Code of Criminal Procedure: दंड प्रक्रिया संहिता में अदालत (Court) और पुलिस (Police) की कार्य प्रणाली को लेकर कई तरह के कानूनी प्रावधान (Legal provision) मौजूद हैं. इसी तरह से सीआरपीसी की धारा 194 के तहत अपर और सहायक सेशन न्यायाधीशों को हवाले किए गए मामलों पर उनके द्वारा विचारण किए जाने का प्रावधान मिलता है. चलिए जान लेते हैं कि सीआरपीसी (CrPC) की धारा 194 इस विषय पर क्या कहती है?
सीआरपीसी की धारा 194 (CrPC Section 194)
दंड प्रक्रिया संहिता (Code of Criminal Procedure 1975) की धारा 194 में अपर और सहायक सेशन न्यायाधीशों (Additional and Assistant Sessions Judges) के हवाले किए गए मामलों पर उनके द्वारा विचारण करना बताया गया है. CrPC (दंड प्रक्रिया संहिता की धारा ) की धारा 194 के मुताबिक, अपर सेशन न्यायाधीश (Additional Sessions Judge) या सहायक सेशन न्यायाधीश (Assistant sessions judge) ऐसे मामलों का विचारण (Trial) करेगा जिन्हें विचारण के लिए उस खंड का सेशन न्यायाधीश साधारण या विशेष आदेश (General or special order) द्वारा उसके हवाले करता है या जिनका विचारण करने के लिए उच्च न्यायालय (High Court) विशेष आदेश द्वारा उसे निदेश देता है.
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क्या है दण्ड प्रक्रिया संहिता (CrPC)
दण्ड प्रक्रिया संहिता 1973 (Code of Criminal Procedure, 1973) भारत में आपराधिक कानून के क्रियान्यवन के लिये मुख्य कानून है. यह सन् 1973 में पारित हुआ था. इसे देश में 1 अप्रैल 1974 को लागू किया गया. दंड प्रक्रिया संहिता का संक्षिप्त नाम 'सीआरपीसी' है. सीआरपीसी (CRPC) अंग्रेजी का शब्द है. जिसकी फुल फॉर्म Code of Criminal Procedure (कोड ऑफ क्रिमिनल प्रोसिजर) होती है. इसे हिंदी में 'दंड प्रक्रिया संहिता' कहा जाता है.
CrPC में 37 अध्याय (Chapter) हैं, जिनके अधीन कुल 484 धाराएं (Sections) मौजूद हैं. जब कोई अपराध होता है, तो हमेशा दो प्रक्रियाएं होती हैं, एक तो पुलिस अपराध (Crime) की जांच करने में अपनाती है, जो पीड़ित (Victim) से संबंधित होती है और दूसरी प्रक्रिया आरोपी (Accused) के संबंध में होती है. सीआरपीसी (CrPC) में इन प्रक्रियाओं का ब्योरा दिया गया है. CrPC में अब तक कई बार संशोधन (Amendment) भी किए जा चुके हैं.
परवेज़ सागर