सोशल मीडिया पर भारत के अपने बॉम्बर की खबर... रक्षा मंत्रालय ने खारिज की रिपोर्ट्स

भारत 12000 किमी रेंज वाला अल्ट्रा लॉन्ग-रेंज स्ट्राइक एयरक्राफ्ट (ULRA) बना रहा है, जो बिना रिफ्यूलिंग न्यूयॉर्क तक पहुंच सकता है. TU-160 और B-21 से प्रेरित, यह विमान ब्रह्मोस-एनजी मिसाइलों से लैस होगा. 2035 तक प्रोटोटाइप तैयार होगा, जो भारत की परमाणु शक्ति और वैश्विक पहुंच को मजबूत करेगा.

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भारतीय बॉम्बर की प्राइमरी डिजाइन और मॉडल बन चुका है. (Photo: Representational/X/@defencealerts) भारतीय बॉम्बर की प्राइमरी डिजाइन और मॉडल बन चुका है. (Photo: Representational/X/@defencealerts)

शिवानी शर्मा

  • नई दिल्ली,
  • 17 जुलाई 2025,
  • अपडेटेड 11:54 AM IST

भारत अपनी वायु सेना के लिए एक अल्ट्रा लॉन्ग-रेंज स्ट्राइक एयरक्राफ्ट (ULRA) बना रहा है, जो 12000 KM से ज्यादा दूर तक लक्ष्य पर हमला कर सकता है. 12 टन हथियार ले जाने में सक्षम होगा. यह विमान रूस के TU-160 और अमेरिका के B-21 रेडर से प्रेरित होगा. ब्रह्मोस-एनजी मिसाइलों से लैस होगा. यह परियोजना भारत की परमाणु शक्ति और वैश्विक पहुंच को मजबूत करेगी. पहला प्रोटोटाइप 2032-2035 के बीच तैयार हो सकता है. ऐसी खबर सोशल मीडिया X पर धड़ल्ले से चल रही है. 

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कई X हैंडल पर ये खबर आने के बाद- रक्षा मंत्रालय ने कहा कि कुछ मीडिया हाउसों ने यह खबर प्रकाशित की कि भारत 12,000 किमी रेंज वाला लंबी दूरी का बमवर्षक बना रहा है, जो बिना रिफ्यूलिंग न्यूयॉर्क तक हमला कर सकता है. महाद्वीपों को निशाना बना सकता है. यह खबर तथ्यात्मक रूप से गलत और बनावटी लगती है. DRDO में कभी ऐसा प्रस्ताव चर्चा में नहीं रहा.

क्या है ULRA?

ULRA, यानी अल्ट्रा लॉन्ग-रेंज स्ट्राइक एयरक्राफ्ट, एक ऐसा बमवर्षक है जो बिना रुकावट 12000 किमी से ज्यादा की दूरी तय कर सकता है. यह अमेरिका, यूरोप, अफ्रीका या ऑस्ट्रेलिया जैसे दूरस्थ इलाकों में हमला करने में सक्षम होगा. पहले भारत की रक्षा नीति क्षेत्रीय सुरक्षा पर केंद्रित थी, लेकिन अब यह वैश्विक स्तर पर ताकत दिखाने की ओर बढ़ रही है. रक्षा विशेषज्ञ इसे भारतीय वायु सेना के लिए एक "गेम चेंजर" बता रहे हैं.

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भारतीय बमवर्षक 12 हजार किलोमीटर तक बिना रिफ्यूलिंग के जा सकेगा. (Photo: Representational/Getty)

TU-160 और B-21 से सीख

रूस का TU-160 'ब्लैकजैक' दुनिया का सबसे भारी और तेज सुपरसोनिक बमवर्षक है, जो 12300 किमी की रेंज और 40 टन वजन ले जा सकता है. DRDO के एक इंजीनियर ने कहा कि हम TU-160 को एक मॉडल के रूप में देख रहे हैं. अपनी जरूरतों के अनुसार उसे ढाल रहे हैं. भारत का यह विमान स्विंग विंग डिजाइन का इस्तेमाल करेगा, जो उड़ान के दौरान पंखों का आकार बदलकर ईंधन बचाएगा. गति को नियंत्रित करेगा. यह B-21 रेडर (9,300 किमी रेंज) से भी आगे जाएगा.

स्टील्थ-सटीकता की तकनीक

इस विमान में स्टील्थ टेक्नोलॉजी, रडार से बचने की क्षमता और ऑटोमेटेड फ्लाइट सिस्टम होंगे. इसका मतलब है कि यह दुश्मन की नजरों से छिपकर दूर तक जा सकता है. सटीक निशाना लगा सकता है. ULRA का सबसे बड़ा हथियार होगा ब्रह्मोस-एनजी मिसाइल, जो हल्की और चुपके से हमला करने वाली है.

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यह 290 से 450 किमी की दूरी तक उड़कर दुश्मन के हवाई अड्डे, रडार, कमांड सेंटर या परमाणु ठिकानों को निशाना बना सकती है. DRDO ने बताया कि इसमें अग्नि-1पी, लेजर बम और एंटी-रेडिएशन मिसाइल जैसे हथियार भी होंगे. यह मिसाइलें दुश्मन को चंद मिनटों में नष्ट कर सकती हैं.

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Photo: Representational/X/@InsightGL

तकनीक कहां से आएगी?

इस विमान को बनाना आसान नहीं है. सरकार, DRDO, HAL और एयरक्राफ्ट डेवलपमेंट एजेंसी इस पर काम कर रहे हैं. रूस और फ्रांस के साथ तकनीक ट्रांसफर की बातचीत चल रही है. इंजन के लिए GE-414 (अमेरिकी) या NK-32 (रूसी) को अपग्रेड किया जा सकता है, जो इसकी शक्ति और रेंज को संभाल सके.

भारत की रक्षा के लिए क्या मायने?

यह बमवर्षक भारत को वैश्विक हमले की क्षमता देगा. इससे परमाणु जवाबी हमले की ताकत बढ़ेगी. इंडो-पैसिफिक क्षेत्र में भारत का दबदबा बढ़ेगा. यह परमाणु त्रिकोण (जमीन, समुद्र और आकाश) को पूरा करेगा, जो दुश्मन के लिए एक मजबूत रोक होगी. यह विमान भारत को अमेरिका, रूस और चीन जैसे देशों के साथ खड़ा करेगा, जो स्ट्रैटेजिक बमवर्षक चलाते हैं.

कब तक तैयार होगा?

प्रारंभिक डिजाइन और रिसर्च शुरू हो चुकी है. डमी मॉडल भी बनाए गए हैं. रक्षा मंत्रालय का लक्ष्य 2032-2035 के बीच पहला प्रोटोटाइप तैयार करना है. यह भारत का AMCA (एडवांस्ड मीडियम कॉम्बैट एयरक्राफ्ट) के बाद सबसे बड़ा स्वदेशी एयरोस्पेस प्रोग्राम होगा.

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