Patna Terror Module: सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर 26 लोग, जल्द हो सकती है गिरफ्तारी

पटना टेरर मॉड्यूल का खुलासा होने के बाद सुरक्षा एजेंसियां चौकस हैं. अब सुरक्षा एजेंसियों के रडार पर 26 लोग हैं, जिनकी जल्द गिरफ्तारी हो सकती है. वहीं गिरफ्तार किए गए आरोपियों की एक्टिविटी को लेकर भी पुलिस ने छानबीन की है.

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पुलिस की गिरफ्त में आरोपी ताहिर. पुलिस की गिरफ्त में आरोपी ताहिर.

सुजीत झा

  • पटना,
  • 17 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 7:36 PM IST
  • राष्ट्र विरोधी गतिविधियों में शामिल थे गिरफ्तार आरोपी
  • पुलिस सख्ती से कर रही मामले की छानबीन

बिहार की राजधानी पटना में टेरर मॉड्यूल के खुलासे के बाद जांच एजेंसी एक्शन मोड में है. यूपी सहित राज्य के अन्य हिस्सों से लगातार गिरफ्तारियां हो रही हैं. कुल 26 लोग पुलिस की रडार पर हैं, जो 'मिशन 2047' की साजिश रच रहे थे. राष्ट्र विरोधी गतिविधियों के आरोप में पुलिस ने अब तक पांच लोगों को अरेस्ट किया है, जिसमें फुलवारी शरीफ से अतहर परवेज, मो. जलालुद्दीन, अरमान मलिक और लखनऊ से नूरुद्दीन जंगी को गिरफ्तार किया है. वहीं गजवा-ए-हिंद मामले में दानिश नाम के युवक को अरेस्ट किया गया है.

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गजवा-ए-हिंद मामले में गिरफ्तार दानिश की बात करें तो वह अपने घर में दिनभर सोता रहता था. वो सोशल मीडिया और अपने मोबाइल पर पूरी रात व्यस्त रहता था. उसने अपना मोबाइल परिवार वालों से दूर रखा था. कोई गलती से भी उसका मोबाइल नहीं छू सकता था. परिवार वाले उसे मानसिक रूप से विक्षिप्त बता रहे हैं. फिलहाल पुलिस जांच कर रही है. मरगुव उर्फ दानिश खाड़ी देश भी गया था. लॉकडाउन के समय लौटा था, तब से वो कोई काम नहीं कर रहा था. उसने वस्तानिया और फोकानिया की पढ़ाई की है. उसने मौलवी तक की शिक्षा ली है.

फुलवारी एएसपी मनीष कुमार का कहना है कि दानिश पूरी तरह मोटिवेटेड था. उसकी सोशल मीडिया चैट और फेसबुक पोस्ट भड़काऊ और उन्माद फैलाने वाला है. विशेष समुदाय के खिलाफ है. वह पाकिस्तान, बांग्लादेश और यमन जैसे देशों के संपर्क में था. उसके हैंडलर भी देश के बाहर हैं. अभी कई स्तर पर जांच की जा रही है. बहुत जल्द कुछ और लोगों की गिरफ्तारी हो सकती है. फोरेंसिक टीम भी दानिश के मोबाइल की जांच कर रही है. दूसरी ओर गिरफ्तार जलालुद्दीन झारखंड पुलिस में लगभग 29 साल नौकरी के बाद रिटायर हुआ. उसके परिजन पुलिस के दावे का विरोध कर रहे हैं.

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जलालुद्दीन के बेटे ने कहा है कि उनकी गलती सिर्फ कमरे को किराए पर देने की है. जलालुद्दीन के परिजन का कहना है कि पुलिस को तलाशी में कुछ नहीं मिला है. पुलिस जलालुद्दीन और अतहर परवेज को बेवजह थाने ले गई. फिर अरेस्ट किया गया. पुलिस का दावा है कि जलालुद्दीन के मकान से राष्ट्रविरोधी गतिविधियां हो रही थीं. गतिविधियों के कई डॉक्यूमेंट बरामद हुए. ASP मनीष कुमार ने बताया कि जलालुद्दीन के PFI मेंबर होने और नियमित रूप से ट्रेनिंग में शामिल होने के पुख्ता सबूत मिले हैं. इसके अलावा भी पुलिस के पास कई प्रमाण हैं.

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