Money Laundering Case: प्रवर्तन निदेशालय (ED) ने मनी लॉन्ड्रिंग के एक बड़े मामले में सोमवार को व्यापक तलाशी अभियान चलाया. यह कार्रवाई 30 दिसंबर से शुरू हुई, जो अब भी जारी है. तलाशी के दौरान भारी मात्रा में नकदी, महंगे जेवरात और कई आपत्तिजनक दस्तावेज बरामद किए गए हैं. यह पूरी कार्रवाई धन शोधन निवारण अधिनियम (PMLA), 2002 के तहत की जा रही है. अधिकारियों के मुताबिक यह हाल के समय की बड़ी बरामदगियों में से एक है.
इंदरजीत सिंह यादव पर कसा शिकंजा
ED की यह जांच इंदरजीत सिंह यादव, उसके सहयोगियों, अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड और उनसे जुड़े अन्य व्यक्तियों व संस्थाओं के खिलाफ चल रही है. जांच एजेंसी का आरोप है कि इन लोगों ने अवैध तरीकों से मोटी कमाई की. निजी फाइनेंसरों के जरिए जबरन लोन सेटलमेंट, धमकी और दबाव बनाकर वसूली जैसे आरोप सामने आए हैं. इन गतिविधियों से हासिल धन को मनी लॉन्ड्रिंग के जरिए छिपाया गया.
अवैध वसूली का आरोप
ED सूत्रों के अनुसार, इस पूरे नेटवर्क में अवैध उगाही, जबरन वसूली और हथियारों के जरिए डराने-धमकाने का इस्तेमाल किया गया. निजी फाइनेंसरों के साथ मिलकर कर्जदारों पर दबाव बनाया जाता था. ऐसे मामलों में मोटा कमीशन कमाया गया, जिसे बाद में अलग-अलग माध्यमों से घुमाया गया. यही पैसा अब मनी लॉन्ड्रिंग की जांच के दायरे में है.
15 से ज्यादा FIR के आधार पर जांच
प्रवर्तन निदेशालय ने यह जांच हरियाणा पुलिस और उत्तर प्रदेश पुलिस द्वारा दर्ज 15 से अधिक FIR और चार्जशीट के आधार पर शुरू की है. ये मामले आर्म्स एक्ट 1959, भारतीय न्याय संहिता (BNS) 2023 और भारतीय दंड संहिता (IPC) 1860 की विभिन्न धाराओं के तहत दर्ज हैं. इन सभी मामलों में इंदरजीत सिंह यादव और उसके सहयोगियों के नाम सामने आए हैं.
अमन कुमार के ठिकाने से बड़ी बरामदगी
तलाशी के दौरान ED ने नई दिल्ली के सर्वप्रिय विहार में स्थित एक परिसर पर छापा मारा. यह जगह अमन कुमार से जुड़ी बताई जा रही है, जो इंदरजीत सिंह यादव का करीबी सहयोगी है. यहां से ₹5.12 करोड़ की नकदी बरामद की गई. रकम की गिनती के लिए बैंक अधिकारियों और कैश काउंटिंग मशीनों को बुलाना पड़ा.
करोड़ों की नकदी और सोने-हीरे के जेवरात
नकदी के अलावा ED की टीम को एक सूटकेस में रखे सोने और हीरे के जेवरात भी मिले. इनकी अनुमानित कीमत करीब ₹8.80 करोड़ बताई जा रही है. इसके साथ ही एक बैग से कई चेकबुक और अचल संपत्तियों से जुड़े दस्तावेज भी बरामद किए गए. इन संपत्तियों की कुल कीमत लगभग ₹35 करोड़ आंकी गई है. कैश और गहने मुख्य आरोपी इंदरजीत सिंह यादव के सहयोगी अमन कुमार के ठिकाने से बरामद किए गए है. इससे पहले ईडी ने अपोलो ग्रीन एनर्जी लिमिटेड की तलाशी ली थी.
अपराध की कमाई होने का शक
ED अधिकारियों का कहना है कि जब्त की गई नकदी, जेवरात और संपत्तियां कथित अपराध से अर्जित आय हो सकती हैं. एजेंसी अब पैसों के पूरे लेन-देन की कड़ी खंगाल रही है. यह भी पता लगाया जा रहा है कि इस नेटवर्क से और कौन-कौन लोग फायदा उठा रहे थे और किन संस्थाओं की इसमें भूमिका रही.
कई जगहों पर तलाशी जारी
ED ने साफ किया है कि यह कार्रवाई अभी खत्म नहीं हुई है. कई अन्य ठिकानों पर भी तलाशी जारी है. आने वाले दिनों में और बरामदगी के साथ-साथ और बड़े खुलासे होने की संभावना जताई जा रही है. मनी लॉन्ड्रिंग के इस मामले में जांच तेज कर दी गई है और एजेंसी सभी पहलुओं को खंगाल रही है.
मुनीष पांडे