रक्षा अनुसंधान एवं विकास संगठन ने मंगलवार आईटीआर चांदीपुर में एक मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से लंबी दूरी की लैंड अटैक क्रूज मिसाइल (LRLACM) का पहला उड़ान परीक्षण किया है. रक्षा मंत्रालय ने इसकी जानकारी दी है.
रक्षा मंत्रालय कार्यालय ने मिसाइल के सफल परीक्षण के बारे में जानकारी देते हुए सोशल मीडिया एक्स पर लिखा, डीआरडीओ भारत आईटीआर चांदीपुर में एक मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर से लंबी दूरी की लैंड अटैक क्रूज़ मिसाइल (एलआरएलएसीएम) का पहला उड़ान परीक्षण किया है. राजनाथ सिंह ने LRLACM के सफल प्रथम उड़ान परीक्षण पर डीआरडीओ, सशस्त्र बलों और उद्योग को बधाई दी है. उन्होंने कहा है कि यह परीक्षण भविष्य के स्वदेशी क्रूज मिसाइल विकास कार्यक्रमों का मार्ग प्रशस्त करता है.
रक्षा मंत्रालय ने कहा कि परीक्षण के वक्त सभी सब-सिस्टम ने उम्मीद के मुताबिक प्रदर्शन किया और मिसाइल अपने लक्ष्य को भेदने में सफल रही. मिसाइल ने वे-पॉइंट नेविगेशन का इस्तेमाल करके तय रास्ते का अनुसरण किया और विभिन्न ऊंचाइयों, गति पर उड़ान भरते हुए विभिन्न करतब करने की अपनी क्षमताओं का प्रदर्शन किया. मिसाइल को उन्नत एवियोनिक्स और सॉफ्टवेयर से लैस किया गया है जो इसके प्रदर्शन को अधिक विश्वसनीय और बेहतर बनाते हैं.
मिसाइल के परिक्षण की निगरानी कई रेंस सेंसर, रडार, इलेक्ट्रो ऑप्टिकल ट्रैकिंग सिस्टम और टेलीमेट्री के जरिए से की गई. ये सभी सेंसर कई जगहों पर लगाए गए थे. ताकि उड़ान की पूरे कवरेज सुनिश्चित की जा सके.
ये मिसाइल एरोनॉटिकल डेवलपमेंट एस्टेब्लिशमेंट, बेंगलुरु द्वारा विकसित की गई है. जिसमें अन्य डीआरडीओ लैब और भारतीय उद्योगों का योगदान भी शामिल है. भारत डायनामिक्स लिमिटेड हैदराबाद, भारत इलेक्ट्रॉनिक्स लिमिटेड और बेंगलुरु एलआरएलएसीएम के दो विकास सह उत्पादन भागीदार हैं और वे मिसाइल विकास और एकीकरण में लगे हुए हैं.
इस परीक्षण में डीआरडीओ की विभिन्न प्रयोगशालाओं के वरिष्ठ वैज्ञानिकों के साथ-साथ तीनों सेवाओं के प्रतिनिधियों और सिस्टम के उपयोगकर्ताओं ने भी भाग लिया. एलआरएलएसीएम रक्षा अधिग्रहण परिषद द्वारा अनुमोदित मिशन मोड परियोजना है.
अधिकारियों ने बताया कि LRLACM मोबाइल आर्टिकुलेटेड लॉन्चर और यूनिवर्सल वर्टिकल लॉन्च मॉड्यूल सिस्टम का इस्तेमाल करते हुए फ्रंटलाइन जहाजों से भी लॉन्च करने के लिए कॉन्फ़िगर किया गया है.
मंजीत नेगी