Credit Score: लोन देने से इनकार नहीं कर पाएगा बैंक... बस इन 5 बातों का रखें ध्यान, झटपट होगा काम

Good Cibil Score important for Bank Loan know which Credit Score is good and how to increase this tutc

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बैंक से लोन पाने में सिबिल स्कोर की खास अहमियत बैंक से लोन पाने में सिबिल स्कोर की खास अहमियत

दीपक चतुर्वेदी

  • नई दिल्ली,
  • 14 मई 2024,
  • अपडेटेड 10:45 AM IST

आज के समय में ज्यादातर लोगों को कभी न कभी लोन (Loan) या कर्ज लेने की जरूरत पड़ ही जाती है, फिर बात चाहे नया घर लेने की हो या फिर बच्चे की पढ़ाई या शादी की. ऐसे में लोग बैंक का रुख करते हैं और लोन के लिए अप्लाई करते हैं. लेकिन जरूरी नहीं कि सभी आवेदकों को लोन मंजूर ही हो जाए. दरअसल, Bank Loan Process में सिबिल स्कोर या क्रेडिट स्कोर का अहम रोल होता है और ये आंकड़ा ही आपका लोन पास कराने का प्रमुख जरिया होता है. अगर ये दुरुस्त होता है, तो फिर बैंक आपको कर्ज देने में टाइम नहीं लगाएगा. हम आपको बता रहे हैं कि कितना सिबिल स्कोर सही होता है और इसे बेहतर कैसे बनाए रखा जा सकता है? 

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इतना सिबिल स्कोर, तो टेंशन नहीं

सिबिल स्कोर (Cibil Score) या क्रेडिट स्कोर (Credit Score) ही वो जरूरी चीज होती है, जिसके अच्छे होने पर फटाफट बैंक लोन अप्रूव कर देता है, लेकिन अगर ये खराब होता है तो फिर कर्ज मिलना मुश्किल हो जाता है. अगर आपको भी लोन देने में बैंक आनाकानी कर रहा है, तो एक बार अपने सिबिल स्कोर को जरूर चेक कर लें. आपका सिबिल जितना ज्यादा होगा, उतनी ही आसानी से बैंक आपको कर्ज (Bank Loan) दे देगा. 700 से ऊपर सिबिल स्कोर बेहतर कैटेगरी में आता है. 

क्या दर्शाता है सिबिल स्कोर का आंकड़ा

अब बात करते हैं कि आखिर ये सिबिल स्कोर क्यों जरूरी है और इसके जरिए बैंक लोन कैसे प्रभावित होता है. तो बता दें कि दरअसल, इस आंकड़े के जरिए बैंक ये पता लगाते हैं कि आप लिया गया कर्ज चुकाने में सक्षम हैं और इसे लौटाने में लेट-लतीफी नहीं करेंगे. यानी यह आपको कर्ज देने के लिए बैंकों को भरोसा दिलाने वाला फैक्टर होता है. आमतौर पर बैंकों की ओर से तय किए गए मानकों को देखें तो किसी भी व्यक्ति का क्रेडिट स्कोर 300 से 900 पॉइंट्स के बीच होता है और 700 से ऊपर सिबिल स्कोर को अच्छा (Best Credit Score) माना जाता है.

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खराब स्कोर बनता है लोन में रोड़ा

अगर आपका क्रेडिट स्कोर खराब है या 700 के बहुत नीचे है, तो आपको लोन मिलने में रोड़ा अटक सकता है. ऐसे में इसे दुरुस्त करना बेहद जरूरी है. इसके कुछ टिप्स हैं, जिन्हें अपनाकर आप आसानी से लोन हासिल कर सकते हैं और इसमें पहला है समय पर अपनी EMI या बकाये का भुगतान करना. अगर आपके पहले से कोई लोन (Loan), जैसे होम लोन (Home Loan), पर्सनल लोन (Personal Loan) या ऑटो लोन (Auto Loan) ले रखा है. चाहे वो क्रेडिट कार्ड के जरिए ही क्यों न लिया गया हो. इसका भुगतान समय पर करना आपके सिबिल स्कोर (Cibil Score) को बिगड़ने नहीं देगा. इसलिए अपने सिबिल को दुरुस्त रखने के लिए सबसे अच्छा तरीका ये है कि लोन की ईएमआई का पेमेंट (EMI Payment) लेट न करें और तय समय पर इसे भर दें.

क्रेडिट कार्ड यूज में बरतें सावधानी 

क्रेडिट कार्ड (Credit Card) का क्रेज खासा बढ़ा है और लोगों के लिए अपनी जरूरतें पूरी करने का बड़ा साधन बन गया है. हालांकि, इसके फायदे होने के साथ ही साइडइफेक्ट भी बहुत हैं. Cibil Score के मद्देनजर इसकी बात करें तो आपको अपनी क्रेडिट लिमिट (Credit Limit) का इस्तेमाल बेहद सावधानी से करना चाहिए. बैंक द्वारा दी गई क्रेडिट लिमिट का पूरा उपयोग न करें, बल्कि बहुत बड़ी जरूरत न हो, तो इस लिमिट के 30-40 फीसदी का इस्तेमाल करें. 

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एक साथ कई कर्ज लेने से बचें 

अपना सिबिल स्कोर संभालने के लिए एक और सबसे जरूरी बात है कि आप एक साथ कई तरह से कर्ज लेने से बचें, ये आपके लिए नुकसानदेय साबित हो सकता है और इसका असर सीधे आपके सिबिल स्कोर पर पड़ता है. अक्सर देखा जाता है कि लोग एक साथ कई Loan ले लेते हैं और फिर उनकी पेमेंट में उन्हें दिक्कतों का सामना करना पड़ता है. लेकिन ऐसा करना आपकी वित्तीय सेहत (Financial Health) की हालत पतली कर सकता है. ऐसे में कोशिश करें कि अगर कोई नया लोन (New Loan) लेना चाहते हैं, तो फिर पहले पुराने सभी कर्ज चुकाने के बाद ही अप्लाई करें.

जरूरत के मुताबिक ही लें Loan

अपनी क्रेडिट रेटिंग (Credit Rating) सुधारने के लिए आप किसी Bank या वित्तीय संस्थान से उतना ही कर्ज लें, जितना आसानी से चुका पाएं. क्योंकि ज्यादा कर्ज लेने पर ईएमआई (EMI) अधिक होगी और अगर आप इसके भुगतान में कोई कोताही बरतते हैं, तो फिर इसका सीधा असर आपके सिबिल स्कोर पर होगा. सिबिल स्कोर खराब होगा तो नए लोन में दिक्कत पेश आएगी. इसके अलावा नियमित रूप से अपनी क्रेडिट रिपोर्ट की निगरानी भी जरूरी है, इससे आपको किसी भी तरह की कमी की पहचान करने में मदद मिल सकती है, जिससे आप सही समय पर उपयुक्त सुधार कर सकते हैं.

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