केरल : इलाज कराने के लिए लाए आरोपी ने किया डॉक्टर का कत्ल, दो पुलिसकर्मी भी घायल

आरोपी एक शिक्षक है और अपने भाई के साथ विवाद के मामले में उसे हिरासत में ले लिया गया था. उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया. इस दौरान उसने डॉक्टर वंदना पर सर्जिकल उपकरणों की मदद से हमला कर दिया. साथ ही पुलिसकर्मियों पर भी वार किया. इस घटना को लेकर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है.

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डॉक्टर वंदना पर उस वक्त हमला किया गया, जब वह आरोपी का इलाज कर रही थीं.  डॉक्टर वंदना पर उस वक्त हमला किया गया, जब वह आरोपी का इलाज कर रही थीं.

शिबिमोल

  • कोल्लम,
  • 10 मई 2023,
  • अपडेटेड 8:24 PM IST

केरल के कोल्लम जिले एक चौंकाने वाली घटना सामने आई है. यहां कोट्टारक्कारा तालुका अस्पताल में 23 साल की एक हाउस सर्जन की हत्या कर दी गई. पुलिस हिरासत में मेडिकल के लिए लाए गए एक आरोपी ने चाकू और कैंची से सुबह डॉक्टर वंदना दास पर हमला किया था.

डॉक्टर वंदना दास इस हमले में गंभीर रूप से घायल हो गईं. उन्हें तिरुवनंतपुरम के किम हेल्थ मेडिकल कॉलेज अस्पताल में भर्ती कराया गया. अस्पताल में बुधवार सुबह 8.25 मिनट पर उनकी मौत हो गई. पुयापल्ली चेरुकराकोनम के रहने वाले संदीप ने डॉक्टर वंदना पर उस वक्त उस पर हमला किया, जब वह संदीप के घावों का इलाज कर रही थीं. घटना को लेकर डॉक्टरों ने हड़ताल कर दी है. 

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भाई के साथ विवाद में हिरासत में लिया गया था आरोपी शिक्षक 

आरोपी एक शिक्षक है और अपने भाई के साथ विवाद के मामले में उसे हिरासत में ले लिया गया था. उसे मेडिकल जांच के लिए अस्पताल ले जाया गया. आईएमए के मुताबिक, आरोपियों ने सर्जिकल उपकरणों से हमला कर डॉ. वंदना दास को गंभीर रूप से घायल कर दिया था. 

इससे पहले उसने ड्यूटी पर तैनात दो पुलिसकर्मियों को भी चाकू मार दिया था. डॉक्टर वंदना कोल्लम के अजीजिया मेडिकल कॉलेज में हाउस सर्जन थीं। घटना के बाद केजीएमओए, आईएमए, हाउस सर्जन एसोसिएशन, पीजी छात्र संघों ने ड्यूटी का बहिष्कार किया और घटना का विरोध किया.

स्वास्थ्य मंत्री के बयान पर डॉक्टरों ने जताई आपत्ति 

डॉक्टरों ने स्वास्थ्य मंत्री वीना जॉर्ज के इस बयान पर भी आपत्ति जताई कि हाउस सर्जन की अनुभवहीनता मौत का कारण थी. छात्रों ने पूछा कि वे अपने खिलाफ हमलों को रोकने के लिए प्रशिक्षण कैसे प्राप्त कर सकते हैं. आईएमए और केरल गवर्नमेंट मेडिकल ऑफिसर्स एसोसिएशन इस मामले को लेकर गुरुवार से विरोध शुरू करने जा रहा है.

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यह दुर्भाग्यपूर्ण घटना है- एडीजीपी  

मामले में एडीजीपी (कानून व्यवस्था) अजीत कुमार ने कहा, "यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है. आरोपी को एक संदिग्ध के रूप में अस्पताल नहीं ले जाया गया था. उसे लगी हुई चोटों के इलाज के लिए वहां ले जाया गया था." 

एक व्यक्ति जो संदिग्ध नहीं है, उसे हथकड़ी नहीं लगाई जा सकती. इसमें कुछ कानूनी अड़चनें हैं. आरोपी ने डॉक्टर पर तब हमला किया, जब वह आरोपी के घाव की मरहम-पट्टी कर रही थीं. उसने सबसे पहले पुलिस कांस्टेबल को चाकू मारा था. सभी लोग वहां से भागने में सक्षम थे, लेकिन डॉक्टर वंदना वहां से नहीं भाग सकीं. आरोपी शराबी है."

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