दिल्ली: 14 लाख देकर खरीदी 62 लाख की पुरानी करेंसी, पुलिस भी हैरान

दिल्ली पुलिस ने नोटबंदी के छह साल बाद 62 लाख के पुराने नोट बरामद किए हैं. ये नोट दिल्ली के लक्ष्मी नगर से बरामद किए गए हैं. पुलिस ने एक आरोपी को भी गिरफ्तार किया है. बताया जा रहा है कि ये नोट 14 लाख की नई करेंसी देकर खरीदे गए थे, आरोपी इन्हें 20 लाख रुपए में बेचना चाहते थे.

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दिल्ली में मिली 62 लाख की पुरानी करेंसी. दिल्ली में मिली 62 लाख की पुरानी करेंसी.

हिमांशु मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 07 जुलाई 2022,
  • अपडेटेड 5:11 PM IST
  • सूचना पर दिल्ली पुलिस ने दिया कार्रवाई को अंजाम
  • पुलिस ने मौके से एक आरोपी को किया गिरफ्तार

केंद्र सरकार ने काले धन (Black Money) पर लगाम लगाने के लिए नवंबर 2016 में नोटबंदी (Demonetisation) की थी. तब बताया गया था कि यह उपाय काले धन पर रोक लगाने में कारगर साबित होगा, लेकिन पूर्वी दिल्ली पुलिस ने एक शख्स को 62 लाख मूल्य के पुराने नोटों के साथ पकड़ा है. सारे नोट 500 और 1000 के हैं, जिन्हें साल 2016 में चलन से बाहर कर दिया गया था.

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दरअसल, पुलिस को जानकारी मिली थी कि कोई शख्स नकली नोट का कारोबार कर रहा है, लेकिन जब पुलिस की टीम लक्ष्मी नगर के रमेश पार्क पहुची तो दंग रह गई. पुलिस को एक घर के अंदर से पुराने बंद हो चुके 500 और 1000 के नोटों की गड्डियां मिलीं.

इसके बाद जब शख्स से पूछताछ की गई कि उसे ये सारे नोट कहां से मिले तो उसने बोला कि उसने 14 लाख रुपए के नए नोट देकर ये पुराने नोट उसने खरीदे हैं और आगे उसकी योजना इन नोटों को 20 लाख रुपए में बेचने की थी. पुलिस के मुताबिक, वो जानने की कोशिश कर रहे हैं कि आखिर नोटबंदी के 6 साल बीत जाने के बाद भी इसकी खरीद-फरोख्त कैसे हो रही है और ये नोट कहां इस्तेमाल में हैं.

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पुलिस ने आरोपी को 500 और 1000 रुपये की गड्डियों के साथ पकड़ लिया. पुलिस ने जब नोटों की गिनती की तो 62 लाख रुपए की करेंसी निकली. पुलिस का कहना है कि इन पुराने नोटों को 14 लाख रुपए की नई करेंसी के बदले खरीदा गया था. फिलहाल इस मामले को लेकर पुलिस पूछताछ कर रही है.

बात दें कि 8 नवंबर 2016 को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने देश में नोटबंदी का ऐलान किया था, जिसके बाद उसी दिन आधी रात से 500 और 1000 के नोट चलन से बाहर कर दिए गए थे. नोटबंदी के बाद कई महीनों तक देश में काफी अफरा-तफरी का माहौल था. लोगों को पुराने नोट जमा करने और नए नोट हासिल करने के लिए बैंकों में लंबी लाइनों में लगना पड़ा था. कहा गया था कि इससे काला धन खत्म होगा और नकदी का चलन कम होगा. 

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