झारखंड में 'लाल आतंक' पर कड़ा प्रहार... 9 महीने में 32 कुख्यात नक्सली ढेर, 266 गिरफ्तार

झारखंड में माओवाद के खिलाफ चल रही मुहिम में पुलिस को बड़ी सफलता मिली है. पिछले 9 महीनों के भीतर सुरक्षा बलों ने न सिर्फ नक्सलियों के बड़े नेटवर्क को तोड़ा है, बल्कि हथियार, विस्फोटक, फिरौती की रकम और बंकरों को ध्वस्त कर लाल आतंक के खिलाफ निर्णायक बढ़त हासिल की है.

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आईजी माइकल राज एस ने पुलिस के ऑपरेशन क्लीन पर विस्तार से प्रकाश डाला है. (Photo: X/@JharkhandPolice) आईजी माइकल राज एस ने पुलिस के ऑपरेशन क्लीन पर विस्तार से प्रकाश डाला है. (Photo: X/@JharkhandPolice)

aajtak.in

  • रांची,
  • 14 अक्टूबर 2025,
  • अपडेटेड 5:29 PM IST

झारखंड में नक्सलियों के खिलाफ चल रहा सुरक्षा बलों का 'ऑपरेशन क्लीन' अब निर्णायक मोड़ तक पहुंच चुका है. जनवरी से सितंबर 2025 के बीच 32 खूंखार नक्सली मारे गए हैं, जबकि 266 को गिरफ्तार किया गया है. इसके साथ ही 30 माओवादियों ने पुलिस के सामने अपने हथियार डालकर सरेंडर कर दिया है. केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह ने अगले साल मार्च तक नक्सलवाद खत्म होने की बात कही है.

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झारखंड पुलिस के आईजी (ऑपरेशन) माइकल राज एस ने बताया कि बीते 9 महीनों में नक्सल विरोधी अभियानों ने अभूतपूर्व नतीजे दिए हैं. एनकाउंटर में मारे गए नक्सलियों में विवेक उर्फ प्रयाग मंजही और अनुज उर्फ सहदेव सोरेन जैसे दो कुख्यात नक्सलियों के नाम शामिल हैं. ये दोनों सीपीआई (माओवादी) की सेंट्रल कमेटी के मेंबर थे. दोनों के सिर पर 1-1 करोड़ रुपए का इनाम घोषित किया गया था. 

इनकी मौत को पुलिस ने माओवाद के लिए निर्णायक झटका बताया है. उन्होंने बताया कि 2 रीजनल कमेटी मेंबर, 1 जोनल कमांडर, 2 सब-जोनल कमांडर और 9 एरिया कमांडर गिरफ्तार किए गए हैं. सरेंडर करने वाले नक्सलियों में सीपीआई के जोनल कमांडर रविंद्र यादव, सब-जोनल कमांडर आनंद सिंह और झारखंड जन मुक्ति परिषद के सब-जोनल कमांडर लवलेश गंझू उर्फ लोकेश गंझू जैसे नाम शामिल हैं.

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इस ऑपरेशन के दौरान बड़ी मात्रा में हथियार और गोला-बारूद भी बरामद किए गए हैं. जनवरी से सितंबर के बीच कुल 157 फायरआर्म्स जब्त किए गए हैं, जिनमें से 58 हथियार पुलिस से लूटे गए थे. इसके अलावा 11950 कारतूस, 18884 डेटोनेटर, 394 किलो विस्फोटक और 228 आईईडी बरामद किए गए हैं. इतना ही नहीं सुरक्षा बलों ने 37 माओवादी बंकरों को भी नेस्तनाबूद किया है. 

ये ऑपरेशन झारखंड के जंगलों से लेकर सीमावर्ती इलाकों तक चलाए गए, जहां नक्सलियों का नेटवर्क गहराई तक फैला हुआ था. पुलिस ने नक्सलियों की आर्थिक रीढ़ पर भी करारा प्रहार किया है. इस दौरान 39.53 लाख रुपए की लेवी राशि जब्त की गई है, जिसे माओवादी संगठन फिरौती और जबरन वसूली के जरिए इकट्ठा करते थे. पुलिस ने साइबर क्राइम के खिलाफ भी बड़ा ऑपरेशन किया है.

आईजी माइकल राज एस ने बताया कि अगस्त और सितंबर महीनों में साइबर क्राइम से जुड़ी 128 एफआईआर दर्ज की गई हैं, जिनमें 105 आरोपियों को गिरफ्तार किया गया है. इस कार्रवाई में पुलिस ने 128 मोबाइल फोन, 166 सिम कार्ड, 60 एटीएम कार्ड, 15 पासबुक, दो लैपटॉप, 11 चेकबुक और 2.81 लाख रुपए नकद बरामद किए हैं. सूबे में दोनों मोर्चों पर निर्णायक लड़ाई लड़ी जा रही है. 

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पिछले 9 महीनों में जो आंकड़े सामने आए हैं, वे यह साबित करते हैं कि झारखंड के जंगलों में लाल आतंक की जड़ें अब तेजी से कमजोर हो रही हैं. राज्य के अंदरूनी इलाकों में पुलिस और सीआरपीएफ के संयुक्त ऑपरेशन से माओवादियों की गतिविधियों पर न सिर्फ रोक लगी है, बल्कि कई पुराने गढ़ अब ध्वस्त हो चुके हैं. आने वाले महीनों में लड़ाई अंतिम चरण में रहने वाली है.

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