बिहार से निकलकर लंदन में भारत का डंका बजाने वाले अरबपति अनिल अग्रवाल (Anil Agarwal) का Bihar प्रेम सभी जानते हैं. जब भी वे यहां आते हैं, तो सोशल मीडिया पर यात्रा के हर पड़ाव के बारे में फोटो-वीडियो शेयर करते रहते हैं. एक बार फिर उन्होंने ट्विटर (Twitter) पर बिहार के प्रति अपना प्रेम और लगाव व्यक्त किया है, साथ ही यहां से बाहर निकलने का दर्द भी बयां किया.
घर छोड़कर जाना 'होमसिक' का मतलब
वेदांता चेयरमैन (Vedanta Chairman) अनिल अग्रवाल ने अपने ट्विटर अकाउंट से एक के बाद एक चार ट्वीट किए. इसके साथ ही उन्होंने हाथों में लिट्टी-चोखा की थाली पकड़े हुए एक तस्वीर भी शेयर की है. उन्होंने अपने पहले ट्वीट में लिखा, 'जैसा कि आप सभी जानते हैं, अंग्रेजी मेरी पहली भाषा नहीं है, लेकिन जब मुझे काम के लिए बिहार छोड़ना पड़ा, तब मुझे 'Homesick' शब्द का अर्थ समझ में आया.
बिहार की व्याख्या के लिए शब्द कम
अनिल अग्रवाल ने अपने ट्वीट (Anil Agarwal Tweet) में आगे लिखा कि इस जगह के लिए मेरे प्यार की व्याख्या करने के लिए पर्याप्त शब्द नहीं हैं. बिहार की हर बात पूरी दुनिया से हट कर है.' वे यहीं नहीं रुके और अपने अगले ट्वीट में उन्होंने लिखा, 'जैसे ही मुझे बिहार का रोड साइन दिखना शुरू होता है, मैं बहुत खुश हो जाता हूं.' बिहार आने का मतलब मेरे लिए मेरा बचपन है, जो प्यार... खुशी और अच्छे खाने से भरपूर है.
बिहार यात्रा का अनुभव शेयर किया
अपनी हालिया बिहार यात्रा का जिक्र करते हुए वेदांता चेयरमैन कहते हैं कि मुझे हाल ही में उन गलियों में वापस जाने का मौका मिला, जहां मैं बड़ा हुआ था.....और सबसे पहले मैंने लिट्टी को धनिया चटनी और बैगन चोखा के साथ खाया...एक दम लाजवाब. उन्होंने पुरानी यादें ताजा करते हुए लिखा, 'मुझे अभी भी याद है कि ठंड के दिनों में सभी बच्चे आग के चारों ओर बैठते थे और बड़ों को लिट्टी चोखा बनाने में मदद करते थे. पूरी दुनिया ने देखा, इससे अच्छा खाना कुछ नहीं.'
'घर वहीं जहां तेरा दिल'
भारतीय अरबपति ने जो तस्वीर ट्विटर पर शेयर की है, उसमें उनके हाथ में एक थाली है. उनकी ये थाली लिट्टी-चोखा से भरी हुई है और उनके चेहरे पर मुस्कान बिखरी हुई है. अपने चौथे ट्वीट पोस्ट में अनिल अग्रवाल ने लिखा, 'कहते हैं घर वहीं है, जहां तेरा दिल है...मेरा दिल, मेरा बचपन, मेरा सब कुछ इस खाने की थाली में है.'
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