किराए के बदले मकान मालिक ने लड़की से बनाए शारीरिक संबंध, मिली सजा

एक मकान मालिक 14 से 28 साल की लड़कियों को अपने यहां फ्री में रखने को तैयार था. लेकिन इसके बदले वह लड़कियों को घर में बिकिनी पहनकर रहने को कहता था.

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‘सेक्स-फॉर-रेंट’ मामले में शख्स को हुई सजा (Credit: ITV) ‘सेक्स-फॉर-रेंट’ मामले में शख्स को हुई सजा (Credit: ITV)

aajtak.in

  • नई दिल्ली,
  • 12 मई 2022,
  • अपडेटेड 3:43 PM IST
  • ‘सेक्स-फॉर-रेंट’ मामले में दोषी पाया गया शख्स
  • शख्स को हुई 1 साल की सजा

एक मकान मालिक ने लड़कियों को अपने यहां फ्री में रहने के लिए बुलाया. फिर उन्हें घर में हर वक्त बिकिनी पहनकर रहने को कहा. और साथ में सोने को कहा. जिसके बाद उस पर कार्रवाई हुई. और वह ‘सेक्स-फॉर-रेंट’ के मामले में दोषी पाया गया. यह ‘सेक्स-फॉर-रेंट’ मामले में ब्रिटेन में सुनाई गई पहली सजा है. ऐसा समझा जाता है कि ऐसे कई मकान मालिक हैं जो इस तरह महिलाओं का शोषण कर रहे हैं.

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मामला ब्रिटेन का है. 53 साल के क्रिस्टोफर कॉक्स ने एक लड़की को अपने घर में फ्री में रहने का ऑफर दिया. लेकिन इसके लिए एक शर्त रखी कि महिला को उसके साथ फिजिकल रिलेशन बनाने होंगे. 

गिल्डफोर्ड क्राउन कोर्ट में सुनवाई के दौरान इस बात का भी खुलासा हुआ कि उसने महिला को घर के अंदर सिर्फ बिकिनी पहनने को मजबूर किया.

टीवी सीरीज The Kyle Files के लिए ‘सेक्स-फॉर-रेंट’ के मामले में इंवेस्टिगेशन के दौरान ITV researchers को इस मामले की जानकारी मिली थी. उन लोगों के हाथ एक विज्ञापन लगा. इसमें 'a girl in need' को टारगेट किया गया था.

पोस्ट में लिखा था- क्या तुम 16 साल की उम्र से ऊपर की लड़की हो जो घर में फंसी हुई हो और बाहर निकलना चाहती हो? हो सकता है तुम बेघर हो और एक सुरक्षित ठिकाने की तलाश में हो? मेरे पास 14 से 28 साल के बीच की लड़कियों के रहने के लिए फ्री रूम है.

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जेरेमी काइल के द्वारा मामला उजागर किए जाने के बावजूद क्रिस्टोफर कॉक्स ने एक महीने बाद ही दूसरी महिला को मैसेज किया. वह एक पत्रकार निकलीं.

मार्च 2019 में सरे पुलिस को इस मामले की जानकारी मिल गई थी. पहले की सुनवाई में कॉक्स पर दो तरह के आरोप साबित हुए. पहला- फायदे के लिए किसी को प्रॉस्टीट्यूशन के लिए उकसाना. दूसरा- फायदे के लिए प्रॉस्टीट्यूशन कंट्रोल करना.

यह घटना मई और नवंबर 2018 के बीच की है. तीन अलग-अलग महिलाओं ने कॉक्स पर चार्ज लगाया था. पहला आरोप एक रिपोर्टर से जुड़ा है. उनके साथ अगस्त से सितंबर 2018 के बीच घटना को अंजाम दिया गया.

दूसरा मामला नवंबर 2018 का है. यह एक पत्रकार से जुड़ा है. तीसरा ऑफेंस, एक रियल लाइफ पीड़िता से जुड़ा है. जिसके साथ मामले को मई और जून 2018 में अंजाम दिया गया.

इस मामले पर सुनवाई के बाद फैसला भी आ गया है. उसे प्रॉस्टीट्यूशन कंट्रोल करने के मामले में एक साल जेल की सजा हुई. वहीं प्रॉस्टीट्यूशन के लिए उकसाने के मामले में उसे 6 महीने जेल की सजा मिली. जो कि पहली सजा के साथ-साथ चलेगी.

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