G20 सम्मलेनः आसमान से जमीन तक हजारों जवानों पर सुरक्षा की जिम्मेदारी, 35 किलोमीटर के दायरे में इंच-इंच की पहरेदारी

भारत मंडपम के अंदर इन दो दिनों में जो भी बातचीत हो. लेकिन इस दौरान पूरी दिल्ली खास कर 35 कलोमीटर के इंच-इंच इलाके में एक साथ पचास हज़ार निगाहों की नज़र बस एक ही चीज़ पर होगी.. वो है किसी भी तरह का खतरा.

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सुरक्षाकर्मी दिल्ली के चप्पे चप्पे पर निगरानी कर रहे हैं सुरक्षाकर्मी दिल्ली के चप्पे चप्पे पर निगरानी कर रहे हैं

शम्स ताहिर खान / हिमांशु मिश्रा / अरविंद ओझा

  • नई दिल्ली,
  • 08 सितंबर 2023,
  • अपडेटेड 8:10 PM IST

New Delhi G20 Summit: अभूतपूर्व... अगर महज एक शब्द में कहें तो दुनिया के 20 सबसे बड़े ताकतवर देशों के नेताओं की सुरक्षा के लिए नई दिल्ली में ऐसा ही कुछ इंतजाम है. जी20 शिखर सम्मेलन में शामिल होने वाले हर एक मेहमान की हिफाजत के लिए दिल्ली पुलिस समेत तमाम एजेंसियां पूरी तरह से तैयार हैं. जमीन से लेकर आसमान तक और सूरज से लेकर चांद की रोशनी तक में जहां कहीं भी कोई खतरा हो, उससे निपटने के लिए पूरी तैयारी है. बस यूं समझ लीजिए कि इंच इंच की पहरेदारी है.   

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दिल्ली में जुट रहे हैं दुनिया के ताकतवर नेता
दुनिया के 20 सबसे ताकतवर देश के नेता. नेताओं के साथ 1200 हाई लेवल डिगनिटरीज़. एक लाख स्टाफ-डेलीगेशन. करीब 500 वीवीआईपी कारों का काफिला. वीवीआईपी मेहमानों के रुकने के लिए 23 पांच सितारा होटल. दिल्ली का 35 किलोमीटर का इलाका और भारत मंड़पम की एक छत. 80 के दशक के बाद ये पहला मौका है, जब दुनिया के बीस सबसे ताकतवर नेता दिल्ली में एक साथ एक ही छत के नीचे पूरे दो दिन रहेंगे. 

35 किलोमीटर के दायरे में इंच-इंच पहरेदारी
भारत मंडपम के अंदर इन दो दिनों में जो भी बातचीत हो. लेकिन इस दौरान पूरी दिल्ली खास कर दिल्ली के कुल 35 कलोमीटर के इंच-इंच इलाके में एक साथ पचास हज़ार निगाहों की नज़र बस एक ही चीज़ पर होगी.. ख़तरा. ज़मीन के नीचे से लेकर ज़मीन के ऊपर तक, रोशनी से लेकर हवा तक, 35 किलोमीटर के दायरे में झांकने वाली हर खिड़कियों तक जहां भी ज़रा सा भी खतरा महसूस होगा, उससे निपटने और उसे निपटाने की भरपूर तैयारी हो चुकी है. 

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40 हजार से ज्यादा CCTV कैमरों से निगरानी
इसके लिए 50 हज़ार दिल्ली पुलिस के जवान, पैरामिलिट्री फ़ोर्स, एनएसजी और सीआरपीएफ के कमांडो तैनात किए गए हैं. आयोजन स्थल के दायरे में आने वाली हाई राइज़ बिल्डिंग पर एंटी एयर6क्राफ्ट गन लगाई गई हैं. पूरे इलाके में 40 हज़ार से ज़्यादा सीसीटीवी कैमरे और चेहरे को पढ़ने वाले 'फ़ेस रिकॉगनिशन' कैमरे लगाए गए हैं. पुलिस के साथ-साथ कमांडो और स्नाइपर्स भी आयोजन स्थल और उसके आस-पास नजर रख रहे हैं. 

आयोजन स्थल और 23 फाइव स्टार होटल नो फ्लाईंग जोन
नई दिल्ली के 35 किलोमीटर के दायरे में तलाशी के लिए खोजी कुत्तों की मदद ली जा रही है. आयोजन स्थल के करीब प्रगति मैदान के नीचे टनल में भी सुरक्षाकर्मियों की तैनाती की गई है. 23 पांच सितारा होटलों की 24 घंटे निगरानी की जा रही है. जी20 के आयोजन स्थल यानी भारत मंडपम और 23 पांच सितारा होटलों के ऊपर नो फ़्लाईंग ज़ोन घोषित किया गया है. चौकसी इतनी है कि वहां परिंदा भी पर नहीं मार सकता.

बायो और कैमिकल वेपन से निपटने की तैयारी
ये तो सिर्फ एक झलक है सुरक्षा से जुड़ी उन तैयारियों की, जो दिल्ली में जी20 सम्मेलन के मद्देनज़र की गई हैं. पर कुछ तैयारियां तो ऐसी हैं, जो दिखाई तक नहीं देंगी. जमीन और आसमान के अलावा हवा तक पर नजरें हैं कि कहीं इस हवा को कोई जहरीला ना बना दे. बायो वेपन से लेकर कैमिकल वेपन तक से कैसे निपटना है? इसके लिए भी दिल्ली पूरी तरह से तैयार है.

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होटलों में रखे गए है लोडेड हथियार
अगर तमाम तैयारी के बावजूद बदकिस्मती से कहीं कोई आतंकी हमला हो जाता है तो कैसे नुकसान कम से कम हो इसकी भी तैयारी की गई है. इसके लिए हमले का डमी ट्रायल भी किया जा चुका है. किसी भी हमले के दौरान पुलिस और सुरक्षा एजेंसियों को हथियारों की कमी ना पड़ जाए इसके लिए बाकायदा होटलों के अंदर हथियारों से भरा गोदाम बनाया गया है. सुरक्षा एजेंसियों को खास इस मौके के लिए तमाम आधुनिक हथियार मुहैया कराए गए हैं. जिन हथियारों का इस्तेमाल जवान कर रहे हैं. उनके लिए बुलेट से भरी मैगजीन, स्मोक ग्रेनेड और कम्यूनिकेशन के लिए वायरलेस सेट के साथ-साथ चार्जर भी स्टॉक किए गए हैं ताकि ऐन वक्त पर कम्यूनिकेशन ना टूटे. 

एंटी ड्रोन सिस्टम की तैनाती
बाकायदा डीसीपी रैंक के अफसर हथियारों की क्वालिटी को बार-बार चेक कर रहे हैं. ये सब इसलिए किया जा रहा है कि ताकि किसी भी इमरजेंसी में सुरक्षा कर्मियों को हथियारों या फिर किसी भी चीज की सप्लाई चेन में रुकावट ना आए. जमीन पर तैयारी के साथ-साथ सुरक्षा एजेंसियां हवाई खतरों को भी लेकर सतर्क हैं. दिल्ली में प्रगति मैदान से लेकर के प्रधानमंत्री निवास के पूरे एरिया को नो फ्लाइंग जोन में डाला गया है. यानी कोई भी ऐसा ऑब्जेक्ट जिसे रिमोट से कंट्रोल किया जा रहा है, वह इस इलाके में उड़ेगा तो उसे फौरन गिरा दिया जाएगा. इसके लिए एंटी ड्रोन सिस्टम भी लगाया गया है.

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मेहमानों के होटलों में अंदर-बाहर ट्रेंड कमांडो तैनात
अगर मेहमानों के होटल पर कोई  हमला होता है तो वहां से उन्हें सुरक्षित निकालने के लिए वायू सेना के चॉपर को भी तैयार रखा गया है. साथ ही हर होटल में अंदर और बाहर खास ट्रेंड कमांडो तैनात किए गए हैं. इसके अलावा विदेशी मेहमानों के अपनी सीक्रेट सर्विस और सुरक्षा के इंतजाम अलग हैं.

दूसरे देशों की खुफिया एजेंसियों के संपर्क में हैं IB और RAW
जी20 में शामिल होने जा रहे मेहमानों के लिए दिल्ली पुलिस, पैरामिलिट्री फोर्सेज, एनएसजी, सीआरपीएफ की टीम तो हैं ही साथ ही आईबी और रॉ से भी लगातार इनपुट लिए जा रहे हैं. इतना ही नहीं सुरक्षा के मद्देनजर भारतीय खुफिया एजेंसियां ब्रिटेन की एमआई6, रूस की केजीबी, एमेरिका की सीआईए और इजराइल की मोसाद जैसी एजेंसियों के साथ भी बराबर संपर्क में हैं.

साइबर अटैक को लेकर भी सतर्कता
एजेंसियां साइबर अटैक को लेकर भी पूरी तरह से सतर्क है, एक्सपर्ट की एक टीम लगातार ऐसे खतरों पर नजर बनाए हुए हैं. खास तौर से उन होटलों में साइबर एक्सपर्ट की टीम कड़ी नजर रखे हुए है जहां पर विदेशी मेहमानों को ठहराया गया है. होटल में लगे सीसीटीवी कैमरे में आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस का भी इस्तेमाल किया जा रहा है. ताकि संदिग्धों की पहचान तुरंत की जा सके. होटल में जो स्टॉफ वीवीआईपी मेहमानों की देखभाल कर रहा है, उनका वेरिफिकेशन कई बार किया जा चुका है.

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हर जोन में एक कमांडर की तैनाती 
सुरक्षा के मद्देनजर होटल से भारत मंडपम यानी प्रगति मैदान तक के पूरे रास्ते को अलग-अलग ज़ोन या वैन्यू में बांट दिया गया है. हर ज़ोन या वैन्यू की सुरक्षा का जिम्मा अलग-अलग कमांडरों को सौंपा गया है. हर कमांडर विदेशी मेहमानों के सुरक्षाकर्मियों से सीधे संपर्क में रहेगा. यह सभी कमांडर आईपीएस अफसर होंगे. जिन होटलों में वीवीआईपी मेहमानों को रखा गया है, वहां हर फ्लोर के लिए अलग स्टाफ है. यहां तक की जो कार्ड उन्हें दिया गया है, वह खास जी-20 के लिए बनाया गया है. कोई भी स्टाफ अपनी मर्जी से ना तो घूम सकता और ना ही एक फ्लोर से दूसरे फ्लोर पर जा सकता है.

आसमान में सुरक्षा के लिहाज से 3 लेयर
दिल्ली में 8 से 10 सितंबर तक आसमान भी 3 सर्किल सिक्योरिटी से लैस होगा. ये सभी लेयर Integrated Command Control Centre से कंट्रोल होंगी. इन तीनों सुरक्षा घेरों को तीन हिस्सो में बंटा गया है. Long Range cover, Medium Range Cover और Short Range Cover.

Long Range cover
इसे फाइटर जेट और लड़ाकू हेलीकॉप्टर के Operation ready preparation and Combat Air Patrol के जरिये सुरक्षित किया गया है. सभी फारवर्ड एयर बेस को मिसाइल की मदद से अलर्ट पर रखा गया है. ताकि अगर 100 किलोमीटर की दूरी पर भी आसमान में कोई हरकत हो तो उससे बखूबी निपटा जा सके. बॉडर पर रफाल, जैगुआर और Mig29 के जरिए पेट्रोलिंग की जा रही है.

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Medium Range Cover
दिल्ली के आसपास के एयरबेस पर आकाश मिसाइल और पेचोरा मिसाइल को तैनात किया गया है ताकि अगर 25 से 30 किलोमीटर के दायरे में कोई हरकत हो तो उससे निपटा जा सके. इसके अलावा एयरफोर्स, नेवी और आर्मी ने अपनी एन्टी ड्रोन टेक्नोलॉजी भी तैनात की है.

Short Range Cover
उस घेरे को IGLA यानी Man-portable air defense missile system और Man pad missiles को दिल्ली और आसपास के तमाम VVIP लोकेशन पर तैनात किया गया है. Integrated Command Control Centre के जरिये चौबीसों घंटे सभी एयरबेस को live फीड के जरिये मॉनिटर किया जा रहा है.

एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त
भारत मंडपम के अलावा इंदिरा गंधी इंटरनेशनल एयरपोर्ट पर भी सुरक्षा के कड़े बंदोबस्त किए गए हैं. विदेशी मेहमानों के आने और जाने के दौरान बहुत सी उड़ानों पर असर पड़ सकता है. एयरपोर्ट के रनवे से लेकर हैंगर तक पर सुरक्षा एजेंसियां कड़ी नजर बनाए हुए हैं.

इमरजेंसी के लिए तीन अस्पताल तैयार
किसी भी इरजेंसी से निपटने के लिए दिल्ली के तीन अस्पतालों में खास तैयारी की गई है. इन अस्पतालों में आर्मी की टीम को भी तैनात किया गया है. जो जैविक हमले में घायल लोगों का इलाज करेगी. RML अस्पताल को वीवीआईपी डिलेगेट्स और हेड ऑफ स्टेट के लिए खास तौर पर तैयार किया गया है. अगर कोई हेल्थ इमरजेंसी आती है, तो वीवीआईपी कमरे तैयार किए हैं. जहां 24 घंटे डॉक्टर और हेल्थ स्टाफ ड्यूटी पर तैनात हैं.

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400 से ज्यादा क्विक रिस्पॉन्स टीम
दिल्ली पुलिस ने शिखर सम्मेलन के लिए पर्याप्त सुरक्षा व्यवस्था की है और कई सुरक्षा एजेंसियों के साथ समन्वय कर रही है. इसे भारतीय वायु सेना और राष्ट्रीय सुरक्षा गार्ड (एनएसजी) और कुछ केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों (सीएपीएफ) जैसी विशेष केंद्रीय एजेंसियों द्वारा सहायता प्रदान की जा रही है. अधिकारियों ने कहा कि भारत-तिब्बत सीमा पुलिस (आईटीबीपी) द्वारा आयोजित चार सप्ताह के विशेष प्रशिक्षण सत्र को पूरा करने वाली कुल 19 निशानेबाजों को भी शहर के रणनीतिक स्थानों पर शिखर सम्मेलन के दौरान तैनात किया जाएगा. इसके अलावा, अग्निशामकों और एम्बुलेंस के साथ 400 से अधिक क्विक रिस्पॉन्स टीम (क्यूआरटी) को रणनीतिक स्थानों पर तैनात किया जा रहा है.

 

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