दिल्ली के बुराड़ी इलाके में साल 2021 में हुए गैंगरेप के एक मामले में फरार चल रहे वांछित आरोपी को पुलिस ने मंगलवार को गिरफ्तार कर लिया. आरोपी को अदालत ने भगोड़ा घोषित कर दिया था. पुलिस के दबाव को देखते हुए वो दिल्ली के तीस हजारी कोर्ट में सरेंडर करने जा रहा था. इससे पहले गुप्त सूचना के आधार पर पुलिस ने उसे परिसर से गिरफ्तार कर लिया.
आरोपी का नाम अब्दुल गफ्फार है. वो बुराड़ी का रहने वाला है और अक्टूबर 2021 से फरार था. उसके तीन सह-आरोपियों को पहले गिरफ्तार किया गया था, लेकिन गफ्फार कई पुलिस छापों के बावजूद गिरफ्तारी से बचता रहा. उसे अप्रैल 2022 में दिल्ली की एक अदालत ने अपराधी घोषित किया था. फरारी के दौरान भी वो लगातार कई अपराधों में संलिप्त था.
पुलिस के मुताबिक, अब्दुल गफ्फार इसी साल मार्च में दर्ज एक मामले में भी वांछित था. उसने एक व्यक्ति पर गोली चलाई थी. इसके बाद छिप गया था. उसकी गिरफ्तारी के लिए पुलिस ने कई टीमें बनाई थीं. वो अपने परिवार और नेटवर्क पर लगातार दबाव के बाद 9 मई को तीस हजारी कोर्ट में सरेंडर करने के लिए आया, लेकिन पुलिस टीम ने उसे पकड़ लिया.
पुलिस पूछताछ के दौरान अब्दुल गफ्फार ने बताया कि वो अपने भाई के साथ बुराड़ी में पानी के टैंकर सप्लाई का कारोबार करता है. उसे शराब पीने की आदत है. उसने गैंगरेप की घटना और हाल ही में हुई गोलीबारी में अपनी भूमिका कबूल की है. पुलिस हिरासत में आरोपी से अन्य वारदातों के संदर्भ में पूछताछ की जा रही है. इन मामलों की जांच जारी है.
बताते चलें कि कुछ दिन पहले ही दिल्ली पुलिस ने आरके पुरम इलाके में हुई एक संक्षिप्त मुठभेड़ के बाद दो वांटेड क्रिमिनल को गिरफ्तार किया था. उनकी पहचान सुरेश उर्फ सुभाष और मनीष उर्फ मोगली के रूप में हुई, जो दिल्ली में 50 से अधिक आपराधिक मामलों में शामिल थे. इनकी गिरफ्तारी से सात हालिया मामलों को सुलझाने में मदद मिली है.
इनमें आरके पुरम, मुखर्जी नगर और अन्य इलाकों में दर्ज मामले भी शामिल हैं. पुलिस उपायुक्त सुरेंद्र चौधरी ने बताया कि यह मुठभेड़ 8-9 मई की रात करीब 1.10 बजे हुई, जब पुलिस टीम ने सेक्टर-9 के राव तुला राम मार्ग की सर्विस लेन पर खड़ी मोटरसाइकिल के पास दो संदिग्ध लोगों को देखा. जब उनसे पूछताछ की गई, तो पुलिस पर गोलियां चला दीं.
पुलिस ने जवाबी कार्रवाई की, जिसमें सुरेश के बाएं पैर में गोली लग गई. उसके साथी मनीष को काबू कर लिया गया. डीसीपी ने के मुताबिक, दोनों बदमाशों पर राष्ट्रीय राजधानी के कई जिलों में हत्या, हत्या के प्रयास, पुलिस के साथ गोलीबारी, डकैती, स्नैचिंग और आर्म्स एक्ट के कई मामले दर्ज हैं. सुरेश को 2012 के केस में 11 साल जेल की सजा सुनाई गई थी.
पुलिस अधिकारी ने कहा कि दोनों नशे और शराब के आदी हैं. दोनों बदमाश अपनी नशे की जरूरतों को पूरा करने के लिए दिल्ली में चोरी और डकैती करते रहे हैं. आरोपियों से दो लोडेड (पॉइंट) .32 बोर पिस्तौल, तीन इस्तेमाल किए गए कारतूस, चार जिंदा राउंड, एक चोरी की मोटरसाइकिल और जाली नंबर प्लेट बरामद की गई है.
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