अगर आप भी अपने बच्चों का नर्सरी क्लास में एडमिशन कराने की सोच रहे हैं, तो यह खबर आपके लिए महत्वपूर्ण है. दिल्ली के लगभग 1741 स्कूलों में नर्सरी एडमिशन की प्रक्रिया आज से शुरू होने जा रही है. स्कूलों ने अपनी वेबसाइट पर एडमिशन क्राइटेरिया तय कर दिए हैं और आज से सभी स्कूलों में एडमिशन फॉर्म भी मिलने शुरू हो जाएंगे. अभिभावक, जिन-जिन स्कूलों में दिलचस्पी रखते हैं, उन्हें इन स्कूलों के फॉर्म भरने होंगे. पेरेंट्स के पास स्कूल का जायजा लेने से लेकर फॉर्म भरने के लिए 20 दिसंबर तक का समय दिया गया है.
नर्सरी एडमिशन के इस रेस में हमेशा की तरह इस बार भी ‘डिस्टेंस नेबरहुड स्कूल’ यानी घर की दूरी का फंडा सबसे ऊपर है, लेकिन सिर्फ दूरी के आधार पर एडमिशन नहीं होगा. कई स्कूलों ने अपनी वेबसाइट पर ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में फॉर्म भरने का विकल्प दिया है. इसके साथ ही, स्कूलों द्वारा 100 प्वाइंट सिस्टम का इस्तेमाल किया जाएगा, जिसके आधार पर छात्रों को अंक दिए जाएंगे और इसी अंक प्रणाली के जरिए एडमिशन लिस्ट तैयार की जाएगी.
एडमिशन के लिए क्या है क्राइटेरिया?
नर्सरी एडमिशन के लिए प्रत्येक स्कूल ने अलग-अलग क्राइटेरिया निर्धारित किए हैं. इनमें से सबसे महत्वपूर्ण क्राइटेरिया घर की दूरी है. इसके अलावा, गर्ल चाइल्ड, सिंगल चाइल्ड, भाई-बहन और सिंगल पेरेंट्स को भी प्राथमिकता दी जाएगी. कुछ स्कूलों ने सिख और ईसाई अल्पसंख्यकों, आर्थिक रूप से कमजोर वर्गों और शारीरिक रूप से विकलांग अभिभावकों के लिए भी विशेष क्राइटेरिया तैयार किया है.
प्राइवेट और अन-ऐडेड मान्यता प्राप्त स्कूलों ने एडमिशन के लिए प्वाइंट सिस्टम बनाया है, जिसमें विभिन्न मानदंडों के आधार पर 30 से 100 अंक दिए जाएंगे. ज्यादातर स्कूलों ने पड़ोस और दूरदराज के क्षेत्रों को 30 से 90 तक अंक दिए हैं. अगर घर से स्कूल की दूरी 6 किलोमीटर या उससे कम है, तो बच्चे को नेबरहुड के 50 अंक मिलेंगे. वहीं, अगर दूरी 6 से 8 किलोमीटर के बीच है तो 40 अंक मिलेंगे, और 8 से 15 किलोमीटर की दूरी के लिए 30 अंक निर्धारित किए गए हैं.
सुशांत मेहरा