पिछले करीब तीन दशक से म्यूचुअल फंड में निवेश का सबसे लोकप्रिय डेस्टिनेशन बना हुआ है, खासकर युवाओं को म्यूचुअल फंड में SIP बेहतर विकल्प लगता है. क्योंकि छोटी-छोटी रकम से निवेश की शुरुआत कर सकते हैं और उससे बड़ा फंड जुटा सकते हैं.
लेकिन फिलहाल ETF की खूब बात हो रही है. कुछ लोग तो ETF को म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) से निवेश के लिए बेहतर विकल्प मान रहे हैं. हालांकि अभी भी देश में ETF के मुकाबले म्यूचुअल फंड में निवेश करने वालों की संख्या काफी ज्यादा है. लेकिन ये भी सच है कि गत वर्षों में ETF की तरह लोगों का झुकाव बढ़ा है, निवेशक अब ETF के बारे में जानना गहराई से चाहते हैं.
अगर आप भी ETF में निवेश करना चाहते हैं तो हम आपको बताते हैं कि कब और कैसे निवेश कर पैसा बना सकते हैं. जब आप खास रणनीति के तहत ETF में निवेश करेंगे, तो दूसरों के मुकाबले ज्यादा प्रॉफिट निकाल पाएंगे. जहां तक म्यूचुअल फंड से ETF की तुलना की बात है, तो बीते कुछ वर्षों में ETF ने मोटा पैसा बनाकर दिया है, जो कि म्यूचुअल फंड के मुकाबले ज्यादा है. जिस वजह से ETF ने निवेशकों को आकर्षित किया है.
ETF क्या है?
आसान तरीके से समझें तो ETF एक निवेश का विकल्प है. एक्सचेंज ट्रेडेड फंड (ETF) के जरिये शेयर बाजार में निवेश किए जाते हैं. ETF के माध्यम से शेयरों के एक सेट में निवेश किया जाता है. ये आमतौर पर एक खास इंडेक्स को ट्रैक करता है.
ETF कैसे खरीदें?
शेयर की तरह ही ETF को स्टॉक एक्सचेंजों पर खरीदा और बेचा जाता है. ईटीएफ को ट्रेडिंग अवधि के दौरान किसी भी समय बेचा जा सकता है. बिल्कुल जिस तरह आप शेयर खरीद और बेचते हैं. ETF में निवेश के लिए आपके पास एक डिमैट अकाउंट होना जरूरी है.
ETF में कब निवेश करें?
ETF में निवेश करने वालों के लिए यही समय चुनना सबसे जरूरी होता है. आप बिना जानकारी के ईटीएफ में पैसे लगाकर फंस सकते हैं. इसलिए ETF निवेश का सबसे आसान तरीका है- 'Buy on Dips', यानी जब-जब बाजार में या ETF इंडेक्स में गिरावट आए आप ETF में पैसे लगाएं.
उदाहरण के लिए अगर महीने में 5 दिन ही शेयर बाजार में गिरावट आती है, तो आप इन 5 दिन में ही ईटीएफ में पैसे लगाएं. अगर आपको 50000 रुपये ईटीएफ में लगाना है, तो आप उसे 5 भागों में बांट दें, और जिस-जिस दिन इंडेक्स में गिरावट देखने को मिले, उस-उस दिन 10-10 हजार करके निवेश कर दें.
इसके अलावा एक और खास फॉर्मूला है- 7, 14, 21, 28. आप महीने की ये 4 तारीख को नोट कर लें. अगर आपको ETF में हर महीने 20 हजार रुपये लगाना है तो आप 7 तारीख को 5000, 14 तारीख को 5000 रुपये, 21 तारीख को 5 हजार और 28 तारीख को 5 हजार अपने पसंदीदा ETF में लगा दें, आपको दूसरों के मुकाबले बेहतर रिटर्न मिलेंगे. अगर 7, 14, 21, 28 तारीख को शनिवार या रविवार रहता है तो फिर एक दिन आगे पीछे कर सकते हैं. लेकिन इस फॉर्मूले में जब आप कई महीने तक ETF में पैसे लगाएंगे, तो जब-जब बाजार ऊपर जाएगा, आपका पोर्टफोलियो ज्यादा ग्रीन दिखेगा.
बता दें, रिटेल निवेशकों में धीरे-धीरे ETF लोकप्रिय हो रहा है. इसका कारण है कि इसका शानदार रिटर्न. कुछ ETF ने बीते एक साल में ही 100 फीसदी तक रिटर्न दिया है. ETF के जरिये इंडेक्स, कमोडिटी, बॉन्ड्स में निवेश किए जाते हैं. एम्फी के अनुसार ETF वे फंड हैं, जो CNX Nifty या BSE Sensex जैसे इंडेक्स को ट्रैक करते हैं. हर ईटीएफ के लिए फंड मैनेजर होते हैं, जिससे निवेशक को शेयरों की खरीदारी या बिकवाली नहीं करनी पड़ती है.
आइए जानते हैं, म्यूचुअल फंड के मुकाबले ईटीएफ में निवेश करना क्यों फायदेमंद है.
- जिस तरह से शेयर की खरीद-बिक्री करते हैं, ठीक उसी तरह से EFT की भी खरीद-बिक्री कर सकते हैं.
- शेयर बाजार में ट्रेडिंग के दौरान ETF पर नजर रख सकते हैं, इसमें निवेश ज्यादा पारदर्शी होता है.
- ईटीएफ को आसानी से बेचा जा सकता है, जिस तरह से शेयर को बेचते हैं.
- ETF के जरिये अलग-अलग सेक्टर में निवेश किया जा सकता है.
- ईटीएफ से मिलने वाले डिविडेंड पर कोई आयकर नहीं लगता है.
- म्यूचुअल फंड के मुकाबले ईटीएफ में निवेश पर कम एक्सपेंस रेशियो लगता है.
- ETF की निकासी पर निवेशकों को कोई एग्जिट लोड नहीं देना पड़ता है.
- अगर म्यूचुअल फंड में SIP करते हैं तो हर महीने ये ऑटोडेबिट हो जाएगा, जबकि ETF में जब आपका मन हो, तब निवेश कर सकते हैं.
(नोट: कहीं भी निवेश से पहले वित्तीय सलाहकार की मदद की जरूर लें)
अमित कुमार दुबे