300 डेरों में तलाशी, 80 हजार पुलिसवाले और 'मोबाइल फोन' वाला दांव... पुलिस को ऐसे चकमा दे रहा है अमृतपाल

शह-मात के खेल बीच अमृतपाल के मोबाइल फोन वाले दांव ने पंजाब पुलिस को जोर का झटका दिया है, इससे ये एक बार फिर साबित हो गया है कि अमृतपाल के पीछे कैसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का दिमाग काम कर रहा है.

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अमृतपाल सिंह लगातार पुलिस को चकमा दे रहा है अमृतपाल सिंह लगातार पुलिस को चकमा दे रहा है

सतेंदर चौहान / मनजीत सहगल / सुप्रतिम बनर्जी / परवेज़ सागर

  • नई दिल्ली,
  • 04 अप्रैल 2023,
  • अपडेटेड 9:37 PM IST

पुलिस के साथ आंख-मिचौली खेलते खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह की फरारी को अब दो हफ्ते से ज्यादा का वक्त हो चुका है, लेकिन अमृतपाल और कानून की रेस अब भी जारी है. गिरफ्तारी तो दूर की बात पिछले कुछ दिनों में अमृतपाल ने अपने खुफिया ठिकानों से लगातार दूसरी बार वीडियो जारी कर ये बता दिया है कि पंजाब का माहौल खराब करने की कोशिश से वो इतनी आसानी से पीछे हटनेवाला नहीं है.

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बल्कि वो तो अपने इन वीडियोज के जरिए लगातार ना सिर्फ लोगों को भड़काने की कोशिश कर रहा है, बल्कि खुद को भगोड़ा नहीं बल्कि बागी बता कर लोगों का समर्थन भी जुटाने में लगा है. लेकिन इसी शह-मात के खेल बीच अमृतपाल के मोबाइल फोन वाले दांव ने पंजाब पुलिस को जोर का झटका दिया है, इससे ये एक बार फिर साबित हो गया है कि अमृतपाल के पीछे कैसे पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई का दिमाग काम कर रहा है.

अमृतपाल का मोबाइल कांड
पप्पलपीत के बाद जोगा सिंह ही वो शख्स है, जो अब तक साये की तरह अमृतपाल सिंह के साथ रहा है, ये वही जोगा सिंह है जो 18 मार्च को अमृतपाल सिंह की गाड़ी चला रहा था, जिस रोज़ वो पुलिस की आंखों में धूल झोंक कर वो फरार हुआ. उसी दिन से अमृतपाल के साथ ये किरदार भी लगातार पंजाब पुलिस की रडार पर था. कहने की जरूरत नहीं है कि पुलिस ने इन सभी लोगों के मोबाइल फोन को सर्विलांस पर ले रखा है, ताकि जैसे ही इनकी मूवमेंट क्लीयर हो, उन्हें गिरफ्तार किया जा सके. लेकिन पंजाब पुलिस की इसी रणनीति से दो कदम आगे चल कर अमृतपाल ने उसे एक बार फिर से चकमा दे दिया. 

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अमृतपाल का मोबाइल वाला दांव
हुआ यूं कि अमृतपाल ने इस बार अपना मोबाइल फोन जोगा सिंह को दे दिया और उसे मोबाइल स्विच्ड ऑन करके ही फरार होने की सलाह दी. जोगा सिंह ने अपने आका के कहे मुताबिक ऐसा ही किया और अमृतपाल के मोबाइल फोन का पीछा करती हुई पंजाब पुलिस जोगा सिंह तक पहुंच गई. जोगा तो गिरफ्तार कर लिया गया, लेकिन अमृतपाल का नामो-निशान नहीं था. अमृतपाल के इस मोबाइल फोन वाले दांव से पुलिस को एक बार फिर जोर का झटका लगा.

अमृतपाल को मिला ISI का साथ
असल में अमृतपाल पंजाब पुलिस के दिमाग से खेल रहा है और जानकारों की मानें तो ऐसा करना अकेले उसके बस की बात नहीं है, बल्कि उसके पीछे किसी और का दिमाग है. वैसे भी ये बात पहले ही साफ हो चुकी है कि अमृतपाल को पाकिस्तानी खुफिया एजेंसी आईएसआई ने भारत की फिजा खराब करने के लिए एक मोहरे की तरह यहां प्लांट किया है और फिलहाल वो ये काम बखूबी निभा रहा है.

चरणजीत की गिरफ्तारी
जोगा सिंह के अलावा पुलिस ने अमृतपाल के एक और ड्राइवर चरणजीत सिंह को भी गिरफ्तार किया है. चरणजीत वही है, जो दो दिन पहले अमृतपाल और पप्पलपीत को एक इनोवा में लेकर भागने की कोशिश कर रहा था और होशियारपुर जिले के मरनियां गांव में घिर गया था. जिसके बाद पप्पलपीत और अमृतपाल के साथ वो भी गुरुद्वारे में गाड़ी छोड़कर फरार हो गया था. पुलिस के हाथ अब तक पप्पलप्रीत और अमृतपाल तक तो नहीं पहुंचे, लेकिन उसने अब चरणजीत को गिरफ्तार कर लिया है. 

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सवाल ये भी है कि कहीं अमृतपाल अपने इन लोगों को एक-एक कर साजिश के तहत तो गिरफ्तार नहीं करवा रहा, ताकि उसके तलाशी अभियान को और उलझाया जा सके.

300 डेरों में तलाशी अभियान
पंजाब में डेरों का पुराना कल्चर रहा है. आज भी इस सूबे में सैकड़ों ऐसे डेरे हैं, जहां लोग सत्संग के लिए पहुंचते हैं. धार्मिक बातें और जत्थेबंदियों का सिलसिला चलता है. चूंकि अमृतपाल ने भी अपनी इस साजिश को धर्म का चोला ओढाने की कोशिश है, पंजाब पुलिस को शक है कि भावनाओं में बह कर कुछ डेरे उसकी मदद कर रहे हैं. ऐसे में पुलिस की निगाहें फिलहाल पंजाब के डेरों पर टिकी हैं. सूत्रों की मानें वो एक-एक कर पंजाब के 300 डेरों की तलाशी ले रही है, ताकि अगर कहीं अमृतपाल छुपा हो तो उसके पकड़ा जा सके या फिर उसके बारे में कोई सुराग मिल सके. 

इनमें पुलिस का ज्यादा जोर जालंधर, कपूरथला, होशियारपुर और बठिंडा के डेरों पर है. क्योंकि एक तो वो अपनी फरारी के बाद से जालंधर, कपूरथला और होशियारपुर के इर्द-गिर्द एक्टिव रहा है और दूसरा बठिंडा के आस-पास के इलाके को उसने अपने लॉचिंग पैड के तौर पर चुना था. 

क्या है लावारिस ड्रोन की पहेली?
इसी बीच पंजाब पुलिस को अमृतपाल के पुश्तैनी गांव अमृतसर के जल्लूखेडा के नजदीक एक लावारिस ड्रोन मिला है. ये ड्रोन गांव राइया के एक पेड़ की डालियों में फंसा हुआ था. गांववालों ने इसके बारे में पुलिस को भी दी और पुलिस ने इस संदिग्ध लावारिस ड्रोन को बरामद कर अब उसकी सच्चाई पता करने की कोशिश शुरू कर दी है. इंटेलिजेंस एजेसियों ने पहले ही ये साफ कर दिया है कि अमृतपाल ना सिर्फ आईएसआई का मोहरा है, बल्कि उसे ड्रोन के जरिए आईएसआई मदद भी पहुंचाता रहा है. ऐसे में इस ड्रोन की पहेली ने पुलिस को नए सिरे से सोचने पर मजबूर कर दिया है.  

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ड्रोन से सुराग की तलाश
अमृतपाल कभी गाड़ी से भाग रहा है, कभी किसी से लिफ्ट ले रहा है, कभी गुरुद्वारे की दीवार फांद कर खेतों में छुप रहा है और कभी कहीं से छुप कर वीडियो जारी कर रहा है. ऐसे में अमृतपाल के खिलाफ चलते इस सर्च ऑपरेशन का दायरा अब काफी बड़ा हो गया है. लेकिन चूंकि उसकी आखिरी लोकेशन होशियारपुर के पास की मिली है, जिसमें वो एक गांव के गुरुद्वारे में अपनी गाड़ी छोड़ कर फरार हो चुका है, पुलिस इस पूरे इलाके में ड्रोन के जरिए अपनी तलाशी अभियान को आगे बढा रही है, ताकि अगर वो कहीं खुले में नजर आए, तो उसे दबोचा जा सके. 

80K की फोर्स और मुखबिरों से आस
पंजाब पुलिस का भारी-भरकम लवाजमा पिछले लगभग पखवाड़े भर से अमृतपाल की तलाश में लगा है. लगभग 80 हजार मुलाजिम दिन-रात उसकी लोकेशन टैक करने की कोशिश में जुटे हैं. और तो और पंजाब एंड हरियाणा हाई कोर्ट भी इतनी बड़ी फोर्स होने के बावजूद एक अमृतपाल को नहीं ढूंढ पाने पर उसे फटकार चुकी है. ऐसे में पुलिस ने अपने जवानों के साथ-साथ मुखबिरों से भी मदद लेने में जुटी है. उसने पूरे सूबे में अपने मुखबिरों को ना सिर्फ सक्रिय कर दिया है, बल्कि अमृतपाल के संभावित बदले हुए हुलियों का हवाला दे कर और चौकस रहने को कहा है. 

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क्या है स्कॉर्पियो का रहस्य?
इस बीच मामले की जांच कर रही पंजाब पुलिस अमृतपाल के अब तक की फरारी का एक-एक सच जानने में जुटी है. लेकिन यूपी से पंजाब लौटने के लिए अमृतपाल ने जिस स्कॉर्पियो का इस्तेमाल किया, उसका रहस्य अब गहरा गया है. पुलिस को पता चला है कि उत्तर पदेश के लखीमपुर खीरी से अमृतपाल और पप्पलपीत एक स्कॉर्पियो में सवार हो कर पंजाब के फगवाड़ा तक पहुंचा था, जहां एक डेरे में उसने शरण ली थी. इसी डेरे में उसने अपनी वो स्कॉर्पियो गाड़ी भी छोड़ दी. 

स्कॉर्पियो को ले उड़ा था गुरुद्वारे का सेवक
बाद में जब चांच हुई तो पता चला कि ये स्कॉर्पियो पीलीभीत के गुरुद्वारा बधापुर की है, जिसे करीब छह महीने पहले गुरुद्वारे का ही एक सेवक अपने साथ लेकर फरार हो गया था. ऐसे में सवाल उठता है कि क्या छह महीने पहले से ही इस पूरे कांड को अंजाम देने की तैयारियां शुरू हो गई थी? पुलिस इस पहलू की भी जांच कर रही है. इस बीच अमृतपाल के घरवाले पिछले दो दिनों से अमृतसर के हरमंदिर साहिब में ही शरण लिए बैठे हैं. पुलिस अमृतपाल के घरवालों के इस फैसले के पीछे की वजह भी समझने की कोशिश कर रही है. 

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सरबत खालसा बुलाने की मांग
खालिस्तान समर्थक अमृतपाल सिंह लगातार ना सिर्फ लोगों को भड़का कर देश का माहौल बिगाड़ने की कोशिश कर रहा है, बल्कि अपनी हरकतों को धर्म के लिए की जा रही कोशिश बताते हुए उन्हें एकजुट करने में भी लगा है. लगातार दो दिनों में दो वीडियो जारी कर उसने सरबत खालसा बुलाने की बात कही है और वो बार-बार गेंद सिखों की सर्वोच्च संस्था यानी अकाल तख्त के जत्थेदार की तरफ उछाल रहा है. 

अमृतपाल के नापाक मंसूबे
अमृतपाल मौजूदा हालात को पहले की तरह बता कर सिखों के हक में सरबत खालसा बुलाने का दांव खेल रहा है, जो उसके इरादों को जाहिर करता है. फिलहाल, अकाल तख्त ने अमृतपाल के सरबत खालसा बुलाने की अपील पर साफ तौर पर तो कुछ नहीं कहा है, लेकिन अकाल तख्त ने अमृतपाल के साथियों को रिहा करने की मांग जरूर की है. इस मांग को लेकर शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी ने अमृतसर के डिप्टी कमिश्नर को एक ज्ञापन भी सौंपा और अपनी बात रखी. 

सांसद ने दिया विवादित बयान
इस विवाद के बीच पंजाब के संगरूर से लोकसभा सांसद सिमरनजीत सिंह मान ने फिर से अमृतपाल सिंह को लेकर हैरान करने वाला बयान दे दिया. उन्होंने कहा है कि अमृतपाल को पाकिस्तान भाग जाना चाहिए था, ऐसा हम पहले 1984 में भी कर चुके हैं. मान यहीं नहीं रुके, उन्होंने कहा कि अमृतपाल को सरेंडर नहीं करना चाहिए बल्कि उसे तो रावी नदी को पार कर पाकिस्तान भाग जाना चाहिए. ये पहली बार नहीं है जब सिमरनजीत सिंह ने अमृतपाल के समर्थन में बयान दिया हो, वह कई मौकों पर खुलकर अमृतपाल की पैरवी कर चुके हैं. कुछ दिन पहले ही उन्होंने कहा था कि उन्हें डर है कि कहीं अमृतपाल का एनकाउंटर न कर दिया जाए. मान ने कहा था कि अगर उसे कोर्ट में पेश नहीं किया गया, तो हम समझेंगे कि उसका एनकाउंटर कर दिया गया है. 

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