गोवा एक ऐसा टूरिस्ट डेस्टिनेशन, जहां घूमने के लिए देश ही नहीं दुनिया भर से लाखों लोग हर साल पहुंचते हैं. यहां के खूबसूरत बीच के किनारे घर बसाने का लोग सपना भी देखते हैं. देश के दूसरे राज्यों के सैकड़ों ऐसे लोग हैं जिन्होंने अपने लिए यहां घर भी खरीदा है, लेकिन आने वाले वक्त में ऐसे लोगों के लिए मुश्किल बढ़ने वाली है.
पिछले कुछ सालों में,गोवा में सेकंड होम खरीदने की चलन बढ़ा है. दिल्ली, मुंबई और अन्य महानगरों के लोग गोवा में दूसरा घर खरीदकर इसे छुट्टियों के लिए या किराए पर देने के लिए इस्तेमाल कर रहे हैं. हालांकि, हाल के नियमों और सरकारी नीतियों ने इस प्रथा को अवैध या चुनौतीपूर्ण बना दिया है.
कुछ दिन पहले ही गोवा के पर्यटन मंत्री रोहन खाउंटे ने विधानसभा में इस मुद्दे को उठाते हुए कहा था कि बाहरी राज्यों के लोग, खासकर दिल्ली और अन्य महानगरों से, गोवा में मकान खरीदकर उन्हें अवैध होमस्टे के रूप में उपयोग कर रहे हैं. ये मकान पर्यटकों को किराए पर दिए जाते हैं, लेकिन इन्हें गोवा पर्यटन विभाग के साथ रजिस्टर्ड नहीं किया जाता. इस तरह की गतिविधियां न केवल स्थानीय पर्यटन व्यवसाय को नुकसान पहुंचाती हैं, बल्कि राज्य सरकार के लिए नियामक चुनौतियां भी पैदा करती हैं.
गोवा में पर्यटन विभाग के नियमों के अनुसार, किसी भी मकान को होमस्टे के रूप में उपयोग करने के लिए पर्यटन विभाग के साथ रजिस्ट्रेशन अनिवार्य है. बिना रजिस्ट्रेशन के मकान को किराए पर देना अवैध माना जाता है. ऐसे में, सेकंड होम के मालिक जो अपने मकान को पर्यटकों को किराए पर देते हैं, वे कानूनी दायरे में आ सकते हैं. पर्यटन मंत्री का कहना है कि अवैध होमस्टे स्थानीय होटल और रजिस्टर्ड होमस्टे व्यवसाय को नुकसान पहुंचा रहे हैं. पर्यटक इन सस्ते और अनियंत्रित आवासों की ओर आकर्षित होते हैं, जिससे स्थानीय व्यवसायों को प्रतिस्पर्धा में नुकसान होता है.
बीजेपी विधायक माइकल लोबो ने विधानसभा में बताया था कि अवैध होमस्टे में ठहरने वाले पर्यटक अक्सर अनियंत्रित व्यवहार करते हैं, जिससे स्थानीय निवासियों को परेशानी होती है.
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गोवा सरकार ने पर्यटन क्षेत्र को और अधिक व्यवस्थित और सुरक्षित बनाने के लिए हाल ही में कई नए नियम लागू किए हैं. इनमें से कुछ नियम सीधे तौर पर सेकंड होम और अवैध होमस्टे से संबंधित हैं.
गोवा पर्यटन स्थल (संरक्षण एवं रखरखाव) संशोधन विधेयक, 2025
गोवा विधानसभा ने 2025 में इस विधेयक को पारित किया, जिसका उद्देश्य पर्यटन स्थलों पर अनधिकृत गतिविधियों को नियंत्रित करना है. इस कानून के तहत, अनधिकृत होमस्टे, अवैध फेरी, और पर्यटकों को परेशान करने वाली गतिविधियों पर सख्त कार्रवाई की जाएगी. उल्लंघन करने वालों पर ₹5,000 से ₹1 लाख तक का जुर्माना लगाया जा सकता है, जो अपराध की गंभीरता पर निर्भर करता है.
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गोवा पर्यटन विभाग ने टूरिस्टों के लिए यह अनिवार्य कर दिया है कि वे केवल पर्यटन विभाग के साथ रजिस्टर्ड होटल या होमस्टे में ही रुकें. अनरजिस्टर्ड मकानों में ठहरने पर मकान मालिक और पर्यटक दोनों को कानूनी कार्रवाई का सामना करना पड़ सकता है. यह नियम टूरिस्टों की सुरक्षा और गोवा में पर्यटन के अनुभव को बेहतर बनाने के लिए लागू किया गया है.
हालांकि गोवा में सेकंड होम खरीदना अपने आप में अवैध नहीं है, लेकिन इसके उपयोग से संबंधित गतिविधियां अवैध हो सकती हैं. इन वजहों से सेकंड होम खरीदना और उसका उपयोग जोखिम भरा हो सकता है-
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