इस बार बजट भाषण की शुरुआत में वित्त मंत्री ने भारत को दुनिया का अकेला ऐसा देश बताया था, जहां पर हाई ग्रोथ के साथ ही कम महंगाई दर है. कुछ यही दावा आर्थिक सर्वे में भी किया गया था. हालांकि भारत में खाने पीने के सामानों की महंगाई अभी भी बेकाबू है. लेकिन जैसे ही इसकी तुलना दुनिया के दूसरे देशों से की जाती है तो ये साफ हो जाता है कि वैश्विक स्तर पर महंगाई के मोर्चे पर भारत की स्थिति काफी बेहतर है.
दरअसल, दुनिया में सबसे ज्यादा महंगाई अर्जेंटीना में है और वर्ल्ड ऑफ स्टेटिस्टिक्स के आंकड़ों के मुताबिक अर्जेंटीना की महंगाई दर भारत से करीब 60 गुना ज्यादा है, जहां पर महंगाई दर 272 फीसदी है. इसके बाद सीरिया दूसरे पायदान पर है, जहां महंगाई दर 140 फीसदी है. 71.6 फीसदी महंगाई दर के साथ इस लिस्ट में तुर्की तीसरे स्थान पर है. इसके बाद लेबनान में 51.6 फीसदी, वेनेजुएला में 51.4 फीसदी, नाइजीरिया में 34.19 फीसदी, मिस्र में 27.5 फीसदी, पाकिस्तान में 12.6 फीसदी, बांग्लादेश में 9.72 फीसदी और रूस में 8.6 फीसदी महंगाई दर है.
टॉप-10 महंगे देशों में पाकिस्तान-बांग्लादेश
भारत के पड़ोसी देश पाकिस्तान और बांग्लादेश इस लिस्ट में टॉप-10 महंगे देशों में शामिल है. पाकिस्तान की महंगाई दर भारत से करीब ढाई गुना ज्यादा है. World of Statistics ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म एक्स पर दुनियाभर के देशों में महंगाई को लेकर जो लिस्ट जारी की है उसके मुताबिक इस लिस्ट में भारत 13वें नंबर पर है जहां महंगाई दर 5.08 फीसदी है.
ऐसे में 2023-24 में 8.2 फीसदी की ग्रोथ दर्ज करने के बाद 6 फीसदी से कम महंगाई दर रखने वाला भारत काफी हद तक इस मामले में बाकी देशों से बेहतर स्थिति है.
भारत में खाद्य-पेय महंगाई ने बढ़ाई मुश्किल
लेकिन भारत की असली समस्या खाद्य और पेय पदार्थों की महंगाई है. इस मामले में भारत को कड़ा संघर्ष करना पड़ रहा है क्यों देश में खाद्य महंगाई दर लंबे समय से 8 फीसदी के ऊपर बनी हुई है. रोजमर्रा की खरीदारी के लिहाज से ये महंगाई लोगों को सबसे ज्यादा प्रभावित करती है.
इसके अलावा भी भारत में एजुकेशन इंफ्लेशन और दूसरे कई सेगमेंट्स में महंगाई 6 फीसदी से ज्यादा है. इसलिए कुल औसत को कंट्रोल करने के बावजूद भारत को अभी भी महंगाई के मोर्चे पर कड़ी मेहनत करने की जरुरत है.
आदित्य के. राणा