Success Business Story: हार नहीं माने... पहली कंपनी बंद, थियेटर में बेचे स्नैक्स, फिर खड़ी कर दी 5000 करोड़ की कंपनी!

गुजरात के एक किसान परिवार में चंदूभाई विरानी (Chandubhai Virani) का जन्‍म हुआ था. इन्‍होंने शून्य से करोड़ों रुपये की कंपनी खड़ी कर दी और देशभर में अपने बिजनेस को फैलाया.

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चंदूभाई विरानी चंदूभाई विरानी

aajtak.in

  • नई दिल्‍ली ,
  • 05 मार्च 2024,
  • अपडेटेड 8:12 PM IST

बेहतर तैयारी से कोई भी काम किया जाए तो सफल होने से कोई नहीं रोक सकता. ऐसा ही कुछ एक शख्‍स ने करके दिखाया है, जिसने छोटी से नौकरी से शुरुआत करते हुए हजारों करोड़ की कंपनी खड़ी कर दी. हम बात कर रहे हैं बालाजी वेफर्स प्राइवेट लिमिटेड (Balaji Wafers Pvt. Ltd) के फाउंडर चंदूभाई विरानी (Chandubhai Virani) की. 

गुजरात के एक किसान परिवार में चंदूभाई विरानी (Chandubhai Virani) का जन्‍म हुआ था. इन्‍होंने शून्य से करोड़ों रुपये की कंपनी खड़ी कर दी और देशभर में अपने बिजनेस को फैलाया. उनका यह सफर काफी चुनौतीपूर्ण रहा. 20 हजार रुपये से इन्‍होंने राजकोट में एग्रीकल्‍चर प्रोडक्‍ट और एग्रीकल्‍चर यंत्रों का बिजनेस शुरू किया था, लेकिन यह कारोबार ज्‍यादा समय तक चल नहीं पाया और 2 साल के भीतर ही खत्‍म हो गया. इस कारण परिवार आर्थिक संकट में घिर गया. 

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1000 रुपये की नौकरी की 
परिवार की फाइनेंशियल कंडीशन को सुधारने के लिए चंदूभाई ने छोटी-मोटी नौकरियां भी की. एस्ट्रोन नामक एक सिनेमाघर में वे सीटों की मरम्‍मत करते थे. इसके अलावा, कंपनी के पोस्‍टर चिपकाने और थिएटर में स्नैक्स बेचने जैसे कई काम करते थे. इसके लिए उन्‍हें हर महीने 1000 रुपये मिलते थे. चंदूभाई विरानी इस नौकरी से खुश नहीं थे और अब बारी थी फिर से अपना कुछ शुरू करने की. 

फिर से शुरू किया बिजनेस 
फिर क्‍या था? उन्‍होंने लोगों की मांग को समझा और इस बार पूरी तैयारी के साथ चंदूभाई ने एक बार फिर बिजनेस करने का जोखिम उठाया. उन्‍होंने अपने घर में ही एक अस्‍थायी शेड बनाया और 10 हजार रुपये के मामूली न‍िवेश के साथ चिप्‍स का बिजनेस शुरू कर दिया. घर पर बने इस चिप्‍स को थिएटर के अंदर और बाहर दोनों जगहों पर लोगों ने खूब पसंद किया. 

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कुछ इस तरह कंपनी की रख नींव 
इस सफलता के बाद चंदूभाई ने बड़ा रिस्‍क उठाया और 1982 में बैंक से 1.5 लाख रुपये का लोन लिया और पहली फैक्‍ट्री खोलने की तैयारी कर ली. राजकोट के आजी जीआईडीसी में गुजरात की सबसे बड़ी आलू वेफर फैक्ट्री खोलने के दौरान, उन्‍होंने बैंक से कुल 1 करोड़ रुपये का लोन लिया. अच्‍छा रिस्‍पांस मिलने के बाद चंदूभाई और उनके भाइयों ने 1992 में बालाजी वेफर्स प्राइवेट लिमिटेड की स्थापना की. इस कंपनी की शुरुआत 6.5 मिलियन किलोग्राम आलू और 10 मिलियन किलोग्राम नमकीन की दैनिक उत्पादन क्षमता के साथ हुई. 

5000 करोड़ रुपये का टर्नओवर 
मौजूदा समय में चंदूभाई वियानी (Chandubhai Virani) की बालाजी वेफर्स एक बड़ी कंपनी बन चुकी है, जो भारत के 43,800 करोड़ रुपये के स्‍नैक्‍स मार्केट का 12 प्रतिशत हिस्‍सेदारी रखता है. यह भारत की तीसरी स्‍नैक्‍स सेलर कंपनी है. पिछले साल मार्च में कंपनी का टर्नओवर 5000 करोड़ रुपये था. इस कंपनी में 7000 कर्मचारी काम करते हैं, जिसमें 50 फीसदी महिलाएं हैं. यह कंपनी हर घंटे 3,400 किलोग्राम चिप्स का उत्पादन करती है. 

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