मेडिकल हब बनेगा उत्तर प्रदेश! CM योगी ने की बड़ी बैठक, इस शहर का हुआ चयन!

मेडिकल डिवाइस पार्क (Medical Device Park) के निर्माण के लिए गौतमबुद्धनगर में जेवर एयरपोर्ट के पास की जमीन को चिन्हित किया है. इसके अलावा गाजियाबाद, लखनऊ, कानपुर नगर, गोरखपुर और हापुड़ में फॉर्मा पार्क बनाने की तैयारी है.

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उत्तर प्रदेश को मेडिकल हब के रूप में विकसित करने की तैयारी उत्तर प्रदेश को मेडिकल हब के रूप में विकसित करने की तैयारी

अभिषेक मिश्रा

  • नई दिल्ली,
  • 21 नवंबर 2022,
  • अपडेटेड 2:11 PM IST

उत्तर प्रदेश (UP) को मेडिकल हब के तौर पर पेश करने के उद्देश्य से बड़ी तैयारी की जा रही है. योगी सरकार (Yogi Government) प्रदेश के मध्य और पश्चिमी यूपी को बीफार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क (BPharma-Medical Device Park) के रूप में विकसित करेगी. इससे न केवल प्रदेशवासियों को सस्ता इलाज, दवा और जांचें मुहैया होंगी, बल्कि UP की अर्थव्यवस्था को भी रफ्तार मिलेगी.  

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UP की अर्थव्यवस्था को मिलेगी रफ्तार
उत्तर प्रदेश सरकार (UP Government) ने प्रदेश की अर्थव्यवस्था को रफ्तार देने के लिए मेडिकल इंडस्ट्री (Medical Industry) की ओर रूख किया है. योगी सरकार प्रदेश के मध्य और पश्चिमी यूपी को बीफार्मा और मेडिकल डिवाइस पार्क के रूप में विकसित करेगी. सरकार मेडिकल कंपनी को ब्याज पर सब्सिडी, कुल लागत पर सब्सिडी और स्टांप शुल्क पर भी छूट देगी. इसके साथ ही यूपी में बनी मेडिकल डिवाइस और दवाएं विदेशों में सप्लाई की जाएंगी. 

विदेशों में भी की जाएगी सप्लाई
यूपी के BPharma-Medical Device Park में बनाए जाने वाले मेडिकल डिवाइस और दवाओं को जर्मनी, फ्रांस, साउथ एशिया और USA में सप्लाई करने का प्लान है. मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ (Yogi Adityanath) ने एक हाई लेवल बैठक के दौरान कहा कि वर्तमान में मेडिकल इंडस्ट्री में बहुत ऑपर्च्युनिटीज हैं, क्योंकि यह डिमांडिंग इंडस्ट्री है. पूरे देश की बात करें तो उत्तर प्रदेश में सबसे ज्यादा सालाना लगभग 74 हजार फॉर्मा ग्रेजुएशन की पढ़ाई बच्चे पूरी करते हैं. ऐसे में यूपी को मेडिकल हब के रूप में आसानी से विकसित किया जा सकता है.

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गौतमबुद्धनगर का चयन
यूपी ग्रोथ स्टेट वैल्यू एडिशन (GSVN) वन बिलियन डॉलर से कम है. इसे बढ़ाकर 2 से 3 बिलियन डॉलर करने की जरूरत है. इस लक्ष्य को पाने के लिए मेडिकल डिवाइस पार्क को विकसित करने के लिए गौतमबुद्धनगर को चुना गया है. इस प्लान पर योगी सरकार 3 से 4 बिलियन डॉलर खर्च करने की तैयारी कर रही है. इसके तहत विदेशों और अन्य राज्यों में मेडिकल डिवाइस और दवाओं की सप्लाई के लिए ईस्टन डेडिकेटेड फ्रेट कॉरिडोर की भी स्थापना की जाएगी. यहां तैयार होने वाले डिवाइसेज की बात करें तो इनमें लैब उपकरण, नीडल, सूचर, डेंटल किट आदि की सप्लाई की जा सकती है, जबकि इनमें एक्स-रे मशीन के पाटर्स भी शामिल होंगे. 

इतनी जमीन की होगी जरूरत  
योगी आदित्यनाथ सरकार मेडिकल इंडस्ट्री की दिग्गज कंपनियों को यूपी में फॉर्मा पार्क की स्थापना के लिए जमीन खरीद पर 50 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी मुहैया कराएगी.  इसके साथ ही फॉर्मा पार्कों के अंदर बुनियादी सुविधाओं के साथ सामान्य सुविधाओं के निर्माण पर 60 प्रतिशत तक ब्याज पर सब्सिडी देगी और इसके साथ जमीन खरीद पर स्टांप शुल्क में छूट दी जाएगी. यूपी को मेडिकल इंडस्ट्री के रूप में विकसित करने के लिए करीब एक हजार से लेकर 17 सौ एकड़ जमीन की जरूरत पड़ेगी.

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रोजगार के अवसर पैदा होंगे
उत्तर प्रदेश में मेडिकल इंडस्ट्री की स्थापना से मेटल, मशीनरी, कांच, केमिकल और प्लास्टिक सेक्टर में भी ग्रोथ देखने को मिलेगी, क्योंकि बिना इनके फॉर्मा कंपनी अपने प्रोडेक्ट को तैयार नहीं कर सकती. एक अनुमान के मुताबिक, प्रदेश में इससे यह रोजगार प्रोडेक्शन, पैकेजिंग, सुपरवाइजर, प्रोडेक्शन मशीन ऑपरेटर, क्वालिटी कंट्रोल केमिस्ट और मैनेजर समेत कई क्षेत्रों में प्रति वर्ष 60 हजार रोजगार के नये अवसर पैदा होंगे. अभी यह आकड़ा 20 हजार से 40 हजार प्रति वर्ष है.  

 

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