2 करोड़ के गहने, 50 बैंक खाते फ्रीज और 177 करोड़ का बैंक घोटाला... ED ने फाइव स्टार होटल से ऐसे पकड़ा आरोपी

ED के मुताबिक, आरोपी अमित अशोक पिछले दो महीनों से उस फाइव स्टार होटल में ठहरा हुआ था. होटल परिसर की तलाशी के दौरान 9.5 लाख रुपये की नकदी, 2.33 करोड़ रुपये मूल्य का सोना, हीरे के आभूषण, दो वाहन और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए हैं.

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ED की टीम ने कैश, सोना और अन्य सामान बरामद किया है (फोटो-ITG) ED की टीम ने कैश, सोना और अन्य सामान बरामद किया है (फोटो-ITG)

दिव्येश सिंह

  • मुंबई,
  • 26 अगस्त 2025,
  • अपडेटेड 9:21 AM IST

Mumbai ED Action in 177 Crore Bank Fraud Case: मुंबई में मौजूद प्रवर्तन निदेशालय (ED) के क्षेत्रीय कार्यालय की टीम ने केनरा बैंक से जुड़े 117.06 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के सिलसिले में वॉन्टेड आरोपी अमित अशोक थेपड़े को एक फाइव स्टार होटल से गिरफ्तार कर लिया. यह गिरफ्तारी धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA) 2002 के तहत चल रही जांच के तहत की गई है.

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ईडी के अधिकारियों ने बताया कि वॉन्टेड आरोपी अमित अशोक थेपड़े काफी समय से बचता फिर रहा था. लेकिन इसी दौरान ईडी की टीम को एक खुफिया जानकारी मिली. जिसके आधार पर 24 अगस्त को ईडी के अधिकारियों ने दक्षिण मुंबई के एक प्रमुख पांच सितारा होटल में छापेमारी की और वहां से आरोपी अमित अशोक को गिरफ्तार कर लिया. 

ईडी के अधिकारियों ने जांच में पाया कि आरोपी उस फाइव स्टार होटल में पिछले दो महीनों से ठहरा हुआ था. जब होटल परिसर में तलाशी के दौरान 9.5 लाख रुपये की नकदी, 2.33 करोड़ रुपये मूल्य का सोना, सोने और हीरे के आभूषण, दो वाहन और डिजिटल उपकरण जब्त किए गए. साथ ही आरोपी से संबंधित 50 से ज़्यादा बैंक खाते फ्रीज कर दिए गए. जिनमें वित्तीय लेनदेन के महत्वपूर्ण सबूत होने का शक है.

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पीएमएलए की स्पेशल कोर्ट ने आरोपी को पांच दिनों के लिए ईडी की हिरासत में भेज दिया है. ED ने सीबीआई और एसीबी, पुणे द्वारा गैलेक्सी कंस्ट्रक्शन्स एंड कॉन्ट्रैक्टर्स प्राइवेट लिमिटेड (GCCPL) और मिट्सम एंटरप्राइजेज प्राइवेट लिमिटेड (MEPL) के खिलाफ दर्ज दो एफआईआर के आधार पर जांच शुरू की. अमित थेपड़े के स्वामित्व और नियंत्रण वाली दोनों कंपनियों ने विभिन्न अचल संपत्तियों को गिरवी रखकर केनरा बैंक से ऋण सुविधाएं हासिल की थीं.

जांच से पता चला कि आरोपियों ने पहले से बेची जा चुकी संपत्तियों को गिरवी रखकर या उन्हीं संपत्तियों को दो बार गिरवी रखकर बैंक को धोखा देने की साजिश रची, जिससे उन्हें लोन मिला और बाद में निजी उपयोग के लिए पैसा बैंक से निकाला गया.

ED को आगे की जांच से पता चला है कि अमित थेपड़े ने आपराधिक गतिविधियों से प्राप्त अवैध धन को परतों में बांटने और एकीकृत करने के लिए एक जटिल वित्तीय नेटवर्क बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई.

उसकी गिरफ्तारी व्यापक निगरानी और फोरेंसिक वित्तीय विश्लेषण के बाद हुई है, जिसमें कई ऐसे लेन-देन सामने आए हैं जिनका उद्देश्य अपराध की आय के वास्तविक स्रोत को छिपाना और उसे वैध संपत्ति के रूप में प्रस्तुत करना था. इस मामले में आगे की जांच जारी है.

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