जुबिन गर्ग डेथ मिस्ट्री: 14 दिन की न्यायिक हिरासत में बैंड के 2 सदस्य, इंसाफ के लिए हिंसक हुए लोग

Zubeen Garg Death: जुबिन गर्ग की रहस्यमयी मौत के मामले में गिरफ्तार बैंड के दो सदस्यों को न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया. आज दोनों की 14 दिन की पुलिस रिमांड खत्म हुई थी. इसके साथ असम में 'जुबीन के लिए न्याय' की मांग अब सड़क पर हिंसक रूप ले चुकी है.

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असम मुख्यमंत्री के आदेश पर CID को सौंपा गया केस, 60 से ज्यादा जगहों पर केस दर्ज. (File Photo: ITG) असम मुख्यमंत्री के आदेश पर CID को सौंपा गया केस, 60 से ज्यादा जगहों पर केस दर्ज. (File Photo: ITG)

aajtak.in

  • गुवाहाटी ,
  • 17 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 7:37 PM IST

असम के गुवाहाटी की एक अदालत ने मशहूर गायक जुबिन गर्ग की मौत के मामले में गिरफ्तार उनके बैंड के दो सदस्यों शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत को न्यायिक हिरासत में भेज दिया. शुक्रवार को दोनों की 14 दिन की पुलिस रिमांड खत्म होने के बाद उन्हें कामरूप के मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया था. वहां से उन्हें न्यायिक हिरासत में भेजने का आदेश दिया गया.

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दोनों आरोपियों शेखर ज्योति गोस्वामी और अमृतप्रभा महंत को अदालत लाने के बाद भारी पुलिस सुरक्षा में अलग-अलग वैन से जेल भेजा गया. अदालत ने आदेश दिया है कि उन्हें 14 दिन बाद दोबारा अदालत में पेश किया जाए. हालांकि, पुलिस ने यह स्पष्ट नहीं किया है कि इनको किस जेल में रखा जाएगा. बताया जा रहा है कि बक्सा जिला जेल में हुई हिंसा के बाद फैसला सावधानीपूर्वक लिया जा रहा है.

इससे पहले बुधवार को इसी मामले में गिरफ्तार किए गए पांच अन्य आरोपियों को बक्सा जिला जेल ले जाया गया था, जहां हालात अचानक बेकाबू हो गए. जेल के बाहर हजारों लोग जमा हो गए, जिन्होंने 'जुबिन के लिए न्याय' की मांग करते हुए भारी प्रदर्शन शुरू कर दिया. कुछ प्रदर्शनकारियों ने आरोपियों को जनता के हवाले करने की मांग कर दी. देखते ही देखते स्थिति नियंत्रण से बाहर चली गई.

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इसके बाद पुलिस को लाठीचार्ज और आंसू गैस के गोले छोड़ने पड़े.भीड़ ने जेल ले जा रहे काफिले पर हमला किया, वाहनों में आग लगा दी और पथराव किया. इस हिंसा में पुलिसकर्मी, मीडियाकर्मी और स्थानीय लोग घायल हुए हैं. हालात पर काबू पाने के लिए प्रशासन ने बीएनएसएस की धारा 163 के तहत निषेधाज्ञा लागू कर दी है. बक्सा जिले में इंटरनेट और मोबाइल डेटा सेवाएं निलंबित कर दी गई.

इस मामले में अब तक सात लोगों को गिरफ्तार किया जा चुका है, जिन्हें पुलिस ने न्यायिक हिरासत में भेज दिया. इन सात में जुबीन गर्ग के बैंड के दोनों सदस्य भी शामिल हैं. इसके अलावा पांच में नॉर्थ ईस्ट इंडिया फेस्टिवल के मुख्य आयोजक श्यामकानु महंत, गायक के मैनेजर सिद्धार्थ शर्मा, चचेरे भाई और पुलिस अधिकारी संदीपन गर्ग, निजी सुरक्षा अधिकारी नंदेश्वर बोरा और प्रबीन बैश्य शामिल हैं.

इन सभी को बुधवार को मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट की अदालत ने न्यायिक हिरासत में भेजा था. अदालत ने उनकी सुरक्षा को लेकर चिंता जताई थी. इसके साथ ही आदेश दिया था कि उन्हें कम कैदियों वाली जेल में भेजा जाए. इसी आदेश के तहत पांचों आरोपियों को बक्सा जिला जेल ले जाया गया, जहां भीड़ के आक्रोश ने हिंसक रूप ले लिया. 19 सितंबर को जुबिन गर्ग की सिंगापुर में तैरते समय मौत हो गई थी. 

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इसकी जांच के लिए असम के मुख्यमंत्री हिमंत बिस्वा सरमा के आदेश पर 10 सदस्यीय विशेष जांच दल (एसआईटी) गठित किया गया. एसआईटी ने जांच के दौरान कई आरोपियों को हिरासत में लिया और उनसे पूछताछ के बाद 3 अक्टूबर को बैंड के दो सदस्यों की गिरफ्तारी की पुष्टि की थी. पुलिस के अनुसार, महंत, शर्मा और अन्य के खिलाफ राज्य भर में 60 से अधिक एफआईआर दर्ज हैं.

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