DU: एमएससी, PhD में भी CUET से होगा एडमिशन, हिंदू स्टडीज को भी मिली मंजूरी

यह पहली बार होगा जब विश्वविद्यालय (Delhi University) छात्रों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार आयोजित करने के बजाय एक कॉमन एग्जाम के माध्यम से पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन मिलेगा. विश्वविद्यालय की 1014वीं एकेडमिक काउंसिल की बैठक में पारित स्वतंत्रता एवं विभाजन अध्ययन केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को भी शुक्रवार को मंजूरी मिल गई.

Advertisement
साकेंतिक तस्वीर साकेंतिक तस्वीर

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 10 जून 2023,
  • अपडेटेड 11:20 AM IST

CUET PhD Exam: दिल्ली यूनिवर्सिटी ग्रेजुएट और पोस्ट ग्रेजुएट के बाद पीएचडी प्रोग्राम में कॉमन यूनिवर्सिटी एंट्रेंस टेस्ट (CUET) के आधार पर एडमिशन (PhD Admission) लेने की तैयारी कर रहा है. नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) आगामी शैक्षणिक वर्ष से सीयूईटी परीक्षा (CUET PhD) आयोजित करेगा. शुक्रवार को अधिकारियों ने इसकी घोषणा कर दी है. यह पहली बार होगा जब विश्वविद्यालय (Delhi University) छात्रों को लिखित परीक्षा और साक्षात्कार आयोजित करने के बजाय एक कॉमन एग्जाम के माध्यम से पीएचडी प्रोग्राम में एडमिशन देगा. कार्यकारी परिषद की बैठक के दौरान यह फैसला लिया गया, जहां पांच साल के एलएलबी प्रोग्राम सहित कई प्रस्तावों को मंजूरी दी गई.

Advertisement

CUET से होगा PhD में एडमिशन
विश्वविद्यालय ने एक बयान में कहा कि एकेडमिक काउंसिल की स्टेंडिंग कमेटी ने पीएचडी में एडमिशन के लिए सीयूईटी की सिफारिश की है. अंडरग्रेजुएट, पोस्टग्रेजुएट और पीएचडी में एडमिशन पर विचार-विमर्श के बाद एकेडमिक सेशन 2023-24 में सीयूईटी को आधार बनाने का फैसला किया गया. इसे कार्यकारी परिषद (ईसी) द्वारा भी स्वीकार किया गया था.

दिल्ली विश्वविद्यालय (DU) ने पिछले साल CUET-UG के माध्यम से अंडरग्रेजुएट (UG) में एडमिशन लेना शुरू किया और CUET PG के माध्यम से छात्रों को पोस्टग्रेजुएट प्रोग्राम में एडमिशन दिया जाएगा. एडमिशन नेशनल टेस्टिंग एजेंसी (NTA) द्वारा आयोजित राष्ट्रीय-आधारित CUET (PhD) -2023 के माध्यम से होगी. हालांकि, विश्वविद्यालय में सेवारत टीचिंग और नॉन-टीचिंग कैटेगरी सीधे साक्षात्कार के लिए उपस्थित हो सकते हैं, अधिकारियों ने इसकी पुष्टि की है.

MSc में भी CUET से होगा एडमिशन
आधिकारिक सूचना के मुताबिक, "टीचिंग और नॉन-टीचिंग स्टाफ को कार्यालय समय के दौरान सौंपे गए कर्तव्यों को प्रभावित किए बिना क्लासेस ले सकते हैं और एग्जाम दे सकते हैं. पीएचडी के लिए ये नियम शैक्षणिक सत्र 2023-2024 से लागू होंगे. इनके अलावा शैक्षणिक सत्र 2023-2024 के लिए अंडरग्रेजुएट (एमबीबीएस/बीडीएस) कोर्स में एडमिशन के लिए मेडिकल साइंस कोर्सेज कमेटी (एमसीएसी) की पात्रता शर्त और सीट मैट्रिक्स सिफारिशों को भी ईसी में मंजूरी दी गई. रेस्पिरेटरी थेरेपी प्रोग्राम में एमएससी एडमिशन भी सीयूईटी (पीजी)-2023 के तहत होगा.

Advertisement

भारत के गुमनाम नायकों और घटनाओं पर होगी रिसर्च
इस बीच, विश्वविद्यालय की 1014वीं एकेडमिक काउंसिल की बैठक में पारित स्वतंत्रता एवं विभाजन अध्ययन केंद्र स्थापित करने के प्रस्ताव को भी शुक्रवार को मंजूरी मिल गई. यह केंद्र शोध के माध्यम से स्वतंत्रता आंदोलन के ऐसे गुमनाम नायकों और घटनाओं पर भी काम करेगा, जिन्हें अभी तक इतिहास में जगह नहीं मिली है. साथ ही भारत विभाजन की त्रासदी के समय की घटनाओं का भी गहन अध्ययन एवं शोध किया जाएगा.

हिंदू स्टडीज में मास्टर्स करने का भी मौका
जनजातीय अध्ययन केन्द्र के गठन को भी मंजूरी दी गई है. यह भारत की विभिन्न जनजातियों पर अध्ययन के साथ एक बहु-अनुशासनात्मक केंद्र होगा. इनके अलावा, ईसी की बैठक में हिंदू अध्ययन केंद्र की स्थापना को भी पारित किया गया था. सेंटर फॉर हिंदू स्टडीज के तहत हिंदू स्टडीज में मास्टर ऑफ आर्ट्स प्रोग्राम शुरू किया जाएगा.

ITEP कोर्स में अगले साल शुरू होंगे एडमिशन
बयान में कहा गया है कि शैक्षणिक सत्र 2023-24 से इंटीग्रेटेड टीचर एजुकेशन प्रोग्राम (ITEP) कोर्स चलाने की भी मंजूरी दी गई है. यूनिवर्सिटी ने कहा कि पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर यह चार साल का कोर्स होगा. डीयू के श्यामा प्रसाद मुखर्जी महिला कॉलेज, माता सुंदरी महिला महाविद्यालय और जीसस एंड मैरी कॉलेज को सत्र 2023-2024 से एनसीटीई द्वारा आईटीईपी के लिए मंजूरी दे दी गई है. शैक्षणिक वर्ष 2024-2025 के लिए आईटीईपी कोर्स के लिए डीयू का शिक्षा विभाग और बी एल एड कोर्स चलाने वाले आठ कॉलेज आवेदन करेंगे.

Advertisement

 

 

Read more!
Advertisement

RECOMMENDED

Advertisement