + कॉलेज संयोजन पेश किए जाते हैं. इन सभी प्रोग्रामों और कॉलेजों में प्रवेश कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट {सीयूईटी (यूजी)- 2023} से प्राप्त मेरिट स्कोर के आधार पर होता है. विश्वविद्यालय ने 13 फरवरी, 2023 को अंग्रेजी और हिंदी में अपने सूचना बुलेटिन के माध्यम से विभिन्न प्रोग्रामों के लिए पात्रता मानदंड और विश्वविद्यालय के सभी कॉलेजों के सभी प्रोग्रामों की विस्तृत सीट मैट्रिक्स डॉक्यूमेंट की घोषणा की थी. विश्वविद्यालय ने अब अपना कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम {सीएसएएस (यूजी) -2023} लॉन्च किया है, जो दाखिले के लिए अपनाई जाने वाली प्रक्रियाओं के बारे में विस्तार से बताता है.
दो चरणों में होगा सीएसएएस (यूजी) रजिस्ट्रेशन
सीएसएएस (यूजी) पंजीकरण को दो चरणों में बांटा गया है. 14 जून, 2023 से शुरू किया गया पहला चरण, एक सरल पंजीकरण प्रक्रिया है, जिसमें एक कॉलेज में प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवारों को अपना व्यक्तिगत विवरण और 12वीं कक्षा में प्राप्त शैक्षणिक अंक भरने होंगे. सीयूईटी (यूजी)-2023 सीएसएएस (यूजी)-2023 में आवेदन करने के लिए एप्लिकेशन नंबर अनिवार्य होगा. उम्मीदवार का नाम, हस्ताक्षर और फोटो सीयूईटी (यूजी)-2023 पोर्टल से स्वत: एकीकृत हो जाएगा. इन क्षेत्रों में कोई बदलाव नहीं किया जा सकेगा. यहां पर उम्मीदवार की एक सक्रिय ईमेल आईडी और मोबाइल नंबर दर्ज करने का प्रावधान भी होगा. दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा सभी संचार केवल सीएसएएस-2022 आवेदन पत्र में प्रस्तुत की गई ईमेल आईडी पर ही किए जाएंगे. इसके बाद उम्मीदवार को अपने व्यक्तिगत विवरण जैसे माता-पिता का नाम, श्रेणी/उपश्रेणी/जाति/सुपरन्यूमैरेरी कोटा, लिंग, ईमेल आईडी, मोबाइल नंबर और बैंक खाता विवरण भरना होगा. उम्मीदवारों को इन विवरणों को भरते समय अत्यंत सावधानी बरतनी चाहिए क्योंकि फॉर्म जमा होने के बाद वे इन विवरणों को नहीं बदल सकेंगे. शैक्षणिक अनुभाग में उम्मीदवारों को अपने 12वीं कक्षा में प्राप्त अंकों का विवरण भरना होगा. सीबीएसई से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण करने वाले विद्यार्थियों के लिए मार्कशीट उनके डिजीलॉकर के माध्यम से ऑटो-इंटीग्रेटेड हो जाएगी. इसके बाद उम्मीदवार अधिसंख्य (सुपरन्यूमैरेरी) श्रेणी, यदि कोई हो, का विकल्प चुनेंगे और अंत में पंजीकरण शुल्क का भुगतान करने के लिए आगे बढ़ेंगे. पंजीकरण शुल्क यूआर, ओबीसी-एनसीएल और ईडब्ल्यूएस उम्मीदवारों के लिए 250 रुपये है, जबकि एससी / एसटी / और पीडब्ल्यूबीडी उम्मीदवारों के लिए यह 100 रुपये है. इस तरह से सीएसएएस (यूजी) का पहला चरण पूरा हो जाएगा.
CUET UG रिजल्ट जारी होने के बाद शुरू होगा दूसरा चरण
सीएसएएस (यूजी) प्रक्रिया का दूसरा चरण सीयूईटी (यूजी) के परिणामों की घोषणा के साथ शुरू होगा. दूसरे चरण में भाग लेने के लिए, उम्मीदवारों को अपने सीएसएएस डैशबोर्ड में लॉग इन करना होगा और वरीयता-भर कर इसे पूरा करना होगा. दूसरे चरण में, उम्मीदवारों को बारहवीं कक्षा में उनके द्वारा अध्ययन किए गए विषयों को उन विषयों से जोड़ना होगा जिनमें वे सीयूईटी (यूजी) में शामिल हुए हैं. दिल्ली विश्वविद्यालय केवल उन सीयूईटी भाषा/डोमेन पेपरों पर विचार करेगा जो उम्मीदवार द्वारा उसकी कक्षा बारहवीं में अध्ययन किए गए विषय के समान होंगे. उम्मीदवारों द्वारा प्रदान किए गए सब्जेक्ट मैपिंग और कार्यक्रम-विशिष्ट पात्रता आवश्यकताओं के आधार पर, उम्मीदवार प्रत्येक प्रोग्राम के लिए अपने संचयी अंक देख सकेंगे, जिनमें कि वे प्रवेश के लिए पात्र हैं. उम्मीदवारों के मेरिट स्कोर की गणना करने के लिए विश्वविद्यालय एनटीए द्वारा प्रदान किए गए सामान्यीकृत स्कोर पर विचार करेगा. उम्मीदवार उन प्रोग्रामों को चुनने में सक्षम होंगे जिनके लिए वह पात्र हैं. उम्मीदवारों को सलाह दी जाती है कि वह सीएसएएस प्रवेश नीतियों के अधिकतम लाभों का फायदा उठाने के लिए अधिक से अधिक संख्या में प्रोग्राम/कॉलेजों का चयन करें. वरीयता-भरने के चरण के दौरान उम्मीदवार द्वारा चुने गए प्रोग्रामों + कॉलेज संयोजनों को ही आवंटन और अपग्रेडेशन (यदि कोई हो) के लिए माना जाएगा. प्रोग्राम के चयन का क्रम + कॉलेज संयोजन भी सीटों के आवंटन के लिए वरीयता क्रम निर्धारित करेगा. इसलिए, अनुक्रमित (सीक्वेंसिंग) करते समय उम्मीदवार को प्रोग्राम + कॉलेज संयोजनों की वरीयता को ध्यान से प्राथमिकता देनी चाहिए. वरीयता की अधिकतम संख्या को भरना उम्मीदवार के सर्वोत्तम हित में है ताकि बाद के आवंटन राउंड में अपग्रेडेशन से इष्टतम लाभ उठाया जा सके.
उम्मीदवारों को वरीयताएं भरने के लिए विश्वविद्यालय पर्याप्त समय प्रदान करेगा. हालांकि, उम्मीदवारों को अंतिम समय की जल्दबाजी से बचने के लिए उन प्रोग्रामों और कॉलेजों को शॉर्टलिस्ट करना शुरू कर देना चाहिए, जिनमें उनकी रुचि है. जमा (सबमीटिंग) करने से पहले, उम्मीदवार को यह सुनिश्चित करना चाहिए कि वरीयता क्रम उसकी पसंद के अनुसार है. वरीयता-भरने के चरण की समय सीमा के बाद प्रोग्राम + कॉलेज संयोजन वरीयता सूची में एडिटिंग की अनुमति नहीं दी जाएगी, यानी, वरीयता-भरने के चरण की समय सीमा के बाद उम्मीदवार अपनी वरीयताओं के क्रम को नहीं बदल सकते हैं या किसी और प्रोग्राम/प्रोग्रामों और/या कॉलेज/को जोड़/हटा नहीं सकते हैं.
सीएसएएस नीति के अनुसार, विश्वविद्यालय उस समय उपलब्ध डेटा के आधार पर वरीयता-भरने के चरण के समापन पर सिम्युलेटेड रैंक सूची की भी घोषणा करेगा. उम्मीदवार इस सिम्युलेटेड सूची के रैंक के आधार पर फिर से अपनी वरीयताएँ जोड़/हटा/पुनः क्रमित कर सकते हैं. इसके बाद, वरीयताओं को जोड़ने/हटाने की अनुमति नहीं दी जाएगी. 14 जून, 2023 को जारी सीएसएएस दस्तावेज़ में उन नीतियों को भी रेखांकित किया गया है जिनके आधार पर आवंटन किया जाएगा.
ए) कार्यक्रम-विशिष्ट योग्यता,
बी) श्रेणी (यूआर / ओबीसी-एनसीएल / एससी / एसटी / ईडब्ल्यूएस / अल्पसंख्यक / पीडब्ल्यूबीडी / केएम),
सी) सीटों की उपलब्धता, और
डी) दस्तावेज़ (सीएसएएस(यूजी)-2023),
यूजी बीओआई-2023 में उल्लिखित या दिल्ली विश्वविद्यालय की प्रवेश वेबसाइट पर प्रकाशित कोई अन्य आवंटन नियम, नीतियां या मानदंड पर विचार करने वाले उम्मीदवार को उच्चतम संभावित वरीयता अंतिम रूप से आवंटित की जाएगी.
सीट अलॉटमेंट के बाद क्या?
एक बार किसी विशेष दौर में सीट आवंटित होने के बाद, उम्मीदवार को दिए गए आवंटन दौर के लिए निर्दिष्ट अंतिम तिथि/समय से पहले आवंटित सीट को 'स्वीकार' करना होगा. किसी विशेष आवंटित सीट की स्वीकृति का प्रावधान केवल उस दौर के लिए मान्य होगा जिसमें उम्मीदवार को सीट आवंटित की गई थी. निष्क्रियता/कार्रवाई न करने को आवंटित सीट की अस्वीकृति के रूप में लिया जाएगा. यदि किसी उम्मीदवार को एक विशेष दौर में कई सीटों की पेशकश की जाती है, तो उसे "स्वीकार" करना होगा और केवल एक आवंटित सीट पर प्रवेश लेना होगा. एक बार जब उम्मीदवार अंतिम रूप से आवंटित सीट को "स्वीकार" कर लेता है, तो संबंधित कॉलेज उम्मीदवार द्वारा अपलोड किए गए दस्तावेजों की पात्रता और वैधता की जांच करेगा. कॉलेज दस्तावेजों का सत्यापन करेगा और अपनी मंजूरी देगा. अनुमोदन प्राप्त होने पर, उम्मीदवारों को निर्धारित समय के भीतर प्रवेश शुल्क का भुगतान करना होगा.
कब जारी होगी खाली सीटों की डिटेल्स?
प्रत्येक आवंटन दौर के बंद होने के बाद, दिल्ली विश्वविद्यालय सभी कॉलेजों में प्रत्येक प्रोग्राम में रिक्त सीटों का डिटेल्स जारी करेगा. भर्ती किए गए सभी उम्मीदवारों के पास इस स्तर पर "अपग्रेड" या "फ्रीज" का विकल्प चुनने का विकल्प होगा. जिन उम्मीदवारों ने अपना प्रवेश सुरक्षित कर लिया है, वे उन वरीयता को फिर से व्यवस्थित करने में सक्षम होंगे, जो उस वरीयता से अधिक हैं जिसमें उन्होंने प्रवेश लिया है. जो उम्मीदवार 'अपग्रेड' का विकल्प चुनते हैं, उनके द्वारा प्रस्तुत उच्च वरीयता में अपग्रेडेशन के लिए विचार किया जाएगा. एक उम्मीदवार जो अपग्रेड हो जाता है, उसे अपग्रेड की गई सीट को 'स्वीकार' करना होगा और अपग्रेडेड आवंटित सीट पर प्रवेश प्रक्रिया पूरी करनी होगी. जिस उम्मीदवार ने आवंटित सीट पर प्रवेश लिया है और इसे जारी रखने की इच्छा रखता है, उसे अपने डैशबोर्ड के माध्यम से 'फ्रीज' अनुरोध प्रस्तुत करना चाहिए. 'फ्रीज' का चयन करने पर, ऐसे उम्मीदवार को कभी भी "अपग्रेडेशन" का विकल्प चुनने की अनुमति नहीं दी जाएगी.
टाई के मामले में ऐसे होगा एडमिशन
टाई के मामले में उसे तोड़ने के लिए उम्मीदवार के बारहवीं कक्षा के सर्वश्रेष्ठ 3 विषयों में कुल अंकों का उच्च प्रतिशत; बारहवीं कक्षा के सर्वश्रेष्ठ 4 विषयों में कुल अंकों का उच्च प्रतिशत; बारहवीं कक्षा के सर्वश्रेष्ठ 5 विषयों में कुल अंकों का उच्च प्रतिशत और उम्मीदवार की आयु के नियम लागू होंगे.
पंजीकरण में विफल रहने वालों के लिए मिड-एंट्री का प्रावधान
विश्वविद्यालय ने निर्धारित पंजीकरण अवधि के भीतर खुद को पंजीकृत करने में विफल रहने वाले उम्मीदवारों को समायोजित करने के लिए मिड-एंट्री का प्रावधान भी किया है. विश्वविद्यालय सीएसएएस (यूजी)-2023 के लिए आवेदन करने में विफल रहने वाले और सीएसएएस (यूजी)-2023 में भाग लेने के इच्छुक उम्मीदवारों को अवसर देने के लिए एक मिड-एंट्री चरण खोलेगा. ऐसे उम्मीदवार 1000 रुपये (गैर-वापसी योग्य) के मिड-एंट्री प्रवेश शुल्क का भुगतान करके बीच में प्रवेश कर सकते हैं. हालांकि, प्रारंभिक आवेदन चरण के दौरान सीएसएएस (यूजी) -2023 में आवेदन करने वाले उम्मीदवारों को आवंटित सीटों पर दावा करने का कोई अधिकार मिड-एंट्री प्रवेशार्थियों के पास नहीं होगा.
ये डॉक्यूमेंट्स तैयार रखें स्टूडेंट्स
विश्वविद्यालय उम्मीदवारों को अपने प्रमाणपत्र और अन्य दस्तावेजों को अपडेट और वैध रखने की भी सलाह देता है. ओबीसी-एनसीएल और ईडब्ल्यूएस श्रेणियों से संबंधित उम्मीदवारों को यह सुनिश्चित करना होगा कि उनका प्रमाण पत्र 31 मार्च, 2023 के बाद जारी किया गया है. एससी/एसटी/ओबीसी-नॉन क्रीमी लेयर/ ईडब्ल्यूएस/ पीडब्ल्यूबीडी/ अल्पसंख्यक के तहत आरक्षण का दावा करने वाले उम्मीदवार का नाम उनके संबंधित स्कूल बोर्ड योग्यता प्रमाणपत्र और सीयूईटी (यूजी) - 2023 में दिये गए नाम के साथ मेल खाना चाहिए. प्रमाणपत्रों/ दस्तावेजों की अपूर्ण/ अनुपलब्धता के बदले में कोई अंडरटेकिंग स्वीकार नहीं की जाएगी. विश्वविद्यालय ने सीएसएएस पोर्टल को विद्यार्थियों के अनुकूल बनाने के लिए कई कदम उठाए हैं. स्पष्टीकरण, यदि कोई हो, मांगने का प्रावधान इस प्रणाली में शामिल किया गया है जिसके माध्यम से कॉलेज उम्मीदवारों के साथ बातचीत कर सकते हैं. ऑनलाइन अनुमोदन प्रक्रिया के दौरान, यदि कोई कॉलेज उम्मीदवार से अधिक स्पष्टता/ सूचना प्राप्त करना चाहता है, तो वह उम्मीदवार से प्रश्न पूछ सकता है.
डीयू एडमिशन का स्पॉट राउंड
नियमित सीएसएएस (यूजी) -2023 राउंड पूरा करने के बाद, सीटें खाली रहने पर विश्वविद्यालय प्रवेश के स्पॉट राउंड की घोषणा कर सकता है. इष्टतम सीट आवंटन प्राप्त करने के लिए और ड्रॉपआउट के कारण सीटें खाली होने की स्थिति से बचने के लिए, आवंटन के पहले दौर में सभी कॉलेज में सभी प्रोग्रामों के लिए यूआर, ओबीसी-एनसीएल, ईडब्ल्यूएस श्रेणियों में 20% और एससी, एसटी और पीडब्ल्यूबीडी श्रेणियों में 30% अतिरिक्त आवंटन में किया जाएगा. हालांकि, जिन कॉलेजों में पिछले साल निकासी स्वीकृत सीटों के 5% से कम थी वहाँ यूआर/ ओबीसी -एनसीएल/ ईडब्ल्यूएस के लिए 10% और एससी/ एसटी/ पीडब्ल्यूबीडी श्रेणियों में 15% अतिरिक्त आवंटन किया जा सकता है.
विश्वविद्यालय एलोकेशन कम एडमिशन के पहले राउंड की घोषणा जुलाई के दूसरे सप्ताह में कर सकता है. दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा उम्मीदवारों को सलाह दी गई है कि वे नियमित रूप से विश्वविद्यालय की वेबसाइट को देखते रहें. सीएसएएस एकमात्र ऐसा ऑनलाइन प्लेटफॉर्म है, जिसके जरिए सभी कॉलेजों में सभी प्रोग्रामों में प्रवेश दिया जाएगा. विश्वविद्यालय केवल उन्हीं उम्मीदवारों को मान्यता देगा जिन्हें विश्वविद्यालय की सामान्य सीट आवंटन प्रणाली के माध्यम से प्रवेश दिया जाता है.
ईसीए और खेलों के लिए सुपरन्यूमरेरी कोटा
दिल्ली विश्वविद्यालय ने अपने स्पोर्ट्स सुपरन्यूमेरी कोटा के तहत 26 खेलों/स्पोर्ट्स और एक्स्ट्रा करिकुलर एक्टिविटीज सुपरन्यूमैरेरी कोटा के तहत 14 श्रेणियों (एनएसएस और एनसीसी सहित) की पहचान की है. यह निर्णय लिया गया है कि कॉलेज की कुल स्वीकृत संख्या का 5% ईसीए और स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा के लिए आवंटित किया जाएगा. कॉलेज ईसीए और खेल के लिए 1% से 4% के बीच आवंटित कर सकते हैं, जो कॉलेज के अधिकतम 5% इनटेक के अधीन है. इसके अलावा, किसी एक प्रोग्राम में कुल निर्धारित सीटों में से 20% से अधिक सीटें कोटा के लिए आवंटित नहीं की जाएंगी. स्पोर्ट्स सुपरन्यूमरेरी कोटा के आधार पर प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवार अधिकतम तीन खेलों/स्पोर्ट्स के लिए आवेदन कर सकते हैं. उन्हें 01 मई 2019 से 30 अप्रैल 2023 के बीच जारी किए गए पिछले चार (04) वर्षों के अधिकतम तीन मेरिट/ भागीदारी खेल प्रमाण पत्रों की स्व-सत्यापित प्रतियां ही अपलोड करनी होंगी. इसी तरह, ईसीए सुपरन्यूमरेरी कोटा के आधार पर प्रवेश पाने के इच्छुक उम्मीदवार अधिकतम तीन ईसीए श्रेणियों के लिए आवेदन कर सकते हैं. उम्मीदवार द्वारा आवेदन की जाने वाली प्रत्येक ईसीए श्रेणी के लिए उसे 01 मई 2019 से 30 अप्रैल 2023 के बीच जारी पिछले चार (04) वर्षों के अधिकतम पांच (05) स्व-सत्यापित प्रमाण पत्र अपलोड करने होंगे.
ईसीए और स्पोर्ट्स सुपरन्यूमरेरी कोटा में प्रवेश के लिए सीट आवंटन का आधार कंबाइंड ईसीए मेरिट (सीईएम) और कंबाइंड स्पोर्ट्स मेरिट (सीएसएम) होगा. ईसीए/स्पोर्ट्स सुपरन्यूमैरेरी कोटा के लिए आवेदन करने के लिए प्रत्येक के लिए 100 रुपये (गैर-वापसी योग्य) का अतिरिक्त शुल्क देय होगा. ईसीए और खेल के अलावा, विश्वविद्यालय ने कुछ अन्य अधिसंख्य (सुपरन्यूमरेरी) कोटा भी निर्धारित किए हैं जिनमें बेंचमार्क डिसेबिलिटी वाले व्यक्ति (PwBD), सशस्त्र बलों के कर्मियों के बच्चे/विधवाएं (सीडब्ल्यू), कश्मीरी प्रवासी (केएम), जम्मू-कश्मीर के छात्रों के लिए प्रधानमंत्री की छात्रवृत्ति योजना (पीएमएसएसएस), सिक्किम के छात्रों के लिए सीटों का नामांकन, और अनाथ के लिए कोटा शामिल है.
कॉलेज ऑफ आर्ट में भी होगा सीएसएएस से प्रवेश
कॉलेज ऑफ आर्ट में बैचलर ऑफ फाइन आर्ट्स (बीएफए) में भी शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से प्रवेश विश्वविद्यालय के सीएसएएस प्लेटफॉर्म के माध्यम से दिया जाएगा. इस प्रोग्राम के लिए पात्रता में सीयूईटी में प्राप्त अंक और कॉलेज ऑफ आर्ट द्वारा आयोजित की जाने वाली प्रेक्टिकल-आधारित परीक्षा शामिल है. कॉलेज छह विशेषज्ञताओं के साथ एप्लाइड आर्ट, आर्ट हिस्ट्री, पेंटिंग, प्रिंट मेकिंग, स्कल्प्चर और विजुअल कम्युनिकेशन में बीएफए प्रदान करता है. कोई उम्मीदवार इनमें से किसी एक विशेषज्ञता का विकल्प चुन सकता है. बीएफए में आवेदन करने के लिए 400 रुपये (नॉन-रिफंडेबल) का एक अतिरिक्त पंजीकरण शुल्क लिया जाएगा.
स्नातकोत्तर (पीजी) प्रोग्रामों में दाखिले
दिल्ली विश्वविद्यालय अपने 58 विभागों/केंद्रों में 77 स्नातकोत्तर प्रोग्रामों में प्रवेश प्रदान करता है. यह निर्णय लिया गया है कि 13500 सीटों (एनसीडबल्यूईबी सहित) के स्वीकृत इनटेक के साथ, सभी स्नातकोत्तर प्रोग्रामों में प्रवेश एनटीए द्वारा आयोजित स्नातकोत्तर (पीजी) प्रवेश के लिए कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट के माध्यम से प्राप्त अंकों के आधार पर होता है. इस वर्ष, मेडिकल साइंस फैकल्टी के रेस्पिरेटरी थेरेपी के मास्टर्स में प्रवेश को भी उन प्रोग्रामों के पूल में जोड़ा गया है, जिनमें प्रवेश सीयूईटी (पीजी) मेरिट स्कोर के माध्यम से किया जाएगा. विश्वविद्यालय ने 22 मार्च 2023 को पोस्ट ग्रेजुएट बुलेटिन ऑफ इन्फॉर्मेशन प्रकाशित किया था. पीजी बुलेटिन ऑफ इन्फॉर्मेशन के माध्यम से, विश्वविद्यालय ने संबंधित प्रोग्राम में प्रवेश के लिए पात्रता मानदंड और सीयूईटी टेस्ट पेपरों की घोषणा की है जिनमें कि उम्मीदवारों के उपस्थित होने की उम्मीद है.
CASA सिस्टम से होगा पीजी में एडमिशन
विश्वविद्यालय ने अब घोषणा की है कि सभी स्नातकोत्तर प्रोग्रामों में प्रवेश पीजी के लिए आयोजित कॉमन सीट एलोकेशन सिस्टम (सीएसएएस) के माध्यम से किया जाएगा. एनटीए द्वारा परिणाम घोषित किए जाने के बाद सीएसएएस-पीजी शुरू होगा. इच्छुक उम्मीदवारों को यूआर/ओबीसी-एनसीएल/ईडब्ल्यूएस के लिए 250 रुपये और अनुसूचित जाति/अनुसूचित जनजाति/पीडब्ल्यूबीडी उम्मीदवारों के लिए 100 रुपये पंजीकरण शुल्क का भुगतान करके सीएसएएस (पीजी)-2023 के लिए पंजीकरण करना होगा. खेल अधिसंख्य कोटा के लिए 100 रुपये (गैर-वापसी योग्य) का अतिरिक्त शुल्क लिया जाएगा. पीजी सीट आवंटन प्रणाली में, प्रत्येक प्रोग्राम के लिए, जहां भी लागू हो, सूची की दो श्रेणियां होंगी: कॉमन मेरिट लिस्ट और कैटेगरी 2 मेरिट लिस्ट. आवंटन के प्रयोजन के लिए, सभी उम्मीदवारों को सामान्य योग्यता सूची में माना जाएगा. श्रेणी 2 के लिए केवल दिल्ली विश्वविद्यालय के विद्यार्थियों को प्रोग्राम विशिष्ट पात्रता के अनुसार माना जाएगा. प्रोग्राम-आधारित मेरिट सूची, सामाजिक श्रेणी (यूआर/ओबीसी-एनसीएल/एससी/एसटी/ईडब्ल्यूएस/पीडब्ल्यूबीडी), और सीटों की उपलब्धता पर विचार करते हुए उम्मीदवारों को सर्वोच्च संभावित वरीयता अनंतिम रूप से आवंटित की जाएगी. पीजी आवंटन में अन्य सीएसएएस नीतियां जैसे अपग्रेड, फ्रीज और मिड-एंट्री भी लागू होंगी. सीएसएएस पीजी में पंजीकरण और प्रवेश जून के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है.
पीएचडी प्रोग्रामों में प्रवेश में भी सीयूईटी का प्रावधान
दिल्ली विश्वविद्यालय में विभिन्न विभागों और केंद्रों के बीच 51 प्रोग्रामों में पीएचडी. की पेशकश की जाती है. पीएचडी के लिए उम्मीदवारों का प्रवेश. प्रोग्राम अध्यादेश VI, दिनांक 9 अगस्त 2017 और दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा जारी इसके संशोधनों और अधिसूचनाओं द्वारा शासित है. विश्वविद्यालय के प्रोग्रामों में पीएचडी में प्रवेश के लिए उम्मीदवारों को या तो यूजीसी-नेट/ सीएसआईआर-नेट/ समकक्ष परीक्षा जैसी राष्ट्रीय-आधारित परीक्षाओं या सीयूईटी (पीएचडी) में उपस्थित होना होगा. हालांकि सभी उम्मीदवारों के लिए साक्षात्कार अनिवार्य है.
शैक्षणिक वर्ष 2023-24 से, पीएचडी. यूजीसी-नेट (जेआरएफ़ सहित)/ यूजीसी-सीएसआईआर नेट (जेआरएफ़ सहित)/ आयुष-नेट/डीबीटी-जेआरएफ़, आईसीएमआर-जेआरएफ़, डीएसटी-आईएनएसओआईआरई या समकक्ष राष्ट्रीय स्तर की परीक्षा/फेलोशिप (जैसा कि डीआरसी द्वारा पहचाना गया है)/ गेट/ टीचर फेलोशिप धारक योग्यता के आधार पर पात्रता वाले उम्मीदवारों को सीधे साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने हेतु मौका देने के लिए एक शैक्षणिक वर्ष में एक से अधिक बार (2-3 बार) पंजीकरण पोर्टल खोला जाएगा. सीयूईटी (पीएचडी) 2023 में शामिल होने के इच्छुक उम्मीदवार भी पंजीकरण करा सकते हैं. हालांकि, एनटीए द्वारा सीयूईटी (पीएचडी) 2023-24 का परिणाम घोषित करने के बाद ही ऐसे उम्मीदवारों को साक्षात्कार के लिए शॉर्टलिस्ट किया जाएगा.
पीएचडी प्रोग्रामों के लिए पंजीकरण शुल्क (गैर-वापसी योग्य) एक बार देय होगा. इसके लिए एससी/ एसटी/ पीडब्ल्यूबीडी उम्मीदवारों को 300 रुपये का भुगतान करना होगा जबकि अनारक्षित/ ईडब्ल्यूएस/ ओबीसी-एनसीएल उम्मीदवारों को 750 रुपये का भुगतान करना होगा. डीआरसी और बीआरएस की सिफारिश पर सीयूईटी (पीएचडी) के आधार पर पात्रता प्राप्त सभी योग्य उम्मीदवारों और साथ ही प्रवेश परीक्षा से छूट प्राप्त उम्मीदवारों को समान अवसर देने के लिए विभाग अध्यादेश VI, VI-A, VI-B और इसके संशोधनों के अनुसार साक्षात्कार के लिए उपस्थित होने हेतु एक शैक्षणिक वर्ष में एक से अधिक बार साक्षात्कार आयोजित कर सकते हैं. विभाग डीआरसी और/या बीआरएस की सिफारिश पर तदनुसार सीटों की घोषणा करेंगे. सीएसएएस पीएचडी में पंजीकरण और प्रवेश जून के अंतिम सप्ताह में शुरू होने की संभावना है.
बी.टेक. में ऐसे होगा एडमिशन
शैक्षणिक सत्र 2023-24 से दिल्ली विश्वविद्यालय ने कंप्यूटर साइंस एंड इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रॉनिक्स एंड कम्युनिकेशन इंजीनियरिंग और इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग में तीन बैचलर ऑफ टेक्नोलॉजी (बी.टेक.) प्रोग्राम शुरू किए हैं. इन तीनों बी.टेक प्रोग्रामों के पहले वर्ष के पाठ्यक्रम को विश्वविद्यालय शीर्ष निकाय अकादमिक परिषद और कार्यकारी परिषद से पहले ही मंजूरी दे चुके हैं. इन प्रोग्रामों में दाखिले के लिए योग्यता हेतु उम्मीदवारों को एक ही मान्यता प्राप्त बोर्ड से बारहवीं कक्षा उत्तीर्ण होना अनिवार्य है. उम्मीदवार को भौतिकी, रसायन विज्ञान और गणित के कुल योग में 60% या उससे अधिक अंक प्राप्त करने जरूरी हैं और सीनियर स्कूल सर्टिफिकेट परीक्षा स्तर पर अध्ययन के विषय के रूप में अंग्रेजी (कोर या ऐच्छिक) भी उत्तीर्ण होना चाहिए. इनमें प्रवेश जेईई मेन में प्राप्त रैंक के आधार पर होगा. दिल्ली विश्वविद्यालय में बी.टेक कार्यक्रमों में प्रवेश के लिए पंजीकरण करते समय नाम, हस्ताक्षर और फोटोग्राफ जैसे कुछ क्षेत्रों को जेईई 2023 से स्व-एकीकृत किया जाएगा. उम्मीदवारों को तीन प्रोग्रामों के लिए अपनी प्राथमिकताएं जमा करनी होंगी. आवंटन मेरिट स्कोर और उम्मीदवारों द्वारा प्रस्तुत वरीयताओं के आधार पर होगा. विश्वविद्यालय द्वारा जून के अंतिम सप्ताह में अपना पंजीकरण पोर्टल खोलने की संभावना है. इसके लिए 1500 रुपये का पंजीकरण-सह-परामर्श शुल्क देय होगा.
SOL और एनसीवेब में एडमिशन
स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग (एसओएल) और गैर कॉलेजिएट महिला शिक्षा बोर्ड (एनसीडब्ल्यूईबी) के स्नातक प्रोग्रामों में प्रवेश के लिए सीयूईटी की बाध्यता नहीं है. इन संस्थानों में प्रवेश बारहवीं कक्षा में प्राप्त अंकों की योग्यता के आधार पर होता है. स्कूल ऑफ ओपन लर्निंग के 8 स्नातक प्रोग्रामों और 112 बीए प्रोग्राम संयोजनों के लिए प्रवेश पोर्टल की लॉन्चिंग भी कुलपति ने बुधवार को की. उन्होने बताया कि सीयूईटी की घोषणा के बाद प्रवेश लेने वाले उम्मीदवारों को किसी भी कठिनाई से बचाने के लिए यह निर्णय लिया गया है कि एसओएल उन उम्मीदवारों की पूरी फीस वापस कर देगा, जो विश्वविद्यालय के प्रवेश बंद होने की अंतिम तिथि से पहले अपना प्रवेश वापस ले लेंगे. इसके लिए मात्र 500 रुपये ही प्रशासनिक शुल्क के रूप में फीस से काटे जाएंगे. गौरतलब है कि डीयू का एनसीडब्ल्यूईबी स्नातक प्रोग्राम प्रदान करता है जिसमें दिल्ली एनसीटी की लड़कियां आवेदन कर सकती हैं. कुलपति प्रो. योगेश सिंह द्वारा एनसीडबल्यूईबी के स्नातक प्रोग्रामों के लिए पंजीकरण की शुरुआत भी इसी कार्यक्रम के दौरान की गई. यह संस्थान दिल्ली विश्वविद्यालय के 26 घटक कॉलेजों में दो स्नातक प्रोग्रामों बीए और बीकॉम की पेशकश करता है. प्रत्येक कॉलेज सेंटर में बीकॉम में 230 और बीए प्रोग्राम में 355 सीटें हैं. एनसीडब्ल्यूईबी में स्नातक प्रोग्रामों में लगभग 15,000 सीटों की पेशकश की जाती है.
एडमिशन सपोर्ट सिस्टम भी करेगा भावी विद्यार्थियों की सहायता
भावी विद्यार्थियों की मदद के लिए विश्वविद्यालय ने एक एडमिशन सपोर्ट सिस्टम भी स्थापित किया है. चैट बोट्स और ईमेल के माध्यम से ऑनलाइन सपोर्ट प्रदान की जा रही है. स्नातक प्रवेश से संबंधित जानकारी के लिए उम्मीदवार ug@admission.du.ac.in पर, स्नातकोत्तर प्रवेश से संबंधित जानकारी के लिए pg@admision.du.ac.in पर और पीएचडी प्रवेश से संबंधित जानकारी के लिए ईमेल phd@admision.du.ac.in पर लिख सकते हैं. अक्सर पूछे जाने वाले प्रश्नों (एफएक्यू) की एक सूची विश्वविद्यालय की वेबसाइट पर पहले से ही उपलब्ध है. उम्मीदवारों के लिए प्रवेश शाखा में हेल्पडेस्क की सुविधा भी स्थापित की गई है. वे जो चाहें, किसी भी मदद के लिए कॉल कर सकते हैं. विश्वविद्यालय प्रवेश से संबंधित शिकायतों को संभालने और उनके हल के आसान और कुशल तरीके के लिए एक ऑनलाइन पोर्टल स्थापित करने की भी योजना बना रहा है.
भावी विद्यार्थियों के लिए महत्वपूर्ण सलाह
दिल्ली विश्वविद्यालय द्वारा सभी भावी विद्यार्थियों को सलाह दी जाती है कि वे प्रवेश से संबंधित सभी अपडेट, प्रोग्राम और दिशानिर्देशों के लिए नियमित रूप से विश्वविद्यालय की एडमिशन वेबसाइट और उनके डैशबोर्ड की जाँच करते रहें. आवंटित सीट को स्वीकार करने, प्रवेश शुल्क का भुगतान करने और कॉलेज द्वारा उठाए गए प्रश्नों का उत्तर देने में विफल रहने पर आवंटित सीट को अस्वीकार कर दिया जाएगा. उम्मीदवारों को सतर्क रहना चाहिए और केवल दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट (www.admission.uod.ac.in) पर प्रकाशित जानकारी पर ही भरोसा करना चाहिए. उम्मीदवारों को यह भी ध्यान रखना चाहिए कि विश्वविद्यालय के ईमेल अकाउंट केवल "du.ac.in" के साथ समाप्त होने वाली ईमेल आईडी वाले ही होते हैं. सभी प्रामाणिक सूचनाओं, घोषणाओं और प्रोग्रामों के लिए उम्मीदवारों को केवल दिल्ली विश्वविद्यालय की आधिकारिक वेबसाइट और सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म पर ही जाना चाहिए.
मिलन शर्मा